शिवसेना का विराट दशहरा सम्मेलन : शिवतीर्थ पर उमड़ा शिवसैनिकों का हुजूम

– हिम्मत हो तो चुनाव कराओ, जनता तय करेगी कौन पात्र, कौन अपात्र – उद्धव ठाकरे की ललकार

मुंबई :- कल शिवसेना के दशहरा सम्मेलन का अपार उत्साह देखने को मिला। महाराष्ट्र के कोने-कोने और देश के अलग-अलग हिस्सों से हजारों शिवसैनिक मुंबई आए थे। शिवतीर्थ की ओर जानेवाली सभी सड़कें भगवा झंडों, भगवा गमछों, भगवा वेश, भगवा फलकों से भगवा रंग में भगवामय हो उठीं। मुंबई ने निष्ठावान और एकनिष्ठ शिवसैनिकों के एक अद्भुत उत्सव का अनुभव किया। दशहरा सम्मेलन शिवसैनिकों के लिए सबसे बड़ा त्योहार है। इस सम्मेलन से उन्हें एक नई ऊर्जा मिलती है, जिसे पाने की ललक में आतुर शिवसैनिकों और शिवसेनाप्रेमियों ने शिवतीर्थ के दर्शन किए…

याद रहे कि एक साल गुजरने के बाद भी गद्दार विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं हो सका है। तारीख पर तारीख चल रही है। फैसला जब देना है, तब दो। लेकिन हिम्मत है तो महानगरपालिका समेत लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराकर दिखाओ। जनता जनार्दन ही तय करेगी, कौन योग्य है और कौन अयोग्य, ऐसी सार्वजनिक चुनौती शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल सरकार को दी। जिस तरह से हनुमान ने लंका दहन किया, उसी तरह से खोकासुरों की लंका जलती मशाल से दहन किए बिना नहीं रहेंगे, ऐसी जोरदार चेतावनी भी उन्होंने दी। शिवसेना का दशहरा सम्मेलन कल बड़े ही हर्षोल्लास और पारंपरिक तरीके से शिवतीर्थ पर संपन्न हुआ। इस दौरान लाखों की भीड़ को संबोधित करते समय एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना से घात करनेवाले ‘घाती’ गुट और भाजपा पर उद्धव ठाकरे ने चाबुक चलाया। विधायक अयोग्यता सुनवाई के साथ ही मराठा आरक्षण, धारावी पुनर्विकास, किसानों का दमन, चरमराया स्वास्थ्य तंत्र जैसे विभिन्न मुद्दों पर उद्धव ठाकरे ने सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया। जांच तंत्र के जरिए परेशान करेंगे तो कल हमारी सरकार आने के बाद उल्टा टांगे बिन नहीं रहेंगे, ऐसी जोरदार चेतावनी उन्होंने दी।

…. लंका को दहन करेगी धधकती मशाल- उद्धव ठाकरे

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने दादर स्थित ‘शिवतीर्थ’ (छत्रपति शिवाजी महाराज मैदान) में अपने जोरदार संबोधन के दौरान कहा कि यहां ५७ वर्षों से ‘दशहरा’ पर भगवा लहराने की परंपरा रही है। हमने इस परंपरा को रुकने नहीं दिया है। विरोधियों की तमाम कोशिशों के बाद भी इस परंपरा को हमने रुकने नहीं दिया। आज दशहरा है, बुराई पर अच्छाई की विजय का दिन है। शस्त्र पूजन का दिन है। उन्होंने कहा कि आज हमें एक और असुर को मारने की जरूरत है। ‘खोकासुर’ को, यह नया असुर है। इस दिन राम ने रावण का वध किया, मैंने कहीं पढ़ा था कि रावण भी शिव का बहुत बड़ा भक्त था, फिर भी राम को उसे मारना पड़ा। आखिर क्यों मारना पड़ा? क्योंकि रावण में घमंड आ गया था। उसने सीता माता को चुरा लिया। इसी प्रकार यहां भी चोरों ने राम तो राम, उनके धनुष-बाण को भी चुरा लिया है। जैसे हनुमान जी ने रावण की लंका का दहन किया था, वैसे ही अब इन घातियों की लंका को भी दहन करने के लिए हमारे पास धधकती मशाल तैयार है।

‘दो’ उंगली दिखाते हैं ‘दो हाफ’ लोग

हमने कहा कि क्रिकेट का मौसम है, क्रिकेट का लोग आनंद ले रहे हैं। एक विज्ञापन का जिक्र करते हुए कहा कि अजय देवगन और एक दूसरे कलाकार कमला पसंद का प्रचार कर रहे हैं। उन्हें कमला पसंद है तो इनको (गद्दारों) कमल पसंद है। लोगों की अपनी-अपनी पसंद है। हमारे यहां भी तीन लोग हैं, जो दो उंगली दिखाते हैं। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि दो हाफ लोग हैं।

जालना का ‘डायर’ कौन

उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमने मराठा आंदोलन चलाने वाले मनोज जरांगे पाटील को धन्यवाद दिया है। क्योंकि यह सरकार जो है यह ‘डायर’ सरकार है, जैसे कि जनरल डायर की सरकार ने जलियांवाला बाग में अत्याचार किया था, वैसे ही इस सरकार ने शांत बैठे मराठा समाज पर अत्याचार किया है। मराठा समाज के लोगों को लाठियों से मारकर जगा दिया है। बहुत बुरे तरीके से मराठा समाज के लोगों पर लाठियां बरसाई गई थीं। मैं अस्पताल में गया और घायल लोगों से मिला। उनका हालचाल पूछा। किसी के सिर फूटे, किसी के हाथ टूटे, किसी को चोट लगी थी। एक घटना का जिक्र करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब मैं लौट रहा था तो मैं एक गांव के एक घर में गया। गांव का घर तो पता ही होता है, यहां-वहां अस्त व्यस्त सामान पड़े थे। वहां पर मेरे सामने एक माता और एक की बेटी बाहर आई। मैंने उनका हाल-चाल जाना और फिर उनसे कहा कि मुझे बाथरूम जाना है। जब मैं बाथरूम से वापस आया तो माता और बहन दोनों आकर सामने खड़ी हो गर्इं। इतने में उन्होंने पूछा कि क्या तुम्हें राखी बांध सकते हैं और उनके आंखों में आंसू भरे हुए थे। मैंने अपनी कलाई आगे की और उन्होंने राखी बांध दी। मैंने पूछा कि क्यों रो रही हो तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में मेरा बेटा और बहू दोनों भर्ती हैं। उस आंदोलन में उनके भी सिर पर गहरी चोट लगी है। वहां से निकलकर मैं फिर से अस्पताल में गया, जाकर उनके बेटे और बहू से मिला। मैंने देखा कि उनको बहुत बुरे तरीके से चोट लगी थी। उनके हाथ-पैर तो चोटिल थे ही, उनके सिर पर भी चोट लगी थी। यह जालना की डायर सरकार है। मराठा आंदोलन इसके पहले भी चला है, हमने सरकार चलाई उस दौरान कहीं भी मराठा समाज पर लाठियां नहीं बरसार्इं। मैं पूछना चाहता हूं कि जालना का डायर कौन है?

कश्मीर में इस्तेमाल होने वाली छर्रे की गोली हम पर चलाई

उन्होंने कहा कि मैं जब मनोज जरांगे पाटील से इस मामले में बात की तो जरांगे ने उन्हें लगी चोटों के निशान दिखाए। उन्होंने बंदूक की गोलियों के खोखे दिखाए और कहा कि कश्मीर में विद्रोहियों को रोकने के लिए जो छर्रे वाली गोलियां चलाई जाती हैं, वही गोलियां यहां हम पर बरसाई गई हैं।

वे सीधे लोग नहीं,कपटी हैं

उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे ने कहा था कि समाज को जाति से मत बांधो। उन्होंने कहा कि जाति को पेट होता है, लेकिन पेट पर जाति की मुहर न लगाएं। उसे भरने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। उन्होंने कहा कि जरांगे को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मराठा समाज को एकत्र कर जाति की राजनीति को तोड़ने वाली भाजपा को झटका दिया है। जात-पांति की राजनीति करने वाली भाजपा को हम सबको मिलकर तोड़ने का काम करना है। हम सब जो लड़ रहे हैं, एक माटी के हैं, लेकिन वे जो लोग हैं, वे सीधे लोग नहीं कपटी लोग हैं।

मैं उन्हें कीमत नहीं देता

उन्होंने कहा कि एक दूसरी सभा भी चल रही है, लेकिन मैं उन लोगों को जरा भी भाव नहीं देता, क्योंकि मेरे सामने आम जनता बैठी है। मैं इनके बारे में सोचूंगा।

एनडीए की पार्टियों में फूट डाले

भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग विघ्नसंतोषी (हर काम में अड़ंगा डालने वाली) है या किसी के भी शादी-विवाह में बिना बुलाए मेहमान की तरह पहुंच जाएंगे। जमकर वहां व्यंजन का आनंद लेंगे, खाना खाएंगे और जाते-जाते पति-पत्नी के बीच में झगड़ा लगाकर जाएंगे। ऐसी है ये औलादें हैं। इन्होंने पहले जनता दल में फूट डाली, फिर शिवसेना और अकाली दल में झगड़े लगाए। उसी तरह गोवा में ये जहां भी गए, वहां नुकसान ही किया। इनके साथ आनेवाली पार्टियों का इन्होंने ही सत्यानाश किया।

जनसंघ महाराष्ट्र संयुक्त आंदोलन में कब आया ?

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लिए मराठवाड़ा मुक्तिसंग्राम हो या संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन हो, किसी भी लड़ाई में जनसंघ के लोग शामिल नहीं हुए हैं। चाहे जो भी कहें लेकिन इनका कोई योगदान नहीं है। महाराष्ट्र और मुंबई के लिए हुए आंदोलन में जनसंघ सबसे अंतिम समय में शामिल हुआ और सबसे पहले निकल गया। यह वो औलादें हैं, जहां जाती हैं, वहां भेदभाव और झगड़ा लगाती हैं। इसलिए मैंने जरांगे को कहा कि इनसे सावधान रहें।

हर समाज को न्याय दो यही बालासाहेब का विचार था

मराठा आरक्षण पर सरकार को घेरते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि गणपति के समय जब राज्य सरकार ने विशेष अधिवेशन बुलाया था तो वह बहुत कुछ कर सकती थी। सदन को अधिकार होता है महत्वपूर्ण पैâसला लेने का, यहां तक कि कोर्ट के पैâसले को बदलने का भी अधिकार होता है। जैसे कोर्ट के निर्णय को इन्होंने आगे खींच रहे हैं, वैसे ये सरकार समाज को न्याय देने का वाला पैâसला भी कर सकती थी। किसी भी समाज के लोग हों, धनगर, ओबीसी, मराठा आदि सभी समाज को न्याय दो यही बालासाहेब ठाकरे का विचार रहा।

जनता की अदालत में तारीख पर तारीख नहीं होती

सामने बैठे शिवसैनिकों की ओर इशारा करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरे पास इतने सारे शेर हैं। मुझे नादान और कायरों की जरूरत नहीं है। उन्होंने भाजपा सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का पैâसला बाद में आएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोर्ट का हम अपमान नहीं कर रहे हैं, कोर्ट का निर्णय सर्वोपरि है। कोर्ट की फटकार के बाद भी वे लोग समय बिता रहे हैं। कोर्ट के फैसले आने से पहले चुनाव कराकर देख लें। अगर हिम्मत है तो मुंबई महानगरपालिका के साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराकर दिखाएं। हम तैयार हैं। हम जनता की अदालत में आए हैं। जनता जो भी पैâसला देगी, वह हमें स्वीकार है। उन्होंने कहा कि यह सभी लोग निश्चित रूप से जानते हैं कि जनता की अदालत में जाने पर वहां कोई तारीख पर तारीख नहीं होती। लोग तुम्हें एक झटके में घर भेज देंगे। उन्हें इस बात का डर है। इसलिए उन्होंने विश्वविद्यालय चुनाव भी स्थगित कर दिया है।

देश और महाराष्ट्र का बंटाधार कर रही है सरकार

ये डरी हुई सरकार महाराष्ट्र और देश का बंटाधार कर रही है। इससे ज्यादा हानि न हो, इसके लिए हमें उन्हें हर हाल में ध्वस्त करना होगा। क्या आप करेंगे…हां…क्या आप अपने हाथों में मशाल लेकर चलेंगे। …हां… ये मशालें नहीं हाथ हैं और ये मशालें केवल इस महाराष्ट्र सरकार तक ही सीमित नही होंगी, बल्कि तानाशाही दिल्ली सरकार का भी तख्ता जलाकर भस्म किए बिना नहीं रुकेंगी।

सुप्रीम कोर्ट ने हर बार उनके कान मरोड़े

लगभग एक साल बीत गया। हम सुप्रीम कोर्ट में अपात्रता के मुद्दे पर लड़ रहे हैं। तारीख पर तारीख मिल रही है। मुझे नहीं पता क्या करना है। सुप्रीम कोर्ट ने हर बार उनके कान मरोड़े हैं, लेकिन बेशर्म सदासुखी। वे गाल मलते हुए कहते हैं कि हम अपना शेड्यूल पेश करेंगे। ठीक है आप जब चाहें अपना शेड्यूल बता दें। इन विषयों का जिक्र करते हुए उद्धव ठाकरे ने एक चुटकुला भी सुनाया, कहा कि एक बार भरे कोर्ट में न्यायधीश एक २० साल की युवती से छेड़खानी करने के मामले की सुनवाई कर रहे थे। आरोपी के पिंजरे में एक बुजुर्ग डंडा पीट रहे थे। उसी समय न्यायाधीश का दिमाग घूम जाता है। वे बोले, तुम्हें लज्जा नहीं आ रही? बुजुर्ग होकर भी आप २० साल की लड़की को छेड़ते हो? बुजुर्ग कहता है, ‘न्यायाधीश महोदय, जब यह घटना घटी, उस समय मैं भी २० साल का ही था। इतने साल हो गए फिर भी केस चल ही रहा है।’

संविधान का अस्तित्व रहेगा या नहीं ?

उन्होंने कहा कि कोर्ट अयोग्यता का फैसला जो देना चाहे दे। २० सालों में, ५० सालों में लेकिन आज पूरा देश, पूरी दुनिया केवल अयोग्यता की ओर नहीं देख रही है। देश में सुप्रीम कोर्ट पर लोगों की निगाहें टिकी हैं। भविष्य में सुप्रीम कोर्ट का अस्तित्व बचा रहेगा या नहीं। इस देश में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के लिखे गए संविधान का अस्तित्व रहेगा या नहीं? भारत माता का लोकतंत्र टिकेगा या नहीं? इस ओर हमारी निगाहें टिकी हैं। उन्होंने कहा कि जनता ही बताए, अयोग्य किसे ठहराएंगे? जनता ने यह तय कर लिया है कि कौन अयोग्य है। मेरा तो कहना है कि केस का फैसला आने से पहले ही चुनाव लेकर दिखाओ। जनता तय करेगी कि वे योग्य हैं अथवा अयोग्य हैं। चुनाव हो जाने दो।

विजयादशमी, दशहरा सभा के अवसर पर, निष्ठावान शिवसैनिकों का जनसागर गुलाल उड़ाते और गाते बजाते हुए शिवतीर्थ पर एकत्र हुआ। छत्रपति शिवाजी महाराज की जय, जय भवानी जय शिवाजी, शिवसेना जिंदाबाद, उद्धव साहेब आगे बढ़ो हम तुम्हारे साथ हैं… जैसे नारों से आसमान गूंज उठा। अनुशासित तरीके से उमड़ा जनसैलाब इतना बड़ा कि विराट… अति विराट… अति अति विराट… जैसे शब्द भी छोटे पड़ जाएं। कई वर्षों की परंपरा को कायम रखते हुए यह दशहरा मिलन सम्मेलन का आयोजन धूमधाम से हुआ। इस दौरान शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने मराठी और सच्चे, खरे, शक्तिशाली हिंदू अस्मिता के विचारों का सोना वितरित किया। उद्धव ठाकरे के विस्फोटक भाषण से जनमानस में शिंदे सरकार और केंद्र की मोदी सरकार के अत्याचारों के खिलाफ लहरें उठ रही थीं। विधायकों की अयोग्यता का मुद्दा, पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाने का मामला, कोर्ट में तारीख पर तारीख, मराठा-धनगर-ओबीसी आरक्षण का मुद्दा, स्वास्थ्य तंत्र की भयानक स्थिति, किसानों की दुर्दशा, खतरे में लोकतंत्र जैसे ज्वलंत मुद्दों पर बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के लोगों के मन में मशाल प्रज्ज्वलित की, जिसकी आंच सामने बैठे शिवसैनिकों के प्रचंड प्रतिसाद से महसूस हो रही थी।

शिवतीर्थ पर मंगलवार को भगवा सागर उमड़ पड़ा। इस विशाल जनसमूह के सामने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने घाती सरकार और भाजपा की जमकर खबर ली। उन्होंने पाखंडी हिंदुत्व का पर्दा फाड़कर भाजपा को बेनकाब कर दिया। उद्धव ठाकरे ने भाजपा को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उन्होंने मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की कोशिश की तो हमारे लोग आपको इस मिट्टी में दफन किए बिना नहीं रहेंगे।

‘खाली थाली परोसने की बजाय भूखों को खाना खिलाना हमारा हिंदुत्व’

उद्धव ठाकरे ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वराज्य के लिए सूरत को लूटा था, लेकिन आज सूरत पलायन करनेवाले महाराष्ट्र की रक्षा क्या करेंगे, ऐसा सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि जैसे ही वे सत्ता में आए तो उन्होंने सबसे पहले आरे की जमीन मेट्रो को दे दी। बुलेट ट्रेन के लिए जगह दी गई। मैं पूछना चाहूंगा कि इससे किसका फायदा हो रहा है? छत्रपति शिवाजी महाराज ने सूरत को लूटा था, आज वे लोग अपनी मुंबई बेच रहे हैं। उनकी नजर मुंबई मनपा की एफडी पर है। उनकी मुंबई मनपा की जमा राशि पर बुरी नजर है।

…तो लोग उनकी सरकार को जला देंगे

उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के टुकड़े करेंगे, ऐसा उन्होंने एलान किया है, लेकिन अब जनता जाग चुकी है और वे अब मुंबई को तोड़ नहीं सकते। उन्हें इस बात का डर है कि अगर मुंबई तबाह हो गई तो लोग उनकी सरकार को जला देंगे। एक साजिश के तहत वे मुंबई का विकास नीति आयोग की तर्ज पर कर रहे हैं। यहां तक कि मुंबई का पालकमंत्री भी उन लोगों ने एक बिल्डर बनाया है। यह मुंबई को बेचने, मुंबई को तोड़ने और नाश करने की एक चाल है। मुंबई को लूटने का काम शुरू कर दिया है।

मनपा को बदनाम करने की साजिश

उद्धव ठाकरे ने मुंबई मनपा के अधिकारियों की ईडी से जांच कराने के मामले पर केंद्र व भाजपा को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पूरी दुनिया ने देखा कि किस तरह से मुंबई में कोरोना पर नियंत्रण किया और ये अब कोरोना काल में भ्रष्टाचार की जांच कर रहे हैं। यह उपेक्षा है। यहां के काम करने वाले डॉक्टरों, नर्स, अधिकारियों को बदनाम करने की साजिश इस सरकार की ओर से हो रही है।

मुंबई का मान घटाने में लगी भाजपा

उन्होंने मुंबई का महत्व कम करने को लेकर भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुंबई आर्थिक राजधानी है। अब मुंबई के महत्वपूर्ण केंद्रों को मुंबई से बाहर ले जाया जा रहा है। मुंबई का महत्व कम किया जा रहा है। उद्धव ठाकरे ने यह भी चेतावनी दी कि अगर हमारे हक को मारा गया और यहां से किसी विभाग को कहीं और ले जाया गया तो जनता बर्दाश्त नहीं करेगी और तब तक चुप नहीं बैठेगी, जब तक हम तुम्हें मिट्टी में नहीं गाड़ देंगे। वे मुंबई को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। उनका काम बिल्कुल वैसा ही है, जैसे वे गोबर खाकर दूसरों का मुंह सूंघ रहे हैं।

पीएम केयर फंड की जांच करो

उन्होंने कोरोना काल में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच से पहले पीएम केयर घोटाले की जांच करने की वकालत करते हुए कहा कि पीएम केयर फंड में जनता का पैसा है। जनता को जनता के पैसे का पहले हिसाब दो। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को बदतर बना दिया है। स्वास्थ्य विभाग के नाम पर वे सिर्फ विदेशों में दौरे कर रहे हैं, लेकिन जनता का हाल बुरा है। आज अस्पतालों में लोगों की मौत हो रही है। कोरोना काल को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय जब दिल्ली में भाजपा सरकार थाली बजाने के लिए कह रही थी, तब हमने लोगों को ५ रुपए में ही पूरी थाली खाना दिया। हमने इसी तरह जनता की सेवा की है। खाली थाली परोसने की बजाय भूखों को खाना खिलाना ही हमारा हिंदू धर्म है।

यही हमारा हिंदुत्व है !

उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि हमने मंदिर खोलने की बजाय गांवों में स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए। अगर कोई बीमारी से पीड़ित है तो हमने उसे जाति-धर्म से ऊपर उठकर बचाने का काम किया है। यही हमारा हिंदुत्व है। उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी की ओर इशारा करते हुए आगे कहा कि धारावी को अपने दोस्त की झोली में डाल दिया है। हम इस विकास से उनके मित्रों का विकास नहीं होने देंगे। धारावी का विकास करना चाहिए, लेकिन वहां रहनेवाले लोगों की नौकरियां और घर बचाया जाना चाहिए। हमारी मांग है कि धारावी का आवास मिल मजदूरों के बच्चों को भी दिए जाएं। अगर पुलिस के लिए घर की कमी है तो धारावी में उन्हें भी घर दीजिए। हम मुंबई में मराठी की छाप को गहरा करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर वे अपने दोस्तों के लिए योजनाएं लेकर आ रहे हैं तो हम इसके खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे, चुप नहीं बैठेंगे।

गद्दार का ठप्पा कभी नहीं हटेगा !

उद्धव ठाकरे ने कहा कि ‘पाकिस्तानी क्रिकेटरों का इस तरह से स्वागत किया गया कि उन्हें लगा जैसे वे भारत में नहीं बल्कि भाजपा में आए हों।’ जब सीमा पर जवान मर रहे हैं तो वे पाकिस्तानी क्रिकेटरों का स्वागत वैâसे कर सकते हैं? उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य में एक किसान, एक मराठा प्रदर्शनकारी ने आत्महत्या कर ली। लेकिन यह गलत है, उन्होंने यह भी अपील की कि इस नादान सरकार के लिए किसी को आत्महत्या नहीं करनी चाहिए। मंत्री को हाफकिन संस्था की जानकारी नहीं है। ये गद्दार लोग अपने कर्म से जाएंगे। उन पर लगा गद्दार का ठप्पा कभी नहीं मिटेगा।

हमें जाति-धर्म की दीवार मंजूर नहीं

मुगलों की नाक में दम करनेवाले छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे (शिवतेज) महाराष्ट्र में पैदा हुए थे। जिन लोगों ने महाराष्ट्र को धोखा दिया, उन्हें अब नहीं छोड़ेंगे। हमें जाति और धर्म की दीवारें मंजूर नहीं हैं। जो भी देश के लिए बलिदान देता है, वह हमारा है, चाहे वह किसी भी जाति का हो। लेकिन जो भी देश के विरोध में जाता है, वो गद्दार ही होता है। हमारा हिंदुत्व हमारा राष्ट्र प्रेम है। देश बचेगा, तभी तो महाराष्ट्र बचेगा, तभी हम लोगों को बचा पाएंगे, इसके लिए हमें अब लड़ना होगा। हमारा हिंदुत्व मिट्टी से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज द्वारा इस्तेमाल किए गए बाघ नख अवश्य लाएं। लेकिन उसका राजनीतिकरण मत करो, जनता की भावनाओं से मत खेलो। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर आप भावनाओं से खेलोगे तो जनता आपका तख्ता पलट देगी।

…उन्हें उखाड़ फेंकना होगा

उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा के वफादार सदस्यों को भगवा पहनना पड़ता होगा, लेकिन भाजपा और संघ के लिए जिन लोगों ने संघर्ष किया है, क्या वे लोग आज की भाजपा को स्वीकार करेंगे? अब हमें सभी मराठी लोगों को एकजुट करना होगा। सरकार में दम है तो मनपा के साथ ही विधानसभा चुनाव भी करा ले, हम तैयार हैं। हालांकि, वे चुनाव से डरते हैं। ऐसे में हमें ही उन्हें उखाड़ फेंकना होगा, हमारे पास मशालें हैं। अब इस दमनकारी सरकार को उखाड़ फेंके बिना चुप नहीं बैठेंगे, ऐसा विश्वास भी इस दौरान उद्धव ठाकरे ने व्यक्त किया।

शिवज्योत लेकर शिवतीर्थ पर…

भोर से ‘वीर बाजीप्रभु देशपांडे प्रतिष्ठान’ के कार्यकर्ता रायरेश्वर के दर्शन करके अभिषेक की गई मशाल को दशहरा सम्मेलन के लिए शिवतीर्थ पर लेकर पहुंचे। इसके बाद इन कार्यकर्ताओं ने शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे के समाधिस्थल पर जाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए। फाउंडेशन के अध्यक्ष और शिवसैनिक विकास बांदल ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके आराध्य देवता श्री रायरेश्वर का आशीर्वाद शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे तक पहुंचाने के लिए पिछले साल से हम भोर से मशालें लेकर आ रहे हैं।

सीमा क्षेत्र से आए शिवसैनिक

दशहरा सम्मेलन के लिए कर्नाटक के सीमावर्ती इलाकों बेलगांव, निपाणी, बीदर, भालकी से भी बड़ी संख्या में शिवसैनिक आए थे। सबसे पहले इन शिवसैनिकों ने हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे के स्मृतिस्थल पर अभिवादन किया। इस दौरान बेलगांव संपर्कप्रमुख अरविंद नागनुरी, बेलगांव निपाणी चिकोडी, जिलाप्रमुख बाबासाहेब खांबे, बेलगांव कागवाड उपजिलाप्रमुख सुरेश लांडगे, बिदर प्रमुख नारायण, शहरप्रमुख रमेश निकम, पिंटू सूर्यवंशी, नंदू कांबले, सतीश खटाव, वैशाली नागनुरी, शुभांगी शिंदे आदि उपस्थित थे।

गद्दारों की ली खबर

शिवतीर्थ पर आनेवाले शिवसैनिकों ने गद्दारों की खूब खबर ली। शिवसैनिकों ने ‘इन गद्दारों का क्या करें, नीचे सिर, ऊपर पैर, शिवसेना अंगार है, बाकी सब भंगार है’ जैसे जोरदार नारे लगाए। ‘गद्दारों को क्षमा नहीं’, ‘उड़कर गए वो कौवे, बचे वे एकनिष्ठ मावले’ जैसे आशयों के पोस्टर शिवसैनिकों ने देखे।

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