– लोकायुक्त के आदेश को कचरे की टोकरी में डाल दी मनपायुक्त ने,तालेवार का दावा जब तक है आका,कोई नहीं कर सकेगा बाल बांका ,ग़ुरबक्षाणी का दावा टेंडर डिजाइन में फाल्ट और वित्त विभाग ने JV ACCOUNT नहीं खुलवाया और PERSONAL खाते में भुगतान TRANSFER की तो हमारी क्या गलती
नागपुर :- नागपुर मनपा को सीमेंट सड़क निर्माण के लिए निधि मिली,क्यूंकि डामर सड़क हर साल बन रहा था,जिस पर खुद गडकरी ने आक्षेप लेते हुए भ्रस्टाचार का आरोप सार्वजानिक मंच से लगाया था,ऐसी सूरत में सीमेंट सड़क का प्रस्ताव आया ताकि मजबूत सड़क और वर्षो तक बिना देखभाल के सेवा देती रहे.लेकिन शहर में एक भी ठेकेदार को सीमेंट सड़क निर्माण का अनुभव नहीं था.इसका तोड़ निकालते हुए फेज-2 में तत्कालीन कार्यकारी अभियंता मनोज तालेवार ने JV को आधार बनाते हुए विवादास्पद सड़क निर्माता कंपनी मेसर्स ग़ुरबक्षाणी को कानून को ताक में रख सहयोग किया।
तालेवार की सलाह पर गुरबक्षाणी ने मुंबई की सड़क निर्माता कंपनी मेसर्स अश्विनी इंफ़्रा के साथ JV किया।लेकिन JV की एक भी शर्त पूरी न करने के बावजूद तालेवार ने तत्कालीन स्थाई समिति सभापति बाल्या बोरकर को पक्ष में लेकर स्थाई समिति की मंजूरी दिलवाई,इसके बदले में बोरकर को तब और उसके चुनाव में गुरबक्षाणी ने लाखों में तोल दिए.
इसके बाद तालेवार ने अश्विनी इंफ़्रा-ग़ुरबक्षाणी को WORK ORDER दिया। इसके बाद उनके कामों का समय समय पर निरिक्षण न करते हुए धड़ल्ले से सड़क निर्माण होने दिया।इन सड़कों की खामिया बाद में बोरकर और गुरबक्षाणी के तत्कालीन अभियंता JP ने प्रत्यक्ष दर्शन करवाया।
तालेवार को क्यूंकि राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है इसलिए उसने एक कदम आगे बढ़कर वित्त विभाग को अपने पक्ष में करते हुए अश्विनी इंफ़्रा-ग़ुरबक्षाणी का JV खाता न होने के बाद ग़ुरबक्षाणी के व्यक्तिगत खाते में अधिकांश भुगतान गैरकानूनी ढंग से करवा दिया। इसकी पुष्टि ग़ुरबक्षाणी के अत्यंत करीबी ने करते हुए बताया कि उक्त प्रकरण का मुख्य ‘कल्प्रिट’ मनोज तालेवार के अलावा कोई नहीं।
जब यह प्रकरण प्रकाश में आया तो सारे सबूत देने के बावजूद मनपा आयुक्त में ठेकेदार सह तालेवार को संरक्षण दिया। शिकायत करता ने मनपा का अड़ियल रवैय्या देख लोकायुक्त के समक्ष गुहार लगाई तो आयुक्त ने ठेकेदार और तालेवार का पक्ष लेते हुए मामला को ‘ILLEGAL नहीं बल्कि IRREGULARITY’ कहा।
लोकायुक्त ने तब आयुक्त को निर्देश दिया कि मामले की जाँच समिति के सिरफिश अनुसार की गई कार्रवाई की लिखित जानकारी शिकायतकर्ता को दे,लेकिन लोकायुक्त के निर्देश/आदेश को एक वर्ष से ज्यादा बीत गए परन्तु मनपा आयुक्त न तालेवार और न गुरबक्षाणी पर कार्रवाई कर रही हैं.इसी पर तालेवार का कहना है कि ‘जब तक है आका,कोई नहीं कर सकेगा बाल बांका’.
दूसरी ओर ग़ुरबक्षाणी का कहना है कि ‘टेंडर डिजाइन में फाल्ट और वित्त विभाग ने JV ACCOUNT नहीं खुलवाया और PERSONAL खाते में भुगतान TRANSFER की तो हमारी क्या गलती’.
अर्थात तालेवार और ग़ुरबक्षाणी के दावे पर मनपायुक्त का मौन रहना गर्मागर्म चर्चा का विषय बना हुआ हैं.
फ्री में पनीर व मनचाही सामग्री मंगवाते
धरमपेठ जोन के सूत्रों की माने तो एक आयुक्त स्तर के अधिकारी आये दिन फ्री की पनीर सह खाद्य सामग्री मंगवाने के लिए धरमपेठ जोन के अधिकारी को कॉल करते हैं.यह अधिकारी काफी भ्रष्ट है,यह भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मी से उक्त सामग्री मंगवा कर पहुंचवाता है,इससे स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को दोहरी मार सहनी पड़ रही है,एक-आयुक्त की मांग,दूसरी जोन के अधिकारी की मांग और दोनों के बाद खुद की इच्छा पूर्ण करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती हैं.
ऐसा ही कुछ हाल अग्निशमन विभाग की है,अधिकारियों की नाजायज मांग पूरी करने के लिए उपलब्ध करवाने वालों को NOC वक़्त आँख मूंद लेनी पड़ती हैं.