सामान्य रोगों के लिए रामवाण औषधी गुणों से परिपूर्ण है भूई-आंवला?

नागपूर–  भूई-भूमि आंवला एक आयुर्वेदिक औषधि है। इसके फल बिल्कुल छोटे-छेटे आंवले जैसे दिखते हैं और यह बहुत छोटा पौधा होता है इसलिए इसे भुई आंवला या भूमि आंवला भी कहते हैं। यह बरसात में जमीन पर अपने आप उग जाता है और छायादार नमी वाले स्थानों पर पूरे साल मिलता है। इसे उखाड़ कर व छाया में सुखाकर उपयोग किया जाता है। ये जड़ी- बूटी की दुकान यानी पंसारी के यहां आसानी से मिल जाता है।

आयुर्वेदिक ग्रंथ चरक संहिता के रचयिता स्वामी चरक ऋषी तथा सुश्रुत संहिता के रचयिता सुश्रुत ऋषि आदि ने अपनी आयुर्वेद ग्रंथो मे बताया है कि भूई आंवला को तीन तरह से खाया जा सकता है।
इसके चूर्ण को आधा चम्मच पानी के साथ दिन में 2-3 बार लिया जा सकताl य इसके पौधे का ताजा रस 10 से 20 ML दिन मे 2 से 3 बार ले सकते है,
भूई आंवला का ताजे पौधे को उखाड़ कर और साफ धोकर भी चबाकर खाया जा सकता है।

भूई आंवला के उपयोग से मिलने वाले फायदे

जिसका लीवर बढ़ गया है या लीवर मे सूजन है तो यह उसके लिए बहुत असरदार दवाई है।
पांडूरोग( पीलिया) में इसकी पत्तियों के पेस्ट को छाछ के साथ मिलाकर दिया जाता है इससे पीलिया रोग बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।
उसी प्रकार गुर्दारोग( किडनी) के इन्फेक्शन और किडनी फेलियर में यह बहुत लाभदायक है। यह किडनी के सिस्टम को ठीक करती है। यह डाइयूरेटिक है जिससे यूरिन ज्यादा बनती है जिससे बॉडी की सफाई होती है।
एन्टीवायरल गुण होने के कारण यह हेपेटाइटिस B और C के लिए रामबाण दवाई है।
– मुंह में छाले होने पर इसके पत्तों का रस चबाकर निगल लें या थूक दें। मुंह के छाले ठीक हो जाएंगे।
स्तनरोग( ब्रेस्ट) में सूजन या गांठ हो तो इसके पत्तों का पेस्ट लगा लेने से आराम होगा।
– सर्दी- जुकाम-खांसी में इसके साथ तुलसी के पत्ते मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से आराम मिलता है।
इसके अलावा मधुमेह-सुगर (डायबिटीज) में घाव न भरते हों तो इसका पेस्ट पीसकर लगा दें और इसे काली मिर्च के साथ लिया जाए तो शुगर कंट्रोल हो जाती है।इसी तरह अनेक प्रकार की सूतक-पातक व्याधियों के निवारण के लिए भी भाई आंवला रामवाण औषधी गुणों से परिपूर्ण हैl इसके लिए आयुर्वेद विशेषज्ञ (चिकित्सक) द्धारा रोग निदान और उपचार के लिए सलाह लेना जरुरी है

– टेकचंद सनोडिया शास्त्री,
विशेष औधोगिक प्रतिनिधि
9822550220

Contact us for news or articles - dineshdamahe86@gmail.com

News Today 24x7

Next Post

आंखों मे रोशनी बढ़ाएगा घरेलू रामवाण आयुर्वेदिक उपचार

Wed Dec 22 , 2021
नागपुर – आयुर्वेदिक ग्रंथों में नेत्र रक्षा के लिए विभिन्न उपाय एवं घरेलु उपचार का वर्णन किया गया है।यूं तो शरीर का हर एक अंग महत्वपूर्ण होता है लेकिन आंखों के बिना जीवन अधूरा एवं अंधकारमय हो सकता है। आयुर्वेदीक ग्रंथ जिसमे चरक संहिता,अमृत सागर, वागभट्ट,शुश्रुत संहिता,आदि ग्रन्थों में नेत्र रक्षा के उपायों का विस्तृत वर्णन किया गया है। जैसे […]

You May Like

Latest News

The Latest News

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com
error: Content is protected !!