दिनेश खेमसिंग दमाहे, मुख्य संपादक
क्या करेंगे ऐसे विकास का, जब इस मार्ग पर चलने के लिए अपना ही ना हो अपने पास ?
नागपुर – नागपुर के गड्डीगोदाम से लेकर ऑटोमोटिव मेट्रो स्टेशन तक का कामठी रोड, जो शहर और अन्य राज्यों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग है, अब “यमलोक मार्ग” बन चुका है। गड्डीगोदाम चौक से लेकर ऑटोमोटिव चौक तक इस सड़क की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। गड्ढों से भरी इस सड़क पर चलना लोगों के लिए किसी युद्ध से कम नहीं। आम नागरिकों की जिंदगी हर दिन खतरे में पड़ रही है, फिर भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
सड़क पर सफर या मौत की सवारी?
इस मार्ग पर यात्रा करने वाले नागरिकों को अपनी जान हथेली पर रखनी पड़ रही है। सड़क पर बने गहरे गड्ढे न सिर्फ वाहनों को नुकसान पहुँचा रहे हैं, बल्कि दुर्घटनाओं का कारण भी बन रहे हैं। खासकर गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए यह मार्ग और भी खतरनाक हो गया है। रोज़ाना इस सड़क पर हजारों नागरिकों की आवाजाही होती है, लेकिन शासन-प्रशासन को जनता की पीड़ा से कोई फर्क नहीं पड़ता।
विकास के नाम पर दिखावा?
नागपुर शहर में विकास के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जब जनता को बुनियादी सुविधाएँ भी न मिलें, तो ऐसे विकास का क्या फायदा? सड़क सुरक्षा के नाम पर प्रशासन विभिन्न योजनाएँ बना रहा है, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि नागरिकों को अभी भी जानलेवा रास्तों पर सफर करना पड़ रहा है। क्या यह असल में विकास है?
जनता की मांग: जिम्मेदार अधिकारियों से हो भरपाई
जनता अब सरकार और प्रशासन से जवाब मांग रही है। यदि इस मार्ग पर किसी की दुर्घटना होती है, तो उसकी पूरी ज़िम्मेदारी संबंधित अधिकारियों और मंत्रियों की होनी चाहिए। पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा तुरंत दिया जाना चाहिए और दोषी अधिकारियों से इसकी भरपाई कराई जानी चाहिए। इसके अलावा, उन अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए जो ऐसी समस्याओं को नज़रअंदाज कर रहे हैं। जब तक जवाबदेही तय नहीं की जाएगी, तब तक ऐसी लापरवाहियाँ बार-बार दोहराई जाएँगी।
क्या प्रशासन जागेगा?
कामठी रोड की दुर्दशा को लेकर जनता में भारी आक्रोश है। सरकार और प्रशासन को जल्द से जल्द इस सड़क की मरम्मत करानी चाहिए ताकि नागरिकों को सुरक्षित सफर मिल सके। अन्यथा, जनता को मजबूरन सड़कों पर उतरकर आंदोलन करना पड़ेगा।
शासन-प्रशासन कब जागेगा? यह सवाल अब हर नागपुरवासी के मन में ह?