– व्यापारियों के नुकसान का मुआवजा मांगा
नागपूर :- शुक्रवार 22 सितंबर की रात को नागपुर में अभूतपूर्व वर्षा का तांडव देखने को मिला। निचली बस्तियों में तथा बेसमेंट की दुकानों में पानी ने बहुत नुकसान किया। रातों-रात बस्ती वालों को बस्ती खाली करके सुरक्षित स्थानों पर पहुंचना पड़ा। सब गिला हो जाने की वजह से खानपान के लाले पड़ गए।
टिम कैट नागपुर तथा एकल श्री हरि, नागपुर द्वारा मनकापुर स्थित गंगानगर सबरी बस्ती में खाने के डब्बे, बाल सदन, काटोल रोड के माध्यम से पहुंचाए गए।
व्यापारियों में नुकसान की बड़ी पीड़ा हूई । बेसमेंट में स्थित दुकानों में पानी घुस जाने की वजह से व्यापारियों को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई के लिए भी आवाज उठाई गई। कॉन्फ़िगरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतीया ने कहा कि व्यापारियों को हुए नुकसान का सरकार ने आकलन करना चाहिए और व्यापारियों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। चेयरमैन गोपाल अग्रवाल ने कहा कि 30 सितंबर तक आयकर व अन्य कानून के विवरण भरना जरूरी है। बहुत से व्यापारियों के कंप्यूटर में पानी चला गया या अन्य कारण से समय पर विवरण भरना उनके लिए मुश्किल होगा। अतः सरकार को विवरण भरने की तारीख 1 महीने से स्थगित करना चाहिए।
प्रेसिडेंट किशोर धाराशिवकर ने कहा कि यह वक्त है व्यापारियों को मदद पहुंचाने का। व्यापार करने की जगह में नुकसान हो जाने से कुछ दिन के लिए व्यापार प्रभावित होगा। रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश देना चाहिए कि आगामी तीन माह के लिए सभी मासिक किस्तों को स्थगित करना चाहिए. राजकुमार गुप्ता पूजा ज्वेलर्स ने कहा की इंश्योरेंस कंपनियों ने इंश्योरेंस राशि की आंशिक रकम का अग्रिम भुगतान करना चाहिए। नुकसान का अवलोकन अति शीघ्र करके व्यापारियों को समय रहते मदद पहुंचाना चाहिए। ज्ञानेश्वर रक्षक ने कहा कि बैंकों ने आगे आकर छोटे व्यापारियों को कर्ज सरल शर्तों पर देना चाहिए। प्रभाकर देशमुख ने कहा कि जिन लोगों को माल उधार में दिया है वे देय की तारीख का इंतजार ना करते हुए अग्रिम भुगतान करना चाहिए। सचिव विनोद गुप्ता ने कहा कि आज समय आया है व्यापारियों को खड़ा रखने का। सभी को मिलकर इसमें योगदान देना चाहिए।
टिम कैट नागपुर तथा एकल श्री हरि, नागपुर के कृष्ण दायम, शकुंतला अग्रवाल, सतीश बंग, अनिल नागपाल, मधुसूदन त्रिवेदी, निखिलेश ठाकर, सुमन अग्रवाल, अंजना मानसिंहका, मालचंद बिहानी, गोविंद पटेल ज्योति अवस्थी आदि लोगों ने बड़े दिल से सहकार किया।