-टेकचंद सनोडिया शास्त्री,
विशेष औधोगिक प्रतिनिधि
सरकार का करोडों अरबों का आर्थिक नुकसान
नागपुर। कोल इंडिया लिमिटेड की अनुसांगिक सहायक कंपनी साऊथ इस्टर्न कोल फिल्टस् लिमिटेड अंतर्गत मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के कोल बेल्टों मे कोयला बेल्टों मे भूगर्भ परीक्षण के बाद करोडों मिलिनियन टन कोयला का भंडार का पता चला है? यहां पर कोयला खदानें शुरू करने के पूर्व ही अवैध उत्खनन और तस्करी जोरों से शुरु कर दी गयी है? कोयला का अवैध खनन और स्मगलिंग की शिकयतें सरकार को मिल चुकी हैl परंतु राजनैतिक दबाव फलस्वरुप तत्संबंध मे आवश्यक कार्यवाई नही हो रही हैl प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक यहां अवैध सुरंगें तैयार करके अवैध खनन तथा तस्करी जोरों पर शुरू है। इस संबंध में कॉलरी प्रबंधन के साथ स्थानीय पुलिस की भी गठजोड़ की वजह से स्मगलरों पर आवश्यक कार्रवाई नहीं हो रही है।
विहंगम जंगलों की गहरी नदी और खाइयों में कोयला
बताते है कि इस परिक्षेत्र के विहंगम जंगलों मे गहरी नदियों और खाईयों मे उच्चतम् गुणवत्ता के कोयले का भंडार दिखाई पडता है? जिसे कोयला स्मगलरों की गीद्ध दृष्टी लगी हूई हैl स्थानीय नागरिकों की माने तो इस कार्य को अंजाम देने मे क्षेत्रीय राजनेताओं और माफियाओं के वरदहस्त से सरकार को करोडों रुपये की आर्थिक हानी हो रही है?इसलिए राजनैतिक पार्टियां अपनी विजयी के लिए पानी की तरह करोडों रुपये बहाते है?
सबसे अधिक अवैध खनन और स्मगलिंग मे लिप्त मध्यप्रदेश के शहडोल व बरगवां. खनन माफिया सक्रिय हैl इन माफियाओं सरगनाओं के खिलाफ कार्रवाई के रफ्तार धीरे होते ही वे फिर सक्रिय हो गए हैं। बटुरा, बिछिया सहित कोयलांचल के दर्जनों जगहों पर गहरी सुरंगे बनाकर अवैध तरीके से कोयला निकाला जा रहा है। शहडोल संभाग अंतर्गत अनूपपुर, उमरिया, पुष्पराजगढ़, राजनगर, रामनगर, जमुना, भालू माडा, धनपुरी, बरगवां, बकही, वकहो, देव हरा, बटुरा, बिछिया, रामपुर, बगवार, बम्होरी, अर झूला, सिरोंजा, खैरहा सहित कई ऐसे गांव है जहां पर प्रकृति की अपार खनिज संपदा है। जिनमें से कई जगह इनके नीचे की भूमि से करोड़ों टन कोयले की निकासी माफियाओं द्वारा पहले ही कर ली गई है। वर्तमान में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के द्वारा बटुरा रामपुर उपक्षेत्र के नाम से कोयला खदान शुरू करने की तैयारी की जा रही है। कई जगह अभी भी कई कोयला खदानों से निरंतर कोयला खनन जारी है। कई वर्षों से प्राकृतिक संपदाओं का निरंतर दोहन किया जा रहा है। बटूरा रामपुर उप क्षेत्र के नाम से कोयला निकासी की तैयारी पूर्ण कर ली गई है। हाल ही में प्रशासन और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कोयले की अवैध सुरंगों को बटुरा में बंद कराया था। अब फिर बटुरा में खनन माफिया स्वनिर्मित खदान बनाकर कोयला निकाल रहे हैं। कई बार जिला प्रशासन खनिज विभाग के द्वारा इन अवैध संचालित खदानों को बंद कराया गया। जिसके बाद कुछ दिनो तक खनन का कारोबार बंद रहता है और मामला शांत होते ही यह कारोबारी फिर से अपने काम में लग जाते हैं। इसमें कॉलरी प्रबंधन के साथ स्थानीय पुलिस की भी गठजोड़ हैं। नए अधिकारियों के आते ही फिर कोयले के अवैध खनन का खेल शुरू हो गया है। इस क्षेत्र से खनन माफिया बड़े स्तर पर कोयला खनन कराकर बड़े-बड़े ट्रक में लोड करा सप्लाई कर रहे हैं।