शारीर को मजबूत फौलाद तथा दुबलापन दूर करने मे रामबाण है गोखुरु फल

गोखुरु फल औषधियां,चरक संहिता,वाग्भट्ट,सुश्रुत,संहिता और अमृत सागर नामक आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसका वर्णंन

नागपूर l आज की इस व्यस्ततम् और भागदौड़ भरी जिंदगी में प्राकृतिक नियमो का खुल्लम खुल्ला उलंघन की वजह से अधिक शारीरिक और मानसिक श्रम तथा अयोग्य भोजन-खान-पान की आदतों की वजह से मनुष्य को मृत्यू बढी तेजी पीछा कर रही है?जरा सा कोई भी काम शुरू करते ही सुस्ति थकान बैचेनी और कमजोरी महसूस करने लग जाते हैं। सुखी और स्वस्थ जीवन के लिए ये बेहद जरुरी है कि व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से शक्तिशाली बना रहे। अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा ही होता है तो छुटभैये झोलाछाप डाक्टरों और नीम हकीमों के चक्कर लगाना छोड़कर अपनी गाईड में गोखरू को शामिल करें, जो शारीरिक कमजोरी दूर कर शरीर को फौलाद बना सकती है ।

गोखुरु के फल में कांटे लगे होते है.

गोखरू व्यक्ति को शारीरिक रूप से फिट रखने में मदद करता है। इससे शरीर मजबूत होता है और यौन शक्ति में इजाफा होता है। स्पर्म की गुणवत्ता बढ़ती है, जिस वजह से इसे पुरूषों के लिए किसी वरदान से कम नहीं माना जाता है। इसके सेवन से सेक्सुल डिसऑर्डर और इंफर्टीलिटी की समस्याएं दूर होती हैं।

गोखरू पुरुषों के अंग को मजबूत बनाता है –

गोखरू की तासीर बहुत गर्म होती है। सर्दियों में इसका इस्तेमाल कर हम कई बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं। सीने में होने वाले दर्द हाट प्रेसर और एक्जिमा के लिए भी यह बेहद फायदेमंद होता है। हालांकि इसका इस्तेमाल किसी जानकार आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर्स के सलाह के साथ किया जाए तो बहेतर होगा।

गोखुरु सेवन से बाझपन की समस्या दूर हो जाती है –

गोखरू के 250 ग्राम पावडर के साथ अश्वगंधा पावडर 100 ग्राम,और100ग्राम कौच बीज पावडर मिश्र के दुग्ध संग सेवन से इंसान खुद को फूर्तिला महसूस करता है। यह पुरुषों में स्पर्म की संख्या को बढ़ाता है। कहते है इसका सेवन लगातार 60 दिनों तक करने से बांझपन और नपुंसकता की समस्या दूर हो सकती है। इसके अलावा यह त्वाचा सबंधित परेशानियों को भी दूर करने में मदद करता है।

गोखरू सीने में होने वाले दर्द से राहत दिलाता है –

गोखरू का इस्तेमाल गठिया के इलाज के लिए भी किया जाता है। इसके सेवन से आपको जोड़ो के दर्द और मांसपेशी के दर्द में आराम मिलता है। इसके लिए आपको गोखुरू का पाउडर, सूखा अदरक पावडर और पानी को बराबर मात्रा में उबाल कर रोज सुबह में 50 से 100 मिलीलीटर खाली पेट पीना होगा। कुछ दिनों में इसका असर आपको साफ दिखने लगेगा।

शुक्राणुं क्षमता बढाने मे कारगर

गोखुरु,कामराज कंद,व वलराज कंद,सेमल मूसला बिदारी कंद और सफेद मूसली बरावर भागों मे इमामदस्ता मे कूटपीस खरल करके रबादार चूर्ण तैयार कर लेवें,और रोज सुबह दोपहर शाम 1-1-1चम्मच दूध के साथ सेवन करने से शुक्राणू क्षमता बढाकर शरीर मे अश्वशक्ति प्रदान करता है!उपरोक्त शहर के किसी भी अधिकृत जडीबूटी दुकान तथा पंसारी की दुकान मे उपलब्ध हो सकती हऔषधियां उपरोक्त औषधियों का वर्णन अनेक आयुर्वेदिक ग्रंथों में मिलता है।

सहर्ष सूचनार्थ नोट्स:-
कृपया उक्त औषधियां तैयार करने,परेज,अनुपान और रोगनिदान के संबंध मे अनुभव कुशल आयर्वेदाचार्य चिकित्सक की सलाह लेना अनिवार्य है

– टेकचंद शास्त्री
9822550220

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