– टेकचंद सनोडिया शास्त्री
वाहन सरगना गुप्ता व अन्य ठेकेदारों के रवैये से श्रमिक परेशान
फर्जी दस्तावेजों की आड़ में बिलों का भुगतान करोडों की चपत?
नागपूर – कोयला उत्पादन करने वाली भारत सरकार की कोल इंडिया लिमिटेड की मिनीरत्न कही जाने वाली वेस्टर्न कोल फिल्ड्स लि.(WCL) क्षेत्रीय प्रबंधन द्वारा समस्त श्रम कानूनों का उल्लघंन करते हुए ठेकेदारी प्रथा के तहत कार्यरत श्रमिकों के हितों को अनदेखा किया जा रहा हैl वेकोलि के अधिकारियों और ठेकेदारों की सांठगांठ से महज अपने निजी स्वार्थ हेतु ESIC की चोरी तथा ए.टी.एम.कार्ड के माध्यम श्रमिकों के खातों से रकम की हेराफेरी किये जाने की शिकायत मिल रही है।भुक्तभोगी श्रमिकों ने बताया कि मामले की जांचपडताल के पश्चात ठेकेदार श्रमिकों के बैंक खातों मे वेतन का धनादेश भुगतान तो करता है?परंतु एटीएम कार्ड के माध्यम से उनके बैंक खातों से आधी रकम निकाल लेता है?क्योंकि अपने श्रमिकों के बैंक खाते बुक तथा एटीएम कार्ड ठेकेदार अपने पास रखते है?ठेकेदार जब चाहे तब श्रमिकों के बैंक खातों रुपये जमा करता है और जब चाहें तब एटीएम कार्ड के माध्यम श्रमिकों के खातों रुपये निकाल लिया जाता है? एटीएम केन्द्र मे लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच-पडताल की गयी तो इस प्रचंड भ्रष्टाचार का पर्दाफास हो सकता है? इसमे बचने की कोई गुंजाईस नही है!
फर्जी W.L.C./ P.F. दस्तावेज के जरिये बिलों का भुगतान?
एक तरफ वेकोलि मे निधी के अभाव मे ठेका फर्मो को किये कार्यों का भुगतान करने मे कोताही बरती जा रही हैl वहीं दूसरी तरफ गुप्ता एवं उनके सहयोगी ठेकेदार संबंधित बैंक का बोगस मुहुर स्टाम्प लगाकर फर्जी कागजात सादर करते हैं? और WLC तथा P.F. के कागजात की जांच-पडताल किये बिना बिलों का भुगतान कर दिया जाता है?इस संबंध मे मामले की निष्पक्ष व सूक्ष्म जांच-पडताल की गयी तो वह समय ज्यादा दूर नही जब वेकोलि के संबंधित और जिम्मेदार अधिकारियों सहित फर्म नियोक्ता जेल की सलाखों के पीछ होगा? वेकोलि के सूत्रों की माने तो भविष्य निर्वाह निधी की बोगस चालान तथा बोगस WLC सार्टिफिकेट जोडकर कागजात प्रस्तुत किया जाता है और वित्तीय अधिकारी से भुगतान हस्तगत कर लिया जाता है?क्योंकी वेकोलि के वित्तीय अधिकारी की कृपा दृष्टी से ही क्षेत्रीय प्रबंधकों द्वारा बोगस PF चालान व DLC सार्टिफिकेट प्रमाणित करवा लिया जाता है? इसके लिए सब एरिया इंचार्ज से लेकर वित्तीय अधिकारी और क्षेत्रीय महाप्रबंधकों तक निर्धारित कमीशन बतौर रिश्वत पंहुचायी जाती है? इस प्रकार फर्जीवाडा वेकोलि की माजरी येरिया,वनीनार्थ एरिया, बल्लारपुर एरिया,चंद्रपुर एरिया,तथा नागपूर एरिया की खदानों की तिजोरी मे डकैती शुरु है?
मिली शिकायत के मुताबिक वेकोलि मे कार्यरत ठेका फर्म नियोक्ता गुप्ता की मनमानी की वजह से मेसर्सः बालाजी ट्रवल्स ,मेसर्सः वेंकटेश ट्रवल्स तथा मेसर्सः चौधरी ट्रवल्स एजेन्सियों के श्रमिकों को पिछले अनेक सालों से E.S.I.C., E.P.F., न्यूनतम वेतन तथा अन्य भत्तों के लाभ से वंचित रखा जा रहा है? इतना ही नही वेकोलि की विभिन्न खदानों में ठेकेदारी प्रथा के तहत कार्यरत श्रमिकों को उनके कार्य के एवज में पूरी मजदूरी का भुगतान भी नहीं किया जाता है। जिसमें संबंधित ठेकेदार व अधिकारी की मिलिभगत जगजाहिर है। और नही ठेकेदार या कंपनी द्वारा किसी ठेका मजदूर का बीमा ही किया जाता है जिससे किसी दुर्घटना के पश्चात उनके परिजनों को एक निश्चित राशि दी जा सके। प्रबंधन व ठेकेदार द्वारा वेस्टर्न कोल फिल्ड्स लिमिटेड को करोडों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। श्रंमिकों की फर्जी हाजरी लगाने व उन्हें उनकी पूरी मजदूरी का भुगतान न करने का यह खेल वेकोलि की माजरी येरिया,वनी एरिया,वनीनार्थ एरिया,बल्लारपुर एरिया,चंद्रपुर एरिया की कई खदानों में कई वर्षो से अनवरत जारी है। जोकि समाज और राष्ट्र के किसी भी वर्ग द्वारा किया गया यह कृत्य किसी भी प्रकार से क्षमा करने योग्य नही हैं।
ठेका मजदूरों को नए दर से नहीं मिल रही मजदूरी?
वेकोलि में ठेका मजदूरों का वेज रिविजन समझौते के ग्यारह माह बाद भी लागू नहीं हुआ है। नए वेज पर अमल के लिए कोल इंडिया ने भी सर्कुलर जारी किया है। बावजूद इसके वेकोलि प्रबंधन रूचि नहीं ले रहा है। कोल इंडिया प्रबंधन और यूनियन के बीच कई दौर की बातचीत के बाद कोयला खदानों में काम करने वाले ठेका मजदूरों के लिए नया दर निर्धारित किया गया था। अकुशल कर्मचारियों को प्रतिदिन 787 रुपए और उच्च कुशल कामगार को न्यूनतम डेली वेज का भुगतान 877 रुपए देने की बात कही थी। यह सहमति सितंबर 2018 में दिल्ली की एक बैठक में बनी थी।लेकिन वेकोलि सहित अन्य अनुषांगिक कंपनियों ने अमल नहीं किया। कोयला खदानों में काम करने वाले ठेका श्रमिकों को प्रबंधन पुराने दर पर मजदूरी भुगतार कर रहा है। इससे यहां सैकड़ों ठेका मजदूर धोखाधड़ी एवं आर्थिक शोषण के शिकार हो रहे हैं। यहां ठेका मजदूरों को सुनियोजित ढंग से पुराने दर पर ही मजदूरी का भुगतान कर उनका आर्थिक शोषण किया जा रहा है। ठेका मजदूरों की बायोमैट्रिक सिस्टम से हाजरी नहीं लगाए जाने से वे आर्थिक शोषण के शिकार हो रहे हैं। नए वेतन का समझौता 4 सितंबर 2018 से लागू करने पर सहमति बनी थी। इसके साथ ही न्यूनतम मजदूरी के अलावा ठेका कामगारों को वीजीए और एसडीए का लाभ भी मिलना निर्धारित किया गया था।
ऐसे हो रहे ठेका मजदूर शोषण के शिकार
मिली जानकारी के अनुसार कोल फिल्ड्स लिमिटेड की अनुसांगिक सहायक सभी कोयला कंपनियों के क्षेत्रों में कार्यरत ठेका मजदूरों को आज भी 400 रुपये प्रतिदिन की दर से मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। अधिकांश ठेकेदारों द्वारा ठेका कामगारों से महीने में मात्र 10 से 12 दिन ही काम करा कर गड़बड़ी करने के लिए उनका कार्य दिन प्रतिमाह 26 से 30 दिन दर्शाया जाता है। और ठेकेदारों और वेकोलि प्रबंधन द्वारा ठेका मजदूरों को प्रतिमाह 10 से 12 दिन की राशि भुगतान कर शेष राशि स्वयं रख ली जाती है। इसका विरोध करने पर ठेका मजदूरों को कार्य से हटाने की धमकी दी जाती है या हटा दिया जाता है। जिसकी जांच किए जाने की आवश्यकता है। यदि वेकोलि बल्लारपुर,वनी एरिया,वनीनार्थ चंद्रपुर एरिया महाकाली एरिया सास्ती घुग्गुस राजुरा क्षेत्रों के अंर्तगत उपरोक्त मामले की चीफ विजिलेंस अधिकारी से जांच कराई जाए तो भारी मात्रा में किए जा रहे भ्रष्टाचार उजागर होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है