– भ्रष्ट अधिकारियों पर कब होगी कार्यवाई
नागपुर :- नागपुर डिवीज़न अंतर्गत जिले के पारशिवनी और मौदा तहसील अंतर्गत चल रहे नहर के काम में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुलासा सामने आ रहा है.
पारशिवनी तहसील अंतगर्त बी सी बियानी नामक व्यक्ति को लगभग 6 किमी का नहर का काम प्राप्त हुआ लेकिन इस काम के उप ठेकेदार के रूप में दयाशंकर सिंह को काम मिला , काम की गुणवत्ता सब से निचले स्तर की है जब कि यह काम लगभग 10 करोड़ रुपये की है । सूत्र बताते है की इतनी खराब काम के बावजूद अब तक 13 से 14 आर ए बिल भी निकल चुके है, तो क़्वालिटी कंट्रोल का ध्यान क्यों नही है ? बताया जाता है कि कोरोना के पहले का काम है लेकिन अब तक पूर्ण नही हुआ । इस कार्य के कनिष्ट अभियंता दिवेश शाहू है । वही दूसरी जगह मैदा एन टी पी सी तक नहर का काम है जिसके कनिष्ट अभियंता स्वाती सोंदिया है यह काम भी कोरोना के काफी पहले बी पटेल नामक गुजराती को मिला जो कि लगभग 33 करोड़ का है । बी पटेल कुछ कम कर के बिच में ही काम छोड़ के रफूचक्कर हो गया । उस के बाद सूत्र बताते है इस काम के उप ठेकेदार बने खंडेलवाल , यह काम लगभग 15 किमी का है ।
बार बार काम के अवधि को बढ़ा दिया जाता है, लेकिन अब तक पूर्ण नही हुआ ।
दोनों ही काम बेहद खराब है जिसके सीमेंट नहर को यदि किसी हल्के पदार्थ से भी ठोका जाए तो सीमेंट के अंदर के मिट्टी दिखने लगती है, यानी कि नहर की परत 3 से 4 इंच की होनी चाहिए जो कि आधे इंच का भी नज़र नही आता , जो एक से दो बार पानी छोड़ने पर उपयुक्त ठेकेदारों द्वारा बनाये सीमेंट का नहर पानी मे बह सकता है !
इन दोनों काम के डिप्टी इंजीनियर मुकुंद डांगे है , डांगे से स्थानिक पत्रकारों ने इस विषय पर बात करने की कोशिश की तो पहले उन्होंने फ़ोन का जवाब नही दिए, अंततः उनसे बात हुई पर वो ठीक तरह से कुछ भी जानकारी देने हेतु सक्षम नही थे । बी पटेल के काम पर जोरो से मुरुम डालने का काम शुरू है जिसकी रॉयलिटी नही है ना ही उन में से अधिकतर ट्रकों के आरटीओ पेपर है । इसके वावजूद डिप्टी इंजीनियर मुकुंद डांगे खामोश है, तो फिर दोनों काम यानी कि कुल लगभग 43 करोड़ के भ्रष्ट्राचार में और कौन कौन से अधिकारी लिप्त है और इन पर कब कार्यवाई होगी यह बड़ा प्रश्न है । बता दे की इस काम के कार्यकारी अभियंता प्रवीण झोड़ है ।
“मैं इस बारे में डिप्टी इंजीनियर डांगे से बात करता हु और अगर ऐसा काम है तो उसपर ध्यान देने को कहूंगा”
– प्रवीण झोड़ कार्यकारी अभियंता,
सिंचन विभाग नागपुर