सर्वांग स्वास्थ्य बर्धक एवं रोगों से छुटकारा दिलाने मे दालचीनी रामबाण औषधी


-टेकचंद  शास्त्री

नागपूर – जन स्वास्थ्य बर्धक एवं विभिन्न रोगों से छुटकारा दिलाने के लिए दालचीनी रामबाण औषधी के रुप मे बीड ही गुणकारी है जिसकी उपयोगिता के संबंध उपयोग की मात्रा यहां दी जा रही हैः-

हिचकी की परेशानी में दालचीनी का सेवन

किसी को भी असमय हिचकी आना बहुत ही साधारण सी बात है, लेकिन कई ऐसे भी लोग होते हैं, जिन्हें हमेशा हिचकी आने की शिकायत रहती है। ऐसे लोग दालचीनी का उपयोग कर सकते हैं। दालचीनी के 10-20 मिली दालचीनी का काढ़ा को पिएं। इससे आराम मिलता है।

भूख को बढ़ाने के लिए दालचीनी का सेवन

500 मिग्रा शुंठी चूर्ण, 500 मिग्रा अजवायन तथा 500 मिग्रा दालचीनी को पीस लें। भोजन के पहले सुबह-शाम लेने से भूख बढ़ती है। और शरीर को तरोताजा बनाने के गुण छिपे है दालचीनी मे

उल्टी को रोकने के लिए दालचीनी का प्रयोग

दालचीनी का प्रयोग उलटी को रोकने के लिए भी किया जाता है। दालचीनी, और लौंग का काढ़ा बना लें। 10-20 मिली मात्रा में पिलाने से उल्टी पर रोक लगती है। इससे उदर विकार भी दूर होते है!

आंखों के रोग में दालचीनी का प्रयोग

अनेक लोग बराबर शिकायत करते हैं कि उनकी आंखें फड़कती रहती हैं। दालचीनी का तेल आंखों के ऊपर (पलक पर) लगाएं। इससे आंखों का फड़कना बन्द हो जाता है, और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।

दांत के दर्द से आराम पाने के लिए दालचीनी का सेवन

जिन लोगों को दाँत दर्द की शिकायत रहती है, वे लोग दालचीनी का फायदा (Dalchini ke fayde) ले सकते हैं। दालचीनी के तेल को रूई से दांतों में लगाएं। इससे दांतो को आराम मिलेगा।
दालचीनी के 5-6 पत्तों को पीसकर मंजन करें। इससे दांत साफ, और चमकीले हो जाते हैं।

दालचीनी का प्रयोग कर सिर दर्द से आराम

अगर आप सिर दर्द से परेशान रहते हैं, तो दालचीनी का सेवन करें। दालचीनी के 8-10 पत्तों को पीसकर लेप बना लें। दालचीनी के लेप को मस्तक पर लगाने से ठंड, या गर्मी से होने वाली सिर दर्द से आराम मिलता है। आराम मिलने पर लेप को धोकर साफ कर लें।
दालचीनी के तेल से सिर पर मालिश करें। इससे सर्दी की वजह से होने वाले सिरदर्द से आराम मिलती है।

दालचीनी तथा चीनी को बराबर-बराबर मात्रा में मिला लें। इसे चावल के धोवन (चावल को धोने के बाद निकाला गया पानी) से पीस कर बारीक चूर्ण बना लें। इसे नाक के रास्ते लें। इसके बाद गाय के घी को भी नाक के रास्ते लें। इससे सिर से संबंधित विकारों में आराम मिलता है।
आप तंत्रिका-तंत्र संबंधी परेशानियों के लिए दालचीनी के तेल को सिर पर लगाएं। इससे फायदा होता है।

जुकाम में दालचीनी का इस्तेमाल

दालचीनी को पानी में घिस कर, गर्म कर लें, और लेप के रूप में लगाएं। इससे जुकाम में फायदा होता है।
दालचीनी का रस निकालकर सिर पर लेप करने से भी लाभ (benefits of Dalchini) होता है।

दालचीनी के उपयोग से खांसी में फायदा

खांसी के लिए दालचीनी का प्रयोग करना फायदेमंद होता है। खांसी से परेशान रहने वाले लोग आधा चम्मच दालचीनी के चूर्ण को, 2 चम्मच मधु के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इससे खांसी से आराम मिलता है।
दालचीनी के पत्ते का काढ़ा बना लें। 10-20 मिली मात्रा में सेवन करने से खांसी ठीक होती है।
एक चौथाई चम्मच दालचीनी के चूर्ण में 1 चम्मच मधु को मिला लें। इसे दिन में तीन बार सेवन करने से खांसी, और दस्त में फायदा होता है।

नाक के रोग में दालचीनी का इस्तेमाल

दालचीनी 3½ ग्राम, लौंग 600 मिग्रा, सोंठ 2 ग्राम को एक लीटर पानी में उबाल लें। जब यह पानी 250 मिली रह जाए, तो इसे छान लें। इसको दिन में 3 बार लेने से नाक के रोग में लाभ होता है। आपको इसे 50 मिली की मात्रा में लेना है।

पेट फूलने पर दालचीनी से फायदा

पेट से संबंधित कई तरह के रोगों में दालचीनी बहुत ही फायदेमंद होती है। 5 ग्राम दालचीनी चूर्ण में 1 चम्मच मधु मिला लें। इसे दिन में 3 बार सेवन करें। पेट के फूलने की बीमारी ठीक होती है।

कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए दालचीनी का उपयोग

जिन लोगों के शरीर का वजन अधिक होता है, वे वजन को कम करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं। आप भी मोटापा कम करने में दालचीनी से फायदा ले सकते हैं। एक कप पानी में दो चम्मच मधु, तथा तीन चम्मच दालचीनी का चूर्ण (Cinnamon and honey for weight loss) मिला लें। इसका रोज 3 बार सेवन करें। इससे कोलेस्ट्राल कम होता है।

दस्त पर रोक लगाने के लिए दालचीनी का उपयोग

5 ग्राम दालचीनी चूर्ण में 1 चम्मच मधु मिला लें। इसे दिन में 3 बार सेवन करें। इससे दस्त में फायदा होता है।
750 मिग्रा दालचीनी के चूर्ण में 750 मिग्रा कत्था चूर्ण मिला लें। इसे पानी के साथ दिन में तीन बार सेवन करें। इससे दस्त पर रोक लगती है।
इसी तरह 4 ग्राम दालचीनी, तथा 10 ग्राम कत्था को मिलाकर पीस लें। इसमे 250 मिली खौलते हुए पानी में डालकर ढक दें। दो घंटे बाद इसे छानकर दो हिस्से करके पिएं। इससे दस्त बन्द हो जाते हैं।
बेलगिरी के शर्बत में 2-5 ग्राम दालचीनी का चूर्ण मिला लें। इसे सुबह-शाम पीने से दस्त की समस्या में लाभ होता है।
10-20 मिली दालचीनी का काढ़ा पीने से पेट संबंधी बीमारियों में लाभ होता है।
दालचीनी की जड़, और छाल का काढ़ा बना लें। इसे 10-20 मिली की मात्रा में पिएं। इससे आमाशय विकार, और दस्त में लाभ मिलता है।

आमाशय विकार में दालचीनी का प्रयोग

दालचीनी (सिनेमन) और तेजपत्ता को बराबर-बराबर लेकर काढ़ा बना लें। इसके सेवन से आमाशय की ऐंठन ठीक होती है।
दालचीनी के 5-10 मिली तेल को 10 ग्राम मिश्री के साथ खाने से आमाशय में होने वाला दर्द, और ऐंठन में आराम मिलता है।

आंतों के रोग में दालचीनी के सेवन से फायदा

आंतों को स्वस्थ रखने के लिए भी दालचीनी का इस्तेमाल करना अच्छा (Dalchini ke fayde) परिणाम देता है। दालचीनी (सिनेमन) का तेल पेट पर मलने से आंतों का खिंचाव दूर हो जाता है।

प्रसव के बाद दालचीनी के सेवन से फायदा

त्रिकटु, पीपरामूल, दालचीनी, इलायची, तेजपात, तथा चूर्ण बना लें। इनके 1-2 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ चाटें। इससे मां बनने वाली महिलाओं के रोग ठीक हो जाते हैं।

चर्म रोग में दालचीनी से फायदा

चर्म रोग को ठीक करने के लिए शहद एवं दालचीनी को मिलाकर रोग वाले अंग लगाएं। आप देखेंगे कि थोड़े ही दिनों में खुजली-खाज, तथा फोड़े-फुन्सी ठीक होने लगेंगे।

दालचीनी के सेवन से बुखार में लाभ

1 चम्मच शहद में 5 ग्राम दालचीनी का चूर्ण मिला लें। सुबह, दोपहर और शाम को सेवन करने से ठंड के साथ आने वाला बुखार ठीक होता है।

बहरेपन की समस्या में दालचीनी से लाभ

बहरापन एक ऐसी बीमारी है, जिसके कारण जीवन जीना मुश्किल हो जाता है। बहरेपन के इलाज में भी दालचीनी से फायदा होता है। इसके लिए दालचीनी के तेल को कान में 2-2 बूंद डालें। बहरेपन में लाभ होता है।

दालचीनी का उपयोग कर रक्तस्राव पर रोक

अगर फेफड़ों, या गर्भाशय से रक्तस्राव हो रहा है तो दालचीनी का काढ़ा 10-20 मिली पिएं। आपको काढ़ा को सुबह, दोपहर तथा शाम पीना है। इससे लाभ पहुंचता है।

शरीर के किसी भी अंग से रक्तस्राव होने पर एक चम्मच दालचीनी चूर्ण (Dalchini powder) को एक कप पानी के साथ सेवन करें। इसे 2-3 बार सेवन करना है।

साइनस में दालचीनी से फायदा

दालचीनी, गाय का दूध, तथा दारुहल्दी को पीस लें। इसका पेस्ट (बत्ती के जैसा) बना लें। इसमें नाक के अंदर घाव बन जाता है, इसे उस घाव पर लगाएं। इससे घाव को भर दें। इससे साइनस में फायदा होता है।

टीबी में दालचीनी से लाभ

टीबी एक जानलेवा बीमारी है, जिससे देश भर में कई लोग ग्रस्त हैं। टीबी मरीज को दालचीनी के तेल को थोड़ी मात्रा में पीना है। इससे टीबी के कीटाणु खत्म हो जाते हैं।

गठिया में फायदेमंद दालचीनी का उपयोग

10-20 ग्राम दालचीनी के चूर्ण को 20-30 ग्राम मधु में मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे दर्द वाले स्थान पर धीरे-धीरे मालिश करें। इससे फायदा मिलेगा।

इसके साथ-साथ एक कप गुनगुने पानी में 1 चम्मच मधु, एवं दालचीनी का 2 ग्राम चूर्ण मिला लें। इसे सुबह, दोपहर, तथा शाम सेवन करें। गठिया में लाभ देता है।

दालचीनी के पत्ते के तेल को लगाने से भी गठिया में आराम मिलता है।

दालचीनी के नुकसान

जैसे कोई भी चीज किसी के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन जरूरी नहीं कि इससे सभी को फायदा मिले। दूसरे व्यक्ति को उससे हानि भी हो सकती है। इसी तरह दालचीनी के नुकसान भी होते हैं, जो ये हैंः-

दालचीनी का अधिक मात्रा में सेवन करने से सिर में दर्द (Dalchini ke nukshan) की शिकायत हो सकती है।
दालचीनी गर्भवती स्त्रियों को नहीं देनी चाहिए, क्योंकि यह गर्भ को गिरा देती है।
दालचीनी को गर्भाशय में भी रखने से भी गर्भ गिर जाता है।

टीप:- कृपया दालचीनी के इस्तेमाल से पहले किसी भी अनुभव कुशल चिकित्सक से सलाह जरूर लें,अन्यथा हानीकारक भी हो सकती है।

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