नागपूर – सोनोरस, स्वरगंध व मनलावा म्युझिकल की औरसे गानकोकीला लता मंगेशकर इनके १०० गाने गाकर लता दीदी को दी भावभीनी संगीतमय आदरांजली दी गयी. इस अनुठे कार्यक्रम की रसिक श्रोताओने वाहवा की. रविवार ६ मार्च को मधुरम हाॅल, दुसरा माला, विदर्भ हिंदी साहित्य संमेलन, बर्डी मे हुए कार्यक्रम मे सारे रसिक लता रंग मे रंग गये थे. दोपहर १ ते रात ९ अस समय मे आयोजित कार्यक्रमका आयोजन रूपाली दास-राय, योगेश बुटके, धनश्री भगत, अनंत कपाले, अरविंद शिंदे, स्वामीनाथन अय्यर, अचल वालदे इनकाथा.
कार्यक्रममे रूपाली दास-राय, वंदना वांदिले, मृणाल ताम्हण, दिप्ती पुरोहित, धनश्री भगत, प्रणोती बोंडे, विद्या गावंडे, शैलजा बडे, अस्मिता शिवलकर, पुष्पा जोगे, अंजली दुधे, शिखा काटेवार, अनुराधा पाटील, वैशाली गणोरकर, आरती जया धाबेकर, समा सोलव किल्लेदार, दिपाली कठाणे, सीमा मुडे, रश्मी बोबडे, निशा ठाकुर, शिबोर्न घोषाल, अनुपमा निर्मळे या गायीका और योगेश बुटके, अचल वालदे, स्वामीनाथन अय्यर, मुरली खिलरानी, राहुल दा, डाॅ. अभिलाष त्रिपाठी, अरविंद लाडे इन्होने लता दीदीकी सोलो और ड्यूएट गाणी सुनकर रसिक मंत्रमुग्ध हुए.
किसी भी कार्यक्रमका प्रारंभ गणेश वंदनासे होता है. तुज मागतो मी आता ये अनिरूद्ध पाटीलने गाये गणेश वंदनासे कार्यक्रमकी सुरीली शुरूवात हुइ. उस के बाद तुम्ही मेरी मंझिल : रश्मी बोबडे, ये दिल और उनकी : शैलजा बडे, आ जाने जा :श्रेया घोषाल, मै तुलसी तेरे आँगनकी : रूपाली दास राय, ना जाने क्यू : अनुपमा मदाम, रंगीला रे : अंजली दुधे, मनालोना : विद्या गावंडे, रैना बिती जाये :योगेश आणि वंदना वंदिले – यारा ओ या अस्मिता शिवालीकर, दगा दगा वुई वुई : धनश्री भगत आदी गानो की लडी लग गयी. मानो बरसात हुई.
कभी ड्यूएट और कभी सोलो गीताेकी बौछार हुइ. मदन मोहनसे लेकर नौशादतक और आर. डी. बर्मनसे लेकर एस. डी. बर्मनतक सभी संगीतकारोकी नये पुराने गाने गाये. मेरे प्यार की उमर हो : वैशाली घानोरकर व अचल वालदे सहीत इक राधा इक मीरा, सुनीयोजी अरज हमारी : दीपाली कठाणे, तू क्या जाने वफा : निशा ठाकुर आदी गानोसे श्रोता खुश हो गये. ए मेरे वतन के लोगो ये गाना सभी महिला गायीकाओने गाया. ये गानेसे कार्यक्रम का समापन हुआ. ध्वनी : हर्षल, प्रकाश : माईकल, प्रसारण : मनोज पिदडी इनकाथा. यूट्युब लाईव्हवर प्रसारण किया गया. प्रवाही निवेदन विभा विंचूरकर इनकाथा.. मान लावा रेस्टॉरंट, मेडिकल चौक इनके सहकार्यसे कार्यक्रम हुआ.