– सूरज पैनल के प्रत्याशियों ने की थी अपील
नागपुर – अग्रवाल समाज के प्रतिष्ठित संगठन श्री अग्रसेन मंडल के दस हजार से अधिक सदस्य मतदाताओं के स्वास्थ्य और प्राणों की कोरोना से रक्षा की समस्त चिंताओं तथा महामारी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए चुनाव अधिकारी श्री भारत भूषण मेहाडिया जी मंडल चुनाव में एक पैनल के दो आकाओं के दम पर इस रविवार 9 जनवरी को मतदान कराने पर अड़ियल बने हुए थे। उन्होंने अपने कथित अधिकारों के अंतर्गत मंडल की अध्यक्षा उर्मिला देवी अग्रवाल के निर्देश को भी दरकिनार कर दिया था। चुनाव अधिकारी के इस रवैए से अनेक प्रत्याशियों सहित समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग कोऱना महामारी के बढ़ते मामलों के बीच मंडल के चुनाव और मतदान कराने से संभावित खतरे चिंतित था। मंडल चुनाव में तराजू पैनल के नेता चुनाव अधिकारी को भारतभूषण मेहाडिया को हस्तक बनाकर मतदान कराने पर उतारू थे जबकि प्रशासनिक विभागों से किसी भी प्रकार की अनुमतियां नहीं मिली थीं। नागपुर महानगर पालिका उपायुक्त के एक निर्देश पत्र में साफ तौर लिखकर चुनाव अधिकारी को सलाह सूचना दे दी गई थी कि मतदाताओं की बड़ी संख्या को देखते हुए मतदान कराना कोरोनाकाल में उचित नहीं होगा। चुनाव में उम्मीदवार नवगठित सूरज पैनल के प्रत्याशी सर्वश्री दुर्गाप्रसाद हरिकिसनजी अग्रवाल ( संपादक अग्रचिंतन पत्रिका), एडवोकेट अशोक गंगारामजी अग्रवाल, अशोक रामरिछपालजी अग्रवाल बैंकवाले, प्रल्हाद श्रीराम जी अग्रवाल कानोड़िया चुनाव अधिकारी के रवैए और हेतपुरस्सर आचरण का विरोध करते हुए जिलाधिकारी, अतिरिक्त जिलाधिकारी, नागपुर महानगर पालिका आयुक्त, उपायुक्त , उपायुक्त स्वास्थ्य विभाग धरमपेठ जोन, पुलिस आयुक्त, पुलिस उपायुक्त जोन दो, अंबाझरी पुलिस थाना सहित सभी उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को मतदान पर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करने की गुहार लगाई। इन सबकी ओर से बताया गया कि कि अग्रसेन मंडल चुनाव मतदान के लिए किसी भी विभाग द्वारा कोई अनुमतियां नहीं दी गई हैं। यह सब बातें ध्यान में लाने के बावजूद चुनाव अधिकारी श्री मेहाडिया अड़ियल रवैया अपनाये रहे और मनमानी करते हुए मतदान कराने की अनुचित तैयारी करते रहे। अंततः सूरज पैनल के प्रत्याशियों ने 6 जनवरी को उच्च न्यायालय में रिट पिटीशन दाखिल करके 9 जनवरी को प्रस्तावित मतदान स्थगित करने की अपील की। इस याचिका में सभी संबंधित उच्च प्रशासनिक अधिकारियों, अग्रसेन मंडल की अध्यक्षा श्रीमती उर्मिला देवी अग्रवाल, तथा मुख्य चुनाव अधिकारी श्री भारत भूषण मेहाडिया को पार्टी प्रतिवादी बनाया गया। 6 जनवरी की शाम को उच्च न्यायालय में दाखिल रिट पिटीशन के कानूनी नोटिस याचिकाकर्ता की ओर से पहुंचाये गये। कल शाम को ही मतदान के लिए शामियाना मंडप बनवाने में लगे चुनाव अधिकारी श्री भारत भूषण मेहाडिया को याचिकाकर्ताओं ने नोटिस की प्रति सौंपी। इस तरह अनपेक्षित रिट पिटीशन पढ़कर मनमानी पर उतरे चुनाव अधिकारी की अपनी सिट्टी-पिट्टी गुम होती नजर आई। वहां मौजूद बड़े गठबंधन पैनल के एक आका खिसक लिए। मुर्झाया से चेहरा लिए हुए चुनाव अधिकारी ने तत्काल अपने “आकाओं” के साथ विचार-विमर्श के रातों रात मतदान रद्द करने में ही अपनी भलाई समझी । उन्होंने मंडल कार्यकारिणी या अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों से भी विचार विमर्श नहीं किया। आज शुक्रवार को दोपहर बाद उच्च न्यायालय में माननीय जज चांदुरकरजी तथा माननीय जज पुष्पा गनेडीवाल जी के समक्ष रिट पिटीशन पर सुनवाई हुई। मनपा प्रशासन , राज्य शासन तथा मंडल की ओर से नियुक्त अधिवक्ता सुनवाई में उपस्थित थे। याचिकाकर्ता सूरज पैनल के प्रत्याशियों की से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री श्रद्धानंद भूतड़ा तथा एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने पैरवी की। प्रतिवादी अग्रसेन मंडल के चुनाव अधिकारी ने याचिका पर उत्तर दाखिल करते हुए मतदान अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की जानकारी माननीय न्यायालय को दी।
न्यायालय में उत्तर दाखिल करने के पूर्व ही मतदान स्थगित करने का लिखित नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इस तरह लाचार चुनाव अधिकारी को समाज के दबाव और उच्च न्यायालय सहित महानगर पालिका और पुलिस विभाग द्वारा कोविड नियमों के उल्लंघन करने बाबत उन पर संभावित कठोर दंडात्मक कार्रवाई के भय के बीच हथियार टेकने पर मजबूर होना पड़ा।
चुनाव अधिकारी ने अपनी मनमानी से मंडल और समाज को लाखों रुपयों की हानि में भी ढकेल दिया। चुनाव अधिकारी एडवोकेट भारत भूषण मेहाडिया और उनके आकाओं की समाज में जमकर आलोचना की जा रही है।
सूरज पैनल के प्रत्याशियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री श्रद्धानंद भूतड़ा तथा एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने पैरवी की।