– स्मार्ट सिटी भी 15 इलेक्ट्रिक बसें खरीद मनपा परिवहन विभाग को संचलन के लिए देंगी,जिसका टेंडर अगले सप्ताह में जारी होगा
नागपुर – पर्यवरणपुरक व ईंधन खर्च में कटौती हेतु मनपा प्रशासन जल्द ही 130 बसों के लिए इलेक्ट्रिक बसों का टेंडर जारी करने वाली है।जिसमें से पहले 115 बसों के लिए केंद्र सरकार ने मनपा प्रशासन को 77 करोड़ का अनुदान दिया हैं। शेष 15 बसें स्मार्ट सिटी प्रकल्प प्रबंधन खरीद कर मनपा परिवहन विभाग को संचलन के लिए देने वाली है। जिसका टेंडर इसी माह में जारी होने की जानकारी मिली हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 वें वित्त आयोग से वर्ष 2020-21,वर्ष 2021-22 अंतर्गत मनपा प्रशासन को 115 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए 77.52 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। यह इलेक्ट्रिक बसें AC से लैस होगी। मनपा प्रशासन उक्त राशि से इलेक्ट्रिक मिडी बसें खरीदने के लिए इस माह टेंडर जारी करने वाली है।
टेंडर शर्तों के मुताबिक मनपा प्रशासन संभावित कांट्रेक्टर कंपनी को प्रति बस 45-45 लाख रुपये देंगी,बसों की कीमत प्रति बस डेढ़ करोड़ आंकी गई है। शेष राशि अगले 12 वर्षो में प्रति किलोमीटर के हिसाब से देने वाली है।
यह भी जानकारी मिली है कि योजना आयोग के माध्यम से वर्ष 2022-23 में 27 करोड़,वर्ष 2023-24 में 28 करोड़, वर्ष 2024-25 में 30 करोड़ और वर्ष 2025-26 में 30 करोड़ बतौर अनुदान मनपा को प्राप्त होंगे,जिससे इलेक्ट्रिक मिडी बसों की खरीदी कर क्रमबद्ध JNNURM की बसें सेवा से मुक्त की जाएगी।
इसके अलावा मनपा को केंद्र सरकार के FAME -2 योजना के तहत बकाया 60 बसों के लिए भी अनुदान मिलने की उम्मीद जताई गई।
फिलहाल FAME -2 अंतर्गत 40 बसों का टेंडर जारी हो चुका है,जिसमें से 15 बसें मार्च 2022 और शेष 25 बसें अप्रैल 2022 में मनपा बेड़े में शामिल होने की संभावना हैं।वर्तमान में 6 इलेक्ट्रिक बसें मनपा परिवहन विभाग मार्फत सेवारत है। यह 6 बसें राज्य सरकार के द्वारा महिला स्पेशल संचलन के लिए दिया गया था,जिसके लिए राज्य सरकार ने 9.5 करोड़ की राशि मनपा प्रशासन को दी थी।
इस तरह वर्ष 2027 में 433 बसें केंद्र सरकार के अनुदान की सहायता से मनपा मार्फ़त शहर के नागरिकों को समर्पित की जाएगी।इसी दौरान JNNURM की पुरानी हो चुकी बसें ‘आपली बस’ के बेड़े से क्रमवार हटा दिया जाएगा।
उल्लेखनीय यह है कि इलेक्ट्रिक बसों को रोजाना चार्ज करने के लिए लगने वाली बिजली सस्ते दरों में मुंबई और पुणे के तर्ज पर मिले,इसके लिए राज्य के ऊर्जा मंत्रालय और सम्बंधित विभाग से पत्र व्यवहार भी किया जाएगा,ताकि यात्रियों को किराया भाड़ा का भार न पड़े.
हाइड्रो-CNG भी अगला पर्याय
चरणबद्ध इलेक्ट्रिक बसों को लेने के पीछे यह भी तर्क लगाया जा रहा कि देश में हाइड्रो-CNG का सफल प्रयोग हो गया तो इस नए प्रकार के ईंधन से चलने वाली बसों का निर्माण भी शुरू हो जाएगा,जो की और सस्ता ईंधन साबित हो सकता है,ऐसे वक़्त में इलेक्ट्रिक की बजाय हाइड्रो-CNG से चलने वाली बसों को ‘आपली बसों’ के बेड़े में शामिल करने में आसानी होगी।