– कांग्रेस से लोकसभा चुनाव की उम्मीदवारी मांगने पर पक्ष-विपक्ष के विरोधी सक्रीय
नागपुर :- जिला परिषद् की पूर्व अध्यक्षा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अति-महत्वाकांक्षी होते हुए कांग्रेस पक्ष से अपने तथाकथित आका के मार्फ़त उम्मीदवारी मांग रही हैं.यह पक्ष और विपक्ष के विरोधियों को हजम नहीं हुई और उन्होंने खामियां ढूँढना शुरू कर दी है,खबर मिली कि पूर्व अध्यक्षा बर्वे का जाति प्रमाणपत्र बोगस होने की जानकारी विरोधियों के हाथ लग गई है,जिसकी पुष्टि करने में संयुक्त रूप से सर्वपक्षीय विरोधी भिड़े हुए हैं.
याद रहे कि पूर्व अध्यक्ष बर्वे के कार्यकाल में कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं हुए और न किये गए,शिवाय राजनीति की.इनकी आड़ में इनके परिजन रेत माफिया बबलू बर्रे ने जिला प्रशासन पर अपने आका का दबाव बनाकर सरकारी/गैर सरकारी महकमों को बिना रॉयल्टी के बेहिसाब रेत की आपूर्ति की,इसके अलावा अध्यक्षा और आका का नाम का उपयोग कर अनगिनत अवैध कामों को सफल अंजाम दिया।
सवाल यह है कि अगर पुनः रामटेक लोकसभा क्षेत्र SC के लिए आरक्षित होता है तो क्या कांग्रेस या इनके आका के पास बर्वे के अलावा कोई उम्मीदवार नहीं,या फिर वर्त्तमान सत्ताधारी से स्थानीय कोंग्रेसियों का अंदरूनी समझौता हो गया कि पुनः सत्ताधारी पक्ष के उम्मीदवार को लोकसभा भेजा जाए,इसके लिए डमी उम्मीदवार के रूप में पूर्व अध्यक्षा का इस्तेमाल किया जाए.या फिर नितिन राऊत या कुणाल राऊत को रामटेक से लोस चुनाव न लड़ने देने का मानस बनाया जा चूका हैं,इसलिए बर्वे को उनके आका सह समर्थक सक्रीय कर दिए हैं.
उक्त अनगिनत सवालों सह शून्य से शिखर पर पहुँचने का ख्वाब देखने वाली अध्यक्षा की राजनैतिक यात्रा को रोकने के लिए पक्ष-विपक्ष के विरोधी पूर्व ताकत के साथ सक्रिय हो गए है कि किसी भी सूरत में पूर्व अध्यक्षा बर्वे को कांग्रेस की उम्मीदवारी न मिले.इस क्रम में विरोधियों को पूर्व अध्यक्षा बर्वे का जाती प्रमाणपत्र बोगस होने की जानकारी सह सबूत मिली है,जिसकी पुष्टि के लिए विरोधी भिड़े हुए है,जाति प्रमाणपत्र बोगस सिद्ध करने और जिला परिषद् की सदस्यता रद्द करवाने के लिए कांग्रेसी में बर्वे विरोधी भाजपाई विवादास्पद नेता का सहयोग लेने वाले है,फ़िलहाल उन्हीं के संपर्क में हैं.