नागपूर :- महानगरपालिका आयुक्त व प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी के निर्देश और अतिरिक्त आयुक्त आंचल गोयल के मार्गदर्शन में, महानगरपालिका ने सभी झोन स्तर पर 100 किलोग्राम से अधिक कचरा उत्पन्न करने वाले संस्थानों जैसे होटल, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन्स (RWA), और अस्पतालों की पहचान की है।
इस पहल के अंतर्गत, लक्ष्मीनगर झोन के सहाय्यक आयुक्त मिलिंद मेश्राम और CSO रामभाउ तिडके द्वारा विशेष बैठक आयोजित की गई। बैठक में आर. बि. आई कॉलोनी, संचयनी प्रेस्टीज कॉम्प्लेक्स, वाटर ग्रीन को. ओप. सोसायटी, अमर एंक्लेव हाउसिंग सोसायटी, रचना मधुकोष, अमलतास अपार्टमेंट, वसंत नगर कॉलोनी, पायनियर डफोडियल्स, होटल अशोक और अन्य संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
बैठक के मुख्य बिंदु:
1. कचरा प्रबंधन नियम 2016 की जानकारी:
बैठक में सभी संस्थानों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 (SWM 2016) के तहत जानकारी प्रदान की गई।
2. कचरा वर्गीकरण:
सभी प्रतिनिधियों को कचरे के सुखा, गीला, सेनेटरी वेस्ट और हानिकारक कचरा वर्गीकरण की जानकारी दी गई। साथ ही, कचरे को चार प्रकार से अलग-अलग रखने के निर्देश दिए गए।
3.स्वयं कचरा प्रोसेसिंग की अनिवार्यता:
100 किलोग्राम से अधिक कचरा उत्पन्न करने वाले संस्थानों को अपने परिसर में गीले कचरे को प्रोसेस करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। गीले कचरे को किस विधि से प्रोसेस किया जा सकता है और इसका पूर्ण उपयोग कैसे किया जा सकता है, इसके बारे में भी विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
म.न.पा. के उप. आयुक्त (महसूल विभाग) मिलिंद मेश्राम द्वारा होम कम्पोस्टिंग, सोलर प्लांट इंस्टालेशन और रैन वाटर हार्वेस्टिंग जिन संस्थानों में लगा रहेगा उनको १५ प्रतिशत प्रॉपर्टी टैक्स में छूट मिलेगी यह भी जानकारी दी गई इसी बात पर जोर देते हुए आए हुए संस्थानों को समझाया गया की यदि वह कॉपोस्टिंग अपनाते है तो उन्हें भी ५ प्रतिशत प्रॉपर्टी टैक्स में छूट मिलेगी या जानकारी दी गई.
बैठक में शामिल संस्थानों के प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया कि वे जल्द ही अपने-अपने परिसरों में इस निर्देश को लागू करेंगे और नगर पालिका के अभियान में सहयोग देंगे। महानगरपालिका झोन स्तर द्वारा आयोजित यह बैठक कचरा प्रबंधन के दिशा-निर्देशों को स्पष्ट करने और सभी संबंधित संस्थानों के बीच समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से की गई थी।