हिंगणा – हिंगणा और नागपुर ग्रामीण तहसील मुरूम माफियाओं का अड्डा बना हुआ है। जिसमे हिंगना तहसील के बूटीबोरी एमआईडीसी से लगे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मुरूम उत्खनन की जा रही है। बूटीबोरी के मुरूम माफियाओं द्वारा दिन रात मुरूम चोरी करने का सिलसिला जारी है। आस पास में चल रहे निर्माण कार्य में चोरी के मुरूम का इस्तमाल किया जा रहा है। लेकीन किसी तरह की कोई करवाईं नही की जाती। क्युकी महासुल विभाग के अधिकारियों द्वारा करवाई के नाम पर खाना आपूर्ति करने की वजह से इनके हौसले बुलंद हो गए हैं। मुरूम, गिट्टी बगैर रॉयल्टी के उत्खनन कर लेजाना कोई नई बात नहीं है। जिसका करोडों रूपए का खामियाजा सरकार की तिजोरी पर पड़ रहा है।
सरकार की तिजोरी पर अरबों रुपए का डाका
हिंगना तहसील में इन दिनों रोजाना लाखों ब्रास मुरूम चोरी की जा रही है। एक ब्रास मुरूम के लिए महसूल विभाग में 650 रुपए रॉयल्टी भरना पड़ता है। एक 6 चक्का ट्रक में 4 ब्रास मुरूम की रॉयल्टी 2600 रुपए होती है और दस चक्का ट्रक में 6 ब्रास मुरूम की रॉयल्टी 3900 रुपए होती है। जो सरकार के तिजोरी में जाती है। लेकीन मौजा मड़वा, मेटाउमरी, किन्हाला रिठी आदि क्षेत्रों में हजारों ब्रास मुरूम चोरी कर करोड़ो रुपए का सरकार की तिजोरी पर डाका डाला जा रहा है।

जंगल से लगकर कीया जाता है उत्खनन
हिंगना जंगल बोर अभयारण्य में होकर रिजर्व वन क्षेत्र है। जंगल को लगे हुवे निजी जमीन पर उत्खनन करने के पूर्व वन विभाग की अनुमति अनिवार्य है। साथ ही वन विभाग द्वारा दिए गए दिशा निर्देश का पालन करना बंधनकराक होता है। जो कि इस जंगल में वन प्राणियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। साथ ही यह तार का कंपाउंड भी नहीं किया जाता। नियानुसार अगर यहां गिरे गड्डे में वन्य प्राणी की किरणे से मौत होने पर खेत मलक और उत्खनन करने वाले पर हत्या का मामला दर्ज होता है।
लगाने के बजाय उखाड़ फेके पेड़
मुरूम चोरी के लिए सरकारी और निजी जमीन पर लगे सागवान आदि पेड़ो की अवैध कटाई कर मुरूम चोरी किया जा रही है। जब भी किसी को मुरूम गिट्टी उत्खनन कर लेजाने की अनुमति दी जाती है उसमे साफ लिख दिया जाता है कि वहा जो भी पेड़ है उसे बगैर अनुमति के नहीं काटा जाएगा। साथ ही नए पेड लगाए जाने के आदेश भी दिए जाते हैं। लेकिन याहापर इस दिशनिर्देश के विपरित जो भी पेड़ इस जमीन पर थे वह भी उखाड़ फेके जा रहे हैं। नए पेड़ो के लिए पौधारोपण भी नहीं किया जाता।
सरकारी पहाड़ी जमीन से हो रही मुरूम चोरी
हिंगना तहसील के मौजा मेटाउमरी, मोहगांव, संगम, मड़वा, किन्हाला, घोड़ेगाट आदी जगह निजी और सरकारी ज़मीन पर मुरूम चोरी का काम मुरूम माफियाओं द्वारा तेजी से चल रहा है। ईधर सरकारी जमीन से रोजाना हजारों ब्रस मुरूम चोरी करने का सिलसिला जारी है। जानकारी देने के बाद भी महासुल विभाग के अधिकारी करवाई करने से कतराते हैं। जिससे उनके कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लग रहे हैं।

सक्रिय हैं मुरूम माफिया
हिंगणा तहसील के मौजा संगम अंतर्गत आउटर रिंग रोड के किनारे पर सरकारी पहाड़ी जमीन से पिछले कई महीनों से जेसीबी और पोकल्याड द्वारा खुदाई कर ट्रकों में भरकर हजारों ब्रस मुरूम चोरी कि जा चुकी है। चोरी का मुरूम निजी व शासकीय विकास कार्य में किया जा रहा है। मौजा संगम, मेटाउमरी, मोहगांव के पहाड़ियों से निघोट, कैलाश, सकोरे नामक मुरूम माफियाओं द्वारा जेसीबी मशीन से खुदाई कर ट्रैको में भरकर लेजाकर मुरूम चोरी किया जाता है।
मुरूम पर डाका दाल बन गए करोड़पति
हिंगना तहसील में विविध क्षेत्रों से रोजाना लाखो रुपए का मुरूम, गिट्टी की चोरी की जाती है। अगर कोई व्यक्ति शिकायत लेकर जाता है तो दिखावे की करवाई की जाती है। मुरूम माफियाओ द्वारा लाखों ब्रास की मुरूम चोरी कर करोड़पति बन चुके हैं।
दिन रात होती है मुरूम की खुदाई
हिंगना तहसील में रोजाना हजारों ब्रास मुरूम की चोरी करने के लिए दिन रात उत्खनन किया जा रहा है। नियम के अनुसार मुरूम गिट्टी का उत्खनन दिन में ही किया जा सकता है। सूरज डूबने के बाद और उगन के पहले मुरूम उत्खनन नही किया जा सकता। लेकीन दिन रात उत्खनन जारी है। फिर भी करवाईं नही की जाती।
जेसीबी, पोकल्यांड और 10 चक्का ट्रक का इस्तमाल
मुरूम चोरी किए जाने के लिए मुरूम माफिया द्वारा पोकल्यांड, जेसीबी और 10 चक्का ट्रकों (टिप्पर) का इस्तमाल किया जा रहा है। रोजाना एक खदान पर 20 से 25 ट्रकों से हजारों ब्रस मुरूम चोरी करने का सिलसिला जारी है। इस 10 चक्का ट्रक में 5 से 6 ब्रस मुरूम भरकर बगैर रॉयल्टी के लेजाया जा रहा है। जिससे सरकार के तिजोरी पर रोजाना लाखो रुपए का नुक़सान हो रहा है।
अलीम महाजन,