– महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की ओर से भोपाल में ‘सी-20’ परिषद में शोधकार्य की जानकारी प्रस्तुत !
भोपाल :-परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवले के मार्गदर्शन में महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की ओर से आध्यात्मिक विषयों पर अनोखा वैज्ञानिक शोधकार्य किया जा रहा है । ऑरा एवं एनर्जी स्कैनर आदि उपकरण का उपयोग कर किया यह शोधकार्य प्राचीन भारतीय सीख से मेल खाता है । इसके साथ ही हजारों वर्षाें पूर्व अपने ऋषि-मुनियों द्वारा विश्व को दिया गया ज्ञान भी यथार्थ होना, इस शोधकार्य से ही सिद्ध हुआ है । यह शोधकार्य अपने जीवन पर सूक्ष्म जगत का कैसे प्रभाव पडता है, इसका भी ज्ञान करवाके देता है, ऐसी जानकारी ‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’के शॉन क्लार्क ने दी ।
हाल ही में भोपाल में ‘सेवा-सेवाभाव, परोपकार एवं स्वयंसेवा’ इस कार्यकारी गट द्वारा ‘सी-20’ परिषद का आयोजन किया था । इस परिषद में ‘स्वतंत्र सेवा योगियों की सर्वाेत्तम पद्धति’ अर्थात ‘एकल सेवा कार्यकर्ता’ इस सत्र में क्लार्क बोल रहे थे । इस वर्ष भारत के पास जी-20 परिषद का अध्यक्षपद है । ‘सी-20’ यह ‘जी-20’ परिषद की नागरी शाखा है ।
इस अवसर पर शॉन क्लार्क ने महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की ओर से अबतक किए गए शोधकार्य के विशेष पहलुओं पर प्रकाश डाला । वे बोले, ‘‘अध्यात्म एक्जिमा, व्यसनाधीनता, मानसिक बीमारियों के साथ ही स्वास्थ्य से संबंधित विविध समस्याओं पर मात करने के लिए उपयोगी है । यज्ञ के माध्यम से भी वनस्पति एवं मनुष्य प्राणि को आध्यात्मिकदृष्टि से लाभ होता है । संगीत में भी यह आध्यात्मिक नियम लागू होता है । संगीत की विविध शैली एवं उनका किसी के आभामंडल पर होनेवाले परिणामों के विषय में आध्यात्मिक शोध किया गया । इससे उच्च आध्यात्मिक स्तर के संतों द्वारा गाए भक्तिगीत से व्यक्ति के आभामंडल पर सकारात्मक परिणाम होता है, जबकि हेवी मेटल संगीतद्वारा व्यक्ति की नकारात्मक ऊर्जा बढाती है ।’’
महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय को अन्य ‘सी-20’ परिषदों में सम्मिलित होने हेतु निमंत्रित किया गया है । 9 जून ते 12 जून 2023 तक अरुणाचल प्रदेश के नामसाई में आयोजित परिषद में महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय का सहभाग था ।