नागपुर – आशा” को सौंपे जाने वाले कार्यों का व्यवस्थापन करने में बड़े पैमाने पर अराजकता की स्तिथि प्रतीत होती है। उन्हें आदेश कोन देगा, नगरी प्राथमिक आरोग्य केंद्र के आरोग्य अधिकारी देंगे, या परिचारिका देगी इसकी कोई स्पष्टता नहीं है जिसके चलते पुरे शहर में कोई एकरूपता ही नही दिखती. “आशा” को स्वंयसेविका माना जाता है, उन्हें केवल विभिन्न कार्यक्रमों पर प्रोत्साहन भत्ता का भुगतान किया जाता है। यूनियनों के तथाकथित नेता अपने आंदोलनों और सरकार के साथ सफल बातचीत के बड़े-बड़े दावे करते हैं। यह देखा गया है कि राज्य स्तरीय आंदोलन वापस लेने के बाद वही संघ के नेता जो सरकार के साथ चर्चा का हिस्सा हैं, आशा की जमीनी स्तर पर अपील करते हैं कि या तो नियमित कार्यों का बहिष्कार करें या हड़ताल पर जाने की धमकी दें। हालांकि हड़ताल मुद्दों को हल करने का आखिरी उपाय है।
नागपुर महानगर पालिका अस्थायी आरोग्य कर्मचारी संगठन केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों में काम करने वाले सभी अस्थायी एवं ठेका पद्दति पर कार्यरत कर्चारियों का एक छत्री संगठन है, ने पाया कि सरकार की घोषणाओं ओर विभिन्न संघटनो के नेताओ के द्वारा अपने सदस्यों को दी जानेवाली जानकारी के बीच एक बड़ा अंतर होता है। यूनियनों के नेता अपने सदस्यों को पास करते हैं। अक्सर यूनियन के नेतागण “आशा” को या तो गुमराह करते है या फिर गलत जानकारी देते हैं. हालही में अस्थायी आरोग्य कर्मचारी संघटन का एक शिष्टमंडल टीकाकरण के कार्य के लिए प्रोत्साहन भत्ते के मुद्दे पर नागपुर महानगर पालिका के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय चिलकर से मुलाकात की। डॉ. चिलकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि जो भी “आशा” टीकाकरण के काम से जुडी है उसे प्रति दिन २०० का प्रोत्साहन भत्ता दिया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक आशा को टीकाकरण कार्य के लिए रु. प्रति दिन 200 दिया गाय है. कुछ मामले ऐसे भी हैं जिनमें भुगतान न करने की शिकायत यूनियन को मिली है जिन्हें डॉ. चिलकर के संज्ञान में लाया गया है। डॉ. चिलकर मामले की जांच कर समाधान करने का आश्वासन दिया।
यूनियन ने डॉक्टर चिलकर से आग्रह किया की आरोग्य विभाग में राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन विभाग में कार्यप्रणाली में आमूलाग्र सुधार लाया जाय जिससे सुचना प्रधान करने की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त हो. नागपुर महानगर पालिका अस्थायी आरोग्य कर्मचारी संघटन “आशा” स्वंयसेविकाओं से टीकाकरण संबंधी कार्यों को जारी रखने की अपील की है ताकि वे प्रोत्साहन भत्ते से वंचित न रह जाय.