“ब्रिगेड ऑफ दी गार्डस” का 27 वाँ द्वि-वार्षिक सम्मेलन और 12 वाँ रीयूनियन कामठी में सम्पन्न

कामठी :- “ब्रिगेड ऑफ दी गार्डस” ने 27 वाँ द्वि-वार्षिक सम्मेलन एवं 12वाँ रीयूनियन कामठी छावनी में स्थित रेजिमेंटल सेन्टर में आयोजित किया । इस अवसर पर सभी भूतपूर्व कर्नल ऑफ दी रेजिमेंट, सेन्टर कमांडेंट एवं ब्रिगेड ऑफ दी गार्डस के वरिष्ट सेवानिवृत्त अधिकारी उपस्थित थे । द्वि-चार्षिक सम्मेलन में समस्त गार्डस बटालियन एवं राष्ट्रीय राइफल तथा प्रादेशिक सेना के कमान अधिकारी एवं सूबेदार मेजर उपस्थित थे।

यह सम्मेलन 07 से 09 दिसम्बर 2022 तक चला। ले. जनरल एम. के. मागो, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल बार, कर्नल ऑफ दी ब्रिगेड ऑफ दी गार्डस ने सम्मेलन की अध्यक्षता की जिसमें रेजिमेन्ट से सम्बंधित विभिन्न मुददों पर गहन चर्चा हुई ।

12वाँ रीयूनियन, द्विवार्षिक सम्मेलन के साथ मनाया गया जिसमें बडी संख्या में वयोवृद्ध सेवानिवृत अधिकारी, जूनियर कमीशन्ड अधिकारी और सेवारत / सेवानिवृत अन्य रैंकों ने शोभा बढ़ाई। रीयूनियन का उद्देश्य बुजुर्गों के योगदान को याद करने, सौहार्द एवं भाई-चारे के निर्माण के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करके एस्पिरेट-डी-कॉप्रर्स का निर्माण करना है । इस अवसर पर पूर्व सैनिकों ने अपनी यादों को आपस में साझा किया तथा सभी वीर नारियों का सिर गर्व से ऊपर हो गया जब उनके पतियों के देश के लिए किए गये सर्वोच्च बलिदान को याद किया गया ।

“अमर योद्धा” में अपनी मातृभुमि के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाले बहादुर गार्डस-मैन को श्रद्धांजली देने के लिए पुष्पांजलि समारोह का आयोजन किया गया। इसके पश्चात सैनिक सम्मेलन आयोजित किया गया । रेजिमेन्ट की समृद्ध विरासत और परम्पराओ को ध्यान में रखते हुए इस दिन को मनाने के लिए आर्मी पोस्टल सर्विस के द्वारा ‘’फस्ट डे कवर” को प्रकाशित किया गया । एक विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम, रीयूनियन डिनर, गार्डस आरकेस्ट्रा के द्वारा प्रस्तुति, बैंड कन्सर्ट, इन्टर यूनिट बॉलीबाल चैम्पियन शिप, विशेष परिवार कल्याण सम्मेलन इत्यादि तीन दिवसीय समारोह के मुख्य आकर्षण थे ।

“ब्रिगेड ऑफ दी गार्डस” भारतीय सेना की सबसे वरिष्ठ पैदल सेना है जिसकी परिकल्पना फील्ड मार्शल के. एम. करियप्पा के द्वारा की गई थी। इसकी स्थापना 1950 में भारतीय सेना की सबसे पुरानी चार इन्फेन्ट्री बटालियनों के साथ की गई। बाद में रेजिमेन्ट का विकास हुआ एवं वर्तमान में इसकी कुल 23 बटालियन हैं जो बहादुरी एवं व्यवसायिकता की समृद्ध विरासत से युक्त हैं। रेजिमेन्ट का आदर्श वाक्य “पहला हमेशा पहला” है जिसका अनुकरण रेजिमेन्ट ने युद्ध क्षेत्र के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में भी कीर्तिमान स्थापित किया है। रेजिमेन्ट के पास 10 युद्ध सम्मानों के साथ-साथ वीरता पुरस्कारों की एक उल्लेखनीय संख्या है जिसमें 02 परम वीर चक्र, 03 अशोक चक्र, 06 महावीर चक्र, 05 कीर्तिचक्र, 42 वीर चक्र, 38 शौर्य चक्र और 215 सेना मेडल हैं।

इस एतिहासिक समारोह की मेजबानी ब्रिगेड ऑफ दी गार्डस रेजिमेन्टल सेन्टर कामठी, के द्वारा की गई जिसमें रेजिमेन्ट के एक सैनिक का प्रशिक्षण प्रारम्भ होता है एवं सेवाकाल की समाप्ति भी यहीं होती है। यह रेजिमेन्टल सेन्टर, रेजिमेन्ट की समृद्ध विरासत एवं परम्परा की धरोहर है ।

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