अवैध उत्खनन करने के लिए रामडोंगरी और करज घाट के समीप मंडराते नजर आ रहे है ट्रेक्टर..?
उड़ती खबर – अवैध परिवहन के लिए १५ से २० हजार रु की एंर्टी देने पर नही होगी किसी भी पर प्रकार कार्रवाई?
रामडोंगरी घाट से रेती का अवैध का उत्खनन धड़ल्ले से जारी, अवैध रेती उत्खनन पर अंकुश लगाने में सावनेर महसूल विभाग और पुलिस प्रशासन विफल..
सरकार द्वारा नियमों में किए जाए कुछ बदलाव जिन पर भी चालू हो अवैध उत्खनन (खनिज ) के कोर्ट में केसेस वे लोग भी नही ले पाएंगे किसी भी प्रकार के खनिज नीलामी (Auction) में भाग…
सावनेर – रामडोंगरी रेती घाट में फिर सुरु हुआ अवैध उत्खनन का खेल नदी से उत्खनन कर किया जा रहा है रेती के पुराने स्टॉक पर और नया स्टॉक जिसके लिए रेत माफियाओं द्वारा बड़े ही हाईटेक तरीके से किया जा रहा है उत्खनन.!
सूत्रों से मिली जानकारी के नुसार रेती का अवैध उत्खनन और परिवहन के लिए बड़े ही WhatsApp group के जरिए हाईटेक सिस्टम का इस्तमाल किया जाता है जिसके लिए रेत माफियाओं के मुखबिर तहसील और पुलिस थानों के ईद गिर्द अपना डेरा बनाए रखते है. जैसे ही कोई भी अधिकारी अपने कार्यायल के बाहर निकले या रेती घाट के मार्ग पर जाने के लिए निकले तो रेत माफियाओं में अलर्ट चला जाता है जिसके बाद घाटों में चल रहा अवैध उत्खनन को तुरंत बंद कर वहा से गायब हो जाते. उत्खनन करने वालों की राजनीतिक व प्रशासनिक पकड़ – खनिज माफियाओं की राजनीतिक व प्रशासनिक अच्छी पकड़ है लेकिन इस बार तो रेत माफियाओं के प्रशासन के कुछ अधिकारी के साथ मधुर संबंध होने के चलते प्रति ट्रक १५ से २० हजार रु की एंर्टी जिए जाने की बात चर्च का विषय बना हुआ है जिसमे लिए ट्रक मालक को परिवहन के लिए १ रॉयल्टी पर 2 से ३ ट्रिप मरने की छुट प्रदान की जाने वाली है?
सावनेर तहसील क्षेत्र में रेत माफिया द्वारा रामडोंगरी और करज घाट नदी से रोजाना दर्जनों ट्राली रेत निकाली जा रही है। महसूल विभाग के उदासीन रवैये के चलते रेत माफिया सक्रिय हो रहे हैं। नदी में रोजाना अवैध उत्खनन कर ट्रैक्टर ट्राली से रेत ले जाई जा रही है। इससे राजस्व का चूना लग रहा है। इसकी जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को होने के बावजूद वे चुप्पी साधे हुए रहना समझ से परे है ।
महसूल विभाग द्वारा कागजी खानापूर्ति की कार्रवाई कर औपचारिकता पूरी करने के अधिकारियों ने ६ ७ कार्रवाई कर खानापूर्ति कर ली है। लेकिन जमीनी स्तर पर अवैध खनन जोरों पर है। प्रशासन द्वारा गिने चुने कुछ लोगों को पकड़ा जाता है। वहीं नाममात्र के लिए कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन अवैध उत्खनन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। महसूल और पुलिस विभाग द्वारा कार्रवाई न करने से अवैध उत्खनन करने वालों के हौसले बुलंद है और वह लगातार अवैध उत्खनन करने में जुटे हुए हैं. रेत के इस अवैध कारोबार में जिले के अलावा आस-पास के दबंगों, नेताओं और बाहरी लोगों का खेल चल रहा है, जो दिन और रात रेत का अवैध कारोबार चला रहे है. ग्रामीणों का आरोप है कि अगर रेत खनन का विरोध भी किया जाता है तो उन्हें दबंग द्वारा धौंस देकर डराया धमकाया भी जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर शासन प्रशासन से मदद मांग भी ले तो उन्हें किसी का सहारा नहीं मिलता.
महाराष्ट्र सरकार द्वारा भले ही नदियों के संरक्षण की बात कही जाती रही हो, लेकिन सावनेर तहसील अंतर्गत में रेत के लिए नदियों का सीना छलनी किया जा रहा है। रेत माफिया की मशीने नदियों में उतर कर लगातार रेत का अवैध उत्खनन कर आस-पास की नदियों का सीना छलनी किया जा रहा है । नदी के घाटों पर जब रेत के ढेर लग जाते हैं, तब उसका ट्रक और ट्रैक्टर के माध्यम से अवैध परिवहन किया जाता है। क्षेत्र में रेत माफिया यह काम चोरी छिपे नहीं कर रहे, बल्कि अब खुलेआम कर रहे हैं और महसूल विभाग और पुलिस प्रशासन को आइना दिखा रहे हैं।