नागपूर :-महाराष्ट्र मुस्लिम समाज ने 19 दिसंबर को ‘सम्मान रैली’ का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य देश और राज्य में बढ़ती नफरत और अल्पसंख्यक समाज के खिलाफ हो रही हिंसा को समाप्त करना था। यह रैली इंदौरा मैदान से संविधान चौक तक निकाली गई, जिसमें पूरे महाराष्ट्र से करीब दस हजार लोगों ने भाग लिया।
रैली के दौरान मुख्य रूप से निम्नलिखित मांगे रखी गईः
1. धार्मिक भावनाओं की रक्षा के लिए सख्त कानूनः पैगंबर ए इस्लाम और अन्य धार्मिक महापुरुषों के खिलाफ अपमानजनक शब्द कहने वालों पर मौजूदा कानून में संशोधन कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
2. वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों का समाधानः वक्फ संपत्तियों पर विवादों को समाप्त करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।
3. आर्थिक और शैक्षणिक सुधारः मुस्लिम समुदाय की आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति को सुधारने के लिए सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 5% आरक्षण लागू किया जाए।
इस रैली में जमात रुजा ए मुस्तफा से जुड़े इस्लामिक विद्वानों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा, ईमान तंजीम, सुन्नी यूथ फोर्स, मिशन नामूस ए रिसालत, असरा फाउंडेशन, दूरी महफ़िल, ताजो रजा, तेहरिक ए मुस्लिम इंकलाब, फैजाने ताजुल ऑलिया, शेर ए रुजा अससखफतूर रिजविया, खुद्दम ट्रस्ट ताजबाग, SAO अकोला, हज्जान खुर्शीद बेगम चैरिटेबल ट्रस्ट, और अन्य संगठनों ने भी रैली को समर्थन दिया।
रैली का मार्गदर्शन प्रमुख इस्लामिक विद्वानों मुफ्ती इमरान जियाई और मौलाना अतिकुररहमान सिद्दीकी ने किया। मुख्य आयोजकों में राजा हबीब बेग, सैयद रमीज अहमद, इमरान कादरी, हाजी वसीम कुरैशी, मो. जिशान, जावेद कुरैशी, असद खान, मोहसिन कुरैशी, कलीम अशरफ, दानिश कुरैशी, युनुस पटेल, अब्दुल हनीफ केडिया, इमरान खान रजवी, शाहिद खान, जुबैर लतीफ शेख, मोहम्मद दानिश शमीम, मोहम्मद सदफ शब्बीर और मोहम्मद सीमाब शब्बीर शामिल थे