मनपा चुनाव को लेकर स्थानीय भाजपा नेताओं का ब्यान कि कटेगा 50% नगरसेवकों की टिकट,जिले के 2 भाजपा विधायक सकते में कि बावनकुले जीता तो उनकी तरक्की रुक जाएगी।हार का प्रमुख कारण हो सकती हैं
नागपुर – नागपुर जिले के स्थानीय स्वराज संस्था (जिलापरिषद व मनपा) से विधानपरिषद के लिए होने जा रहे चुनाव इस दफे भाजपा के लिए पुनः नुकसानदेह साबित होने वाली हैं क्यूंकि भाजपा की अंदरूनी कलह इन दिनों सर चढ़ के बोल रही.वह यह कि भाजपा नेता नितिन गडकरी और इसके बाद शहर भाजपा ने नगरसेवकों के कार्यकाल की समीक्षा बैठक बाद यह संकेत दिया था कि 50% नगरसेवक-नगरसेविकाओं के टिकट कटेंगे।दूसरी ओर इस चुनाव में भाजपा ने जिले के प्रभावी OBC नेता चंद्रशेखर बावनकुले को टिकट दिए जाने से जिले के वर्त्तमान में भाजपा विधायक (1 शहर के और 1 ग्रामीण के ) खफा हैं,कि बावनकुले जीत गया और कल भाजपा पुनः सत्ता में आई तो उनका मंत्री बनने का मौका चला जाएगा।इसलिए भाजपा के नगरसेवक और जिले के 2 विधायक बावनकुले के विरोध में सक्रिय हैं,इसलिए भाजपा शीर्षस्थ नेता इस चुनाव में कफ्यू सतर्कता बरत रहे.
उधर बावनकुले की इच्छा न रहते हुए उसे उम्मीदवार बनाया गया क्यूंकि वे कामठी विधानसभा क्षेत्र त्यागने के मूड में नहीं थे.और भाजपा का दूसरा विरोधी धड़ा इस चुनाव में उम्मीदवारी देकर बावनकुले को राजनैतिक रूप से पूर्णतः समाप्त करना चाह रहा हैं,वह इसलिए कि जिले में दत्ता मेघे के बाद नितिन गडकरी और उसके बाद चंद्रशेखर बावनकुले ही सर्वगुण संपन्न व पक्ष-विपक्ष को चलने वाला नेता बनकर उभरे,जो देवेंद्र फडणवीस को कटाई हज़म नहीं हो रहा.
वैसे फडणवीस की दिली इच्छा थी कि खासमखास नगरसेवक विक्की कुकरेजा को आसानी से विधानपरिषद पहुंचा दे लेकिन कांग्रेस के योजना ( छोटू भोयर को कांग्रेस की टिकट ) की हवा लगने के कारण उन्होंने इस चुनाव में बावनकुले को उम्मीदवारी देकर निपटाने की दूसरी योजना बना डाली। क्यूंकि फडणवीस को आभास हो चूका था कि विक्की कुकरेजा की जिद्द उन्हें ले डूबेगी और बावनकुले की जनता में बढ़ती पैठ,उनके राजनैतिक भविष्य खतरा बन सकती हैं।
बावनकुले के उम्मीदवारी बाद भाजपा के विधायक कृष्णा खोपड़े और समीर मेघे अपने राजनैतिक भविष्य को लेकर मायूस हो गए.उन्हें आशा थी कि राजनैतिक घटनाक्रम में राज्य में भाजपा की सरकार बनी तो शहर व ग्रामीण से दोनों विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता हैँ.इसलिए दोनों इस चुनाव में बावनकुले के विरोध में नज़र आ रहे.
इसी स्थानीय स्वराज चुनाव में जब अशोक मानकर और राजेंद्र मूलक का मुकाबला था तब बावनकुले ने अशोक मानकर खिलाफ काम किया था,इसलिए कि मानकर जीत कर आ गया तो गडकरी के और करीबी हो जाएगा मानकर।बावनकुले की इस नित की जानकारी बाद आज जिले के माड़ी समाज के मतदाता बावनकुले से पुराना बदला चुकाने के लिए आतुर दिख रहे.
इसके अलावा यह चुनाव जातिगत रूप ले चूका हैं,वह यह कि तेली बनाम कुनबी।इस समीकरण के आधार पर जिले में कुनबी मतदाता प्रभावी हैं.इन सभी कारणों से बावनकुले की डगर आसान नज़र नहीं आ रही.ऐसे में भाजपा अपने मतदाताओं को कहीं भी घुमा-फिरा लें,अंतिम समय तक अनिश्चितता बनी रहेगी।
याद रहे कि कांग्रेस उम्मीदवार डॉक्टर छोटू भोयर भाजपा नेतृत्व से काफी दिनों से खफा थे ही,इसी बीच एमएलसी का चुनाव आ गया.इस चुनाव में बगावत की कहानी लगभग 3 माह पहले रची गई थी.भोयर को जिले के एक मंत्री ने दिल्ली ले जाकर कांग्रेस के शीर्षस्थ्य नेताओं मुलाकात कर टिकट दिलवाने का ठोस आश्वासन दिलवाया था.इसी दौरान 3 सितंबर 2021 को वह मंत्री और भोयर दिल्ली विमानतल पर नागपुर लौटने का इंतज़ार करते देखे गए थे.हालांकि दोनों ने एक-दूसरे से दुरी बनाए रखी थी,ताकि उनके योजना को ग्रहण न लगे.
उक्त रणनीति के पीछे का मकसद यह था कि उक्त कांग्रेसी मंत्री को जिले में दूसरा राजनैतिक रूप से सक्षम कांग्रेसी नेता नहीं चाहिए था.उदाहरणतः राजेंद्र मुळक। उक्त रणनीति को सफल बनाने के लिए कांग्रेस टिकट की घोषणा तक स्थानीय कांग्रेसी नेताओं ने सिर्फ और सिर्फ उम्मीदवार चयन के नाम पर मंथन का नाटक कर समय काटते रहे.
विधानपरिषद चुनाव के लिए आवेदन भरने के 1 दिन पूर्व तय रणनीति के आधार पर छोटू भोयर ने कांग्रेस में प्रवेश किया,इस दौरान प्रवेश कार्यक्रम में उपस्थित सभी नेताओं ने भोयर को उम्मीदवारी देने और उसे जिताने के लिए कांग्रेस मंत्री सुनील केदार पर जिम्मेदारी सौंपी थी,और बाद में भोयर ने भी साफ़ किया था कि वे केदार के कारण कांग्रेस में आये हैं.
जबकि इस चुनाव उम्मीदवारी राजेंद्र मूलक काफी इच्छुक थे,वह तब कि जब कांग्रेसी नेता स्नातक क्षेत्र से विधानपरिषद चुनाव दिखाए गए सक्रियता इस चुनाव में भी दिखाने का वादा करें।
उल्लेखनीय यह है कि चुनाव में अगर भोयर आर्थिक मदद की जरुरत पड़ी तो पहले ही मामा ने पूर्ण मदद करने का आश्वासन दे दिया,इसलिए उनके में उनके नेता रूपी आका बिंदास्त हैं.
दिनेश दमाहे
9370868686
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