केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क परिवहन क्षेत्र में बदलाव के लिए नीतियों और रणनीतियों को मजबूत बनाने हेतु राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सक्रिय सहयोग का आह्वान किया

परिवहन मंत्रियों की बैठक में सड़क यातायात नियमों की समीक्षा, वाहन फिटनेस स्टेशनों की स्थापना, ई-बसों का वित्तपोषण और ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने को सुव्यवस्थित करने सहित समवर्ती नीतिगत मामलों पर चर्चा की गई

नई दिल्ली :-केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन मंत्रियों की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में आंध्र प्रदेश, दिल्ली, गोवा, हरियाणा, केरल, मणिपुर, मिजोरम, पंजाब, पुडुचेरी, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन मंत्रियों ने भाग लिया। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) के सचिव (आरटी एंड एच), एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी और सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रधान सचिव/सचिव (परिवहन) और परिवहन आयुक्त भी इस बैठक में शामिल हुए।

मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर विस्तार से चर्चा की और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों से सक्रिय समर्थन की अपील की।

राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन मंत्रियों ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा की गई पहलों का समर्थन करते हुए उनकी सराहना की। उन्होंने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों द्वारा की गई विभिन्न पहलों के संदर्भ में भी विचार-विमर्श किया और सड़क परिवहन क्षेत्र में परिवर्तन के लिए नीतियों और रणनीतियों को और मजबूत बनाने के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव और जानकारी प्रदान की।

बैठक का उद्देश्य गति सीमा की समीक्षा, वाहन फिटनेस परीक्षण बुनियादी ढांचा, इलेक्ट्रिक बसों के वित्तपोषण और लर्नर लाइसेंस के स्वचालन सहित सड़क परिवहन से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा करना और आपसी सहयोग एवं परामर्श के माध्यम से नए और अभिनव समाधान तलाशना था।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की सचिव अलका उपाध्याय ने देश में भविष्य के लिए तैयार सड़क परिवहन के विकास की दिशा में मंत्रालय द्वारा की गई विभिन्न पहलों की जानकारी दी। एमवीएल के अपर सचिव महमूद अहमद, परिवहन निदेशक परेश गोयल, एमवीएल के निदेशक पीयूष जैन और पीडब्ल्यूसी के पार्टनर मोहम्मद अतहर ने गति सीमा की समीक्षा, वाहन फिटनेस परीक्षण बुनियादी ढांचे, लर्नर्स के लाइसेंस का स्वचालन और इलेक्ट्रिक बसों के वित्तपोषण जैसे विषयों पर अपनी प्रस्तुतियां दी।

सड़क प्रौद्योगिकी में सुधार और वाहन अभियांत्रिकी में उन्नति को ध्यान में रखते हुए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने देश में विभिन्न मोटर वाहनों और सड़क के हिस्सों की गति सीमा की समीक्षा करने के लिए एक समिति का गठन किया था। समिति की सिफारिशों पर विस्तार से चर्चा की गई और हितधारकों से टिप्पणियां/सुझाव आमंत्रित किए गए।

बैठक में राज्यों में स्वैच्छिक वाहन बेड़ा आधुनिकीकरण कार्यक्रम (वीवीएमपी) के कार्यान्वयन की स्थिति, विशेष रूप से अनिवार्य स्वचालित फिटनेस परीक्षण व्यवस्था के कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण एटीएस बुनियादी ढांचे के विकास और सफलता के लिए आवश्यक समर्थन पर भी विचार-विर्मश हुआ।

बैठक के दौरान लर्नर लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को मजबूत करने से संबंधित एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी विचार-विमर्श किया गया। सड़क यातायात नियमों और जिम्मेदार ड्राइविंग व्यवहार के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए चालक शिक्षा पर अधिक जोर देने का भी सुझाव दिया गया। लर्नर के लाइसेंस के लिए एक शर्त के रूप में सड़क सुरक्षा पर ऑनलाइन शिक्षण किए जाने पर चर्चा की गई और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को इस तरह के शिक्षण को शीघ्रता से लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि भारत सरकार ने परिवहन क्षेत्र में उत्सर्जन को कम करने के उपाय के रूप में इलेक्ट्रिक बसों को अपनाने के लिए कई पहलों का शुभारंभ किया है। बस ऑपरेटर/ओईएम के वित्तीय जोखिमों को कम करने और इलेक्ट्रिक बसों को अपनाने में निजी भागीदारी में सुधार के लिए नए व्यापार मॉडल का पता लगाने की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई। इलेक्ट्रिक बसों की खरीद और संचालन के लिए नवीन वित्तपोषण तंत्र विकसित करने की आवश्यकता पर भी विचार-विमर्श किया गया।

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