नागपूर :- वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डब्लूसीएल) ने प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया के माध्यम से दहेगांव माकरधोकड़ा-IV कमर्शियल कोल ब्लॉक हासिल किया है। इस तारतम्य में दिनांक 27 मार्च, 2025 को इस कोयला खदान के विकास एवं उत्पादन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इसके उपरान्त दिनांक 29 मार्च, 2025 को भारत सरकार के कोयला मंत्रालय द्वारा जारी, दहेगांव माकरधोकड़ा-IV कोयला खदान हेतु वेस्टिंग ऑर्डर प्राप्त हुआ। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि डब्लूसीएल के कोयला उत्पादन क्षमता को बढ़ाने और भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण पहल है। डब्लूसीएल, कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) की पहली सहायक कंपनी है, जिसने प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया के माध्यम से एक कमर्शियल कोल ब्लॉक हासिल किया है।
दहेगांव माकरधोकड़ा-IV कोयला खदान में 120 मिलियन टन (MT) का कोयला भंडार है एवं इसे प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया के माध्यम से प्राप्त किया गया है। यह खदान डब्लूसीएल के उमरेड कोलफील्ड के निकट स्थित है, जिससे इसके विकास में सामरिक लाभ एवं सुगमता होगी। इस कमर्शियल कोल ब्लॉक से कोयला उत्पादन को बल मिलेगा, संसाधनों का समुचित उपयोग होगा तथा भारत की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूर्ण करने में सहायता होगी।
डब्लूसीएल अपने परिचालन का विस्तार करते हुए सतत खनन, तकनीकी नवाचार और उत्तरदायी कार्य प्रणालियों के लिए प्रतिबद्ध है। दहेगांव माकरधोकड़ा-IV के लिए वेस्टिंग ऑर्डर प्राप्त करना डब्लूसीएल की दूरदर्शिता, संकल्प और राष्ट्रीय प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर डब्लूसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्री जय प्रकाश द्विवेदी तथा सभी निदेशक गण ने माननीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी, सचिव (कोयला) विक्रम देव दत्त, अपर सचिव (कोयला) रूपिंदर बरार तथा कोयला मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन हेतु आभार व्यक्त किया। द्विवेदी ने कहा कि उनके सहयोग से ही डब्लूसीएल ने पहली बार एक कमर्शियल कोयला ब्लॉक प्राप्त किया है, जो किसी भी सीआयएल की सहायक कंपनी के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।