शहर का युवा वर्ग हो रहा नशे में बर्बाद ; रोजाना 70 लाख हुक्के की बिक्री?
– 350 करोड़ से अधिक का कारोबार हो रहा उपराजधानी में..

बढ़ रहा है नशे का करोबार, युवाओं की जिंदगी के परिवार हो रहे है बर्बाद

नागपुर – नागपुर पुलिस की ओर से चरस और ड्रग्स पर कार्रवाई की बात कही जा रही है लेकिन इन दिनों  पुलिस तो कई  पब और लाउंज पर बिक रहे हुक्के बंद करवाने में भी असफल है? शहर में  स्थित कुछ पान की दुकानों पर युवक हुक्के के कश लगाने की सामग्री आसानी से बिक्री होते हुए  देखे जा सकते है यही नहीं इन पान की दुकानों पर हुक्के खुलेआम सजाकर रखे गए हैं।  ऐसे में युवक इस चाइनीज नशीले फ्लेवर्ड हुक्के से आकर्षित हो रहे हैं।

शहर की युवा पीढ़ी में तेजी से नशे की लत फैल रही है. वहीं जवान हो रही पीढ़ी (12 से 20 साल) में नशे की लत तेजी से फैल रही है। यह नशा शराब या सिगरेट का नहीं है, हुक्का का क्रेज है। इस तरह का नशा करने की वजह से युवाओं की मानसिक स्थिति बिगड़ती जा रही है।

खासकर शहर के युवाओं में जैसे-जैसे हुक्का का क्रेज जबरदस्त बढ़ा है,इस व्यवसाय से लिप्त व्यवसायी की कमाई का अंदाजा लगाना आसान नहीं । सूत्र बतलाते है कि नागपुर शहर का बाजार अरबों में चला गया है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में प्रतिदिन 70 लाख रुपये से अधिक मूल्य का हुक्का बिक रहा है और एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि इस व्यवसाय का सालाना कारोबार 350 करोड़ रुपये है.कोई भी युवा उत्सव इन दिनों शराब और हुक्का के बिना पूरा नहीं होता है। इसका फायदा उठाकर शहर के पॉश इलाकों में बड़ी संख्या में हुक्का पार्लर खुल गए हैं. कोरोना प्रतिबंध हटने के बाद कॉलेज की कक्षाएं ऑफलाइन शुरू हो गईं। इससे शहर में अन्य शहर,गांव से पढ़ने के लिए आने वाले युवाओं की संख्या में इजाफा हुआ है।

हुक्का से जुड़ी सामग्री कुछ बड़े पानठेला या कुछ पब ,लाउंज और  कैफे में  आसानी उपलब्ध से किया जा रहा  है। उक्त सामग्री गुजरात से मुंबई और वहां से नागपुर लाया जाता है। इसके अलावा इन सामानों की बिक्री के लिए दिल्ली भी बड़ा बाजार है।

उल्लेखनीय यह है कि दो से ढाई घंटे के नशे के लिए युवक 500 से 600 रुपये भी आसानी से चुकाते नजर आ रहे हैं। इसलिए इसका सालाना कारोबार 17 से 18 करोड़ रुपये प्रति माह से 350 करोड़ रुपये प्रति वर्ष है।

विडम्बना यह है कि पिछले कुछ सालों में अपराध शाखा हुक्का पार्लरों पर छापेमारी कर रही है.लेकिन ठोस नियमावली नहीं होने से कारवाई का असर फीका पड़ जाता हैं। इसी का फायदा उठाकर  कुछ पब  लाउंज ,कैफे, बार और रेस्टोरेंट संचालक मजे काट रहे हैं.

खासकर कर  हर्बल हुक्का जैसा दिखता है, लेकिन अंदर से तंबाकू सह मनमाफिक नशा की वस्तु से भरा होता है?

हिंगना ,धरमपेठ, रविनगर , प्रतापनगर, सदर, त्रिमूर्तिनगर, वर्धमाननगर, बजाजनगर, अम्बाझरी,नंदनवन सहित अनगिनत जगहों पर कैफे , वर्धा रोड  स्थित खापरी क्षेत्र और सावनेर रोड के कई जगह पर  ग्राहकों को हुक्का दिया जा रहा है.सूत्पोरों की मने तो कई जगह के पुलिस प्रशासन को अड्डे  एवं संचालकों के नाम रटे हुए हैं  परंतु  सब के सब असमर्थता दर्शा रहे?

पिछले एक साल से हुक्का की कैटरिंग शुरू हो गई है,पहले जिस होटल,ढाबे में शराब नहीं परोसा जाता था,वहां ग्राहकों की कमतरता रहती थी,अब जहां हुक्का,वहीं युवा वर्ग का हुजूम देखने को मिलता हैं.

Email Us for News or Artical - [email protected]
WP Twitter Auto Publish Powered By : XYZScripts.com