– नागपुर,चंद्रपुर व यवतमाळ जिले में खुलेआम फलफूल रहा कोयले की कालाबाज़ारी,WCL मुख्यालय में चल रही सेटिंग जिसे अंजाम दे रहे सभी उपक्षेत्रीय प्रबंधक
नागपुर :- कोल वॉशरी में कोयले की धुलाई बाद कोयले की गुणवत्ता और उसके लाभार्थी WCL मुख्यालय के सभी सम्बंधित अधिकारी मिलकर तय करते हैं फिर मुख्यालय से लेकर खदान क्षेत्र से प्रत्येक उपक्षेत्रीय प्रबंधकों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण कोयला चहेते व्यापारियों और कोल वाशरी के लिए उपलब्ध करवाने के साथ ही साथ मांगकर्ता सरकारी महकमों को बचा हुआ घटिया कोयला आपूर्ति की जा रही हैं.कोल वाशरी के संचालक भी प्राप्त कोयलों में से छांट-छांट कर कोयला COMMERCIAL CUSTOMERS को मनचाही दर में बेचने का सिलसिला जारी हैं,क्यूंकि सभी की मिलीभगत हैं इसलिए किसी के कानों पर जूं नहीं रेंगते हैं.जल्द ही ‘एमओडीआई फाउंडेशन’ उक्त धांधली के पुख्ता सबूत को इकठ्ठा कर PMO,CVC,CBI के सुपुर्द करेगी,इसके बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर सकती हैं.
CVO को KKSS ने की शिकायत,वेकोलि को 13,48,21, 500 रूपए का नुकसान
प्राप्त जानकारी के अनुसार KKSS ने CVO समेत CMD,DT-WCL,DT-QUALITY CONTROL BOARD(WCL),SALES-MARKETING(WCL), CGM,ASM & SUB AREA MANAGER को पत्र लिख कर वणी नार्थ के घोंसा खदान के COAL STOCK YARD में ख़राब कोयला DUMPING की जा रही हैं.वह इसलिए कि आर्थिक वर्ष के अंत में कागजों पर उत्पादन दिखाने के लिए अपने करीबी ठेकेदारों के माध्यम से उक्त ग़ैरकृत को सफल अंजाम दिया जा रहा हैं.खान प्रबंधक आंबेकर में नेतृत्व में यार्ड में जमा ख़राब कोयले के अलावा मिट्टी,पत्थर,कीचड़ का जमाव उनकी पोल खोल रहा हैं.इसकी जानकारी आंबेकर को दिए जाने के बावजूद नज़रअंदाज किये जाने से WCL और CENTRAL GOVERMENT को राजस्व का नुकसान सहन करना पड़ेंगा।
पत्र के अनुसार WCL ने 18-01-2023 को ई-निलामी के माध्यम से 50000 मैट्रिक टन कोयला रोड सेल के लिए बेचा,वह भी इसी घोंसा खदान से.कुल कोयला (मिक्स) की बोली WCL ने 2913 रूपए / टन रखी थी,यह दर भी सांठगांठ के तहत तय किया गया था,लेकिन निलामी में भाग लेने वाले व्यापारियों ने 6098 रूपए / टन के हिसाब से पूरा 50000 मैट्रिक टन कोयला खरीद लिया।व्यापारियों ने रॉयल्टी को जोड़कर 8171 रूपए / टन के हिसाब से कोयला खरीदी की.
एमओडीआई(M.O.D.I.) फाउंडेशन की नेतृत्वकर्ता भूमिका मेश्राम के अनुसार खान प्रबंधक आंबेकर ने यार्ड में अच्छा कोयला जमा रखता था तो कोयले के खरीददार ठेकेदार को कुल 50000 मैट्रिक टन कोयले मिले होते और वेकोलि सह केंद्र सरकार को कर रूपी राजस्व का नुकसान नहीं उठाना पड़ता।
हुसैन के अनुसार उक्त ई-निलामी के बाद पिछले 2 माह से कोई निलामी नहीं हुई हैं.घोंसा खदान का कोयला रोड सेल के लिए उपयोग किया जाता हैं.
फाउंडेशन की भूमिका मेश्राम ने बताई कि चंद्रपुर और यवतमाळ जिले के कॉल वाशरी में वेकोलि मुख्यालय के सम्बंधित अधिकारियों की मिलीभगत से वाशरी संचालक हेराफेरी में लीन हैं.जल्द ही इस सम्बन्ध में PMO को सबूत सह जानकारी देकर कोल वाशरी बंद करवाने की मांग की जाएगी,क्यूंकि वाशरी संचालक कोयला धोने की आड़ में रोटी सेक रहे हैं.