सेवाग्राम में सामूहिक वन अधिकार ग्राम सभा एवं स्वयंसेवी संगठनों का राज्यस्तरीय प्रतिनिधि सम्मेलन

– शरद पवार करेंगे मार्गदर्शन 

सेवाग्राम (वर्धा) / नागपुर : सामूहिक वन अधिकार प्राप्त ग्राम सभा एवं स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधियों की राज्यस्तरीय सम्मेलन का आयोजन रविवार, दि. 12 फरवरी 2023 को गांधी आश्रम, सेवाग्राम, वर्धा में सुबह 10 से 4 बजे तक किया गया है। इस सम्मेलन में सामूहिक वन अधिकार एवं आजीविका, वन तथा जल संधारण पर हो रहा कार्य, समस्या तथा समाधान पर चर्चा होगी। इसके पीछे राज्य स्तर पर मिलकर कार्य करने हेतु एक सक्षम मंच का निर्माण करने का मकसद है। उसके पहले 11 फरवरी 2023 को सुबह 10 से शाम 5 बजे के दौरान विदर्भ के सामूहिक वन अधिकार प्राप्त ग्राम सभा महासंघ एवं संस्था प्रतिनिधियों की सभा भी गांधी आश्रम में आयोजित की गई है।

कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता तथा मार्गदर्शक के रूप में वरिष्ठ नेता शरदचंद्र पवार मौजूद रहेंगे। इस आयोजन में सामूहिक वन अधिकार एवं आजीविका के विषय के सन्दर्भ में राज्य एवं राष्ट्र स्तर पर कार्यरत वरिष्ठ एवं अनुभवी दिलीप गोड़े, प्रतिभा शिंदे, अॅड. पूर्णिमा उपाध्याय, डॉ. किशोर मोघे आदि मान्यवर भी प्रमुखता से उपस्थित रहेंगे। सम्मेलन में विदर्भ, खानदेश, कोकण  विभाग के ग्राम सभा प्रतिनिधि तथा उनके साथ कार्यरत खोज, व्हीएनसीएस, जीएसएमटी, लोकसमन्वय प्रतिष्ठान, साकव, ग्राम आरोग्य, रिवॉर्ड, वन निकेतन, इश्यु, संदेश इन संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।  गडचिरोली, गोंदिया, चंद्रपुर, नागपुर, यवतमाल, अमरावती, नंदुरबार, धुले इन जिलों से सामूहिक वन अधिकार प्राप्त ग्राम सभाओं के 700-800 प्रतिनिधि इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

महाराष्ट्र राज्य में वन अधिकार अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 के तहत कुल 7000 गावों को 30 लाख एकड़ वन भूमि तथा जल संसाधनों पर स्वामित्व हक्क प्रदान किये गए हैं। करीब 13-14 लाख परिवार एवं 60-70 लाख नागरिकों को वनों पर मालिकाना हक़ मिले हैं। इसमें से अधिकांश नागरिक आदिवासी एवं गरीब वन निवासी हैं। उनकी आजीविका खेती और जंगलों की उपजपर  (तेन्दूपत्ता, बांस, मोह फूल, आंवला, हिरडा / बेहड़ा व अन्य) निर्भर है। जल, जंगल और जमीन का समुचा एवं सामूहिक प्रबंधन करने पर गांव के निवासियों को बड़े पैमाने पर आर्थिक लाभ होगा तथा उन्हें रोजगार भी मिलेगा। विदर्भ आजीविका मंच एवं सभी मित्र संगठन विदर्भ के 1000 से अधिक गावों में, खानदेश आजीविका मंच 100 से अधिक गावों में तथा कोंकण आजीविका मंच 200 से अधिक गावों में कार्यरत है।

सामूहिक वन अधिकार सम्मेलन में ग्राम सभाओं द्वारा वन एवं जल संधारण, आजीविका, वनोपज एवं खेती इनमे हुए विकास कार्य, शासकीय योजनाओं का अनुसरण, सामूहिक वन अधिकार एवं आजीविका, ग्राम सभा महासंघ तथा सरकार के साथ सुसंवाद, इस कार्य में आनेवाली समस्याएं एवं उसके समाधान इन विषयों पर चर्चा के बाद निर्णय लिए जायेंगे।

सम्मेलन में चर्चा सत्र के दौरान वन अधिकार, वन एवं जल संधारण इन विषयों पर बेहतर काम करनेवाले गावों के प्रतिनिधि अपने विचार रखेंगे। इसके साथ व्हिडिओ एवं प्रोजेक्टर पर प्रस्तुतीकरण, प्रदर्शनी तथा वरिष्ठ एवं अनुभवी स्वयंसेवक तथा कार्यकर्ता उपस्थित लोगों को मार्गदर्शन करेंगे।

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