नागपूर :-राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) अकादमी ने आज आपदा प्रतिक्रिया कर्मियों के मानसिक सशक्तिकरण के लिए ध्यान और मानसिकता साधनाओं का उपयोग करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत “प्रथम ध्यान दिवस” कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। यह अभिनव पहल आपदा प्रतिक्रिया कर्मियों की मानसिक ताकत और कार्यकुशलता को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के विशेषज्ञ मुकेल ने इस उद्घाटन सत्र का नेतृत्व किया। इसमें एनडीआरएफ समुदाय के प्रमुख सदस्य, अकादमी अधिकारी, बटालियन फर्स्ट रिस्पॉन्डर्स (BFRC) के प्रतिभागी, ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स (ToT) एसडीआरएफ कोर्स के सदस्य, सिविल डिफेन्स कोर्स के प्रतिभागी और अकादमी के कर्मचारी शामिल हुए।
एनडीआरएफ अकादमी के डीआयजी/निदेशक हरि ओम गांधी ने कहा, “आपदा प्रतिक्रिया अभियानों में मानसिक स्वस्थता उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी शारीरिक फिटनेस। यह ध्यान कार्यक्रम हमारे आपदा प्रतिक्रिया कर्मियों को स्पष्टता और शांति बनाए रखने में सक्षम बनाने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”
इस सत्र में ध्यान की प्रैक्टिकल तकनीकें, श्वास नियंत्रित करने की विधियां (प्राणायाम) और आपातकालीन परिस्थितियों में तनाव कम करने के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए उपायों को सिखाया गया। प्रतिभागियों ने इन तकनीकों का तुरंत लाभ अनुभव किया और मानसिक स्पष्टता व तनाव मुक्ति की अनुभूति की।
इस सफल कार्यक्रम के आधार पर, एनडीआरएफ अकादमी अपने प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में नियमित ध्यान सत्रों को शामिल करने की योजना बना रही है और ध्यान अभ्यास के लिए समर्पित स्थानों की स्थापना करने पर विचार कर रही है।