– “उचित साधना से प्रारब्ध सहनीय बनता है और जीवन में आनंद की अनुभूति होती है!” – सुषमा बत्रा, सनातन संस्था
नागपुर :- “आज हमारा जीवन भागदौड़ भरा, तनावपूर्ण और अशांत हो गया है। इसके उपरांत भी आनंद कैसे प्राप्त करें, यह कहीं सिखाया नहीं जाता। लेकिन अध्यात्मशास्त्र हमें यही सिखाता है। इसके लिए शास्त्रों को जानकर उचित साधना कैसे और कौन सी करनी चाहिए, यह सनातन संस्था सिखाती है। सही साधना करने से प्रारब्ध सहनीय हो जाता है और जीवन में आनंद की अनुभूति होती है। आज की इस व्यस्त दुनिया में भी हम सहजता से साधना कर अपने जीवन को आनंदमय बना सकते हैं।” यह मार्गदर्शन सुषमा बत्रा ने किया। वे सनातन संस्था द्वारा गांधीनगर स्थित श्री हनुमान मंदिर में “आनंद प्राप्ति के लिए साधना” विषय पर आयोजित सार्वजनिक प्रवचन में बोल रही थीं।
“वर्तमान में पूरी दुनिया में तनावपूर्ण वातावरण बना हुआ है और युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्राकृतिक आपदाएँ भी बढ़ रही हैं, अर्थात यह आपत्काल है। इस आपत्काल में सुरक्षित रहने के लिए ईश्वर का भक्त बनना आवश्यक है। चाहे संकट कितना भी बड़ा क्यों न हो, यदि हम साधना में दृढ़ रहते हैं, तो ईश्वर भक्तों की रक्षा करते हैं। इतिहास में इसके कई उदाहरण मिलते हैं। इसलिए उचित साधना करना अनिवार्य है।” श्री अभिजीत पोलके ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।
सनातन संस्था के मार्गदर्शन में साधना कर हजारों साधक आनंदमय जीवन का अनुभव कर रहे हैं। जिज्ञासुओं को साधना का व्यावहारिक मार्गदर्शन नियमित रूप से प्राप्त हो, इसके लिए ‘साप्ताहिक साधना सत्संग’ का आयोजन श्री हनुमान मंदिर, गांधीनगर में किया गया है।
प्रवचन स्थळ पर सनातन संस्था द्वारा अध्यात्म, साधना, धर्मशास्त्र, बाल संगोपन, आयुर्वेद, राष्ट्ररक्षण आदि विभिन्न विषयों पर लिखित ग्रंथों और सात्त्विक उत्पादों की प्रदर्शनी एवं बिक्री कक्ष लगाया गया था। प्रवचन के बाद जिज्ञासुओं ने साधना संबंधी शंकाओं का समाधान करके लिया।