नागपूर :- आज दिनांक 27.10.2022 को वर्चुअल माध्यम से आयोजित उद्घाटन समारोह में कोयला मंत्रालय के सचिव डॉ. अनिल कुमार जैन, भा.प्र.से, ने पाथाखेड़ा क्षेत्र की छत्तरपुर-I भूमिगत खदान में कंटीन्यूअस माइनर एवं वेकोलि मुख्यालय के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) का उद्घाटन किया।
समारोह में वेकोलि के सीएमडी मनोज कुमार ने पाथाखेड़ा क्षेत्र की छत्तरपुर-I भूमिगत खदान की वर्त्तमान स्थिति एवं कंटीन्यूअस माइनर के प्रयोग से खनन प्रक्रिया में होने वाली वृद्धि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने नई तकनीक के लाभ का जिक्र करते हुए वेकोलि मुख्यालय के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के उपयोग के बारे में विस्तार से बताया।
उद्घाटन समारोह के दौरान अपने उद्बोधन में डॉ. अनिल कुमार जैन ने कहा कि वेकोलि में भूमिगत खनन का विशेष महत्व है। इस दिशा में नवीनतम तकनीक का प्रयोग एवं मशीनीकरण आवश्यक है। उन्होंने छत्तरपुर-I भूमिगत खदान में कंटीन्यूअस माइनर प्रणाली को अपनाने के प्रयास की सराहना की। साथ ही उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वेकोलि मुख्यालय में स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से खदानों की वर्तमान जानकारी तत्काल हासिल होगी एवं इससे कार्य में पारदर्शिता और तेज़ी आएगी।
कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा की देश में कोयले की मांग निरंतर बढ़ रही है। ऐसे में आवश्यकता के अनुरूप कोयला उत्पादन करने हेतु खुली खदानों के साथ-साथ भूमिगत खनन को भी बढ़ाया जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि मशीनीकरण से भूमिगत खदानों की लाभप्रदता बढ़ती है। इसी उद्देश्य से कोल इंडिया लिमिटेड ने 2030 तक 100 कंटीन्यूअस माइनर लगाने की योजना बनाई है, जिसमें से 20 वेकोलि में लगाए जायेंगे।
इस समारोह में वर्चुअल माध्यम से कोयला मंत्रालय के अपर सचिव विनोद कुमार तिवारी एवं एम. नागराजू के साथ कोयला मंत्रालय एवं कोल इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी गण, वेकोल बोर्ड के सदस्य गण, अनुषंगी कंपनियों के सीएमडी अदि जुड़े। प्रत्यक्ष तौर पर वेकोलि के निदेशक (कार्मिक) डॉ. संजय कुमार, निदेशक तकनीकी (संचालन) जे. पी. द्विवेदी, निदेशक तकनीकी (योजना एवं परियोजना) ए. के. सिंह, सीवीओ मुकेश कुमार मिश्रा, संचालन समिति के सदस्य, क्षेत्रीय महाप्रबंधक गण, विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिकारी गण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यू-ट्यूब पर किया गया, जिसे बड़ी संख्या में कोयला क्षेत्र के जुड़े कर्मियों ने देखा।