काटोल :- नागपुर जिले के काटोल तालुका में प्री-मॉनसून बारिश हुई, जिसके बाद मौसम विभाग बारिश के बारे में सकारात्मक जानकारी मिलती रही। इस से काटोल तालुका के किसानों ने 85% बुआई पूरी कर ली । लेकिन अब कई दिनों से बारिश नहीं होने के कारण किसान और नागरिक भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि ‘भारी बारिश हो और किसानों के खेत हरे-भरे हो जाए’.वरुणराजा को मनाने के लिए राज्य के लोक गीत “धोंडी धोंडी को पानी दें”। के लोक गीतों के साथ किसान तथा नागरिकों द्वारा “धोंडी धोंडी पानी दे के लोक गीतों के साथ. नगर भ्रमण कर वरुणराजा को मनाने में लगें हैं।
विगत अनेक वर्षों से किसानों को असामयिक एवं अपर्याप्त वर्षा के कारण सुके के जैसे परिस्थिती का सामना करना पड़ रहा है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों ने इस उम्मीद से बीज और खाद की व्यवस्था कर ली कि इस साल पर्याप्त बारिश होगी. बारिश भी कम होने से किसानों ने बुआई कर दी । लेकिन बोई गई फसलें अच्छी तरह से अंकुरित हो गई हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों की बारिश ने फसलों पर खतरा मंडळाने लगा है ।
रूठे वरुणराजा को मनाने के लिए ‘धोंडी धोंडी पानी दे…’ सही समय पर बारिष ना होने के चलते किसानों पर दोहरी बुआई का संकट मंडराता नजर आ रहा है। इस बीच, काटोल तालुका में बोई गई फसलों को जीवन देने के लिए, रूठू वरुणराजा को मनाने के लिए, काटोल शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में वरुणराजा को ‘धोंडी धोंडी पानी दे’ लोक गीत गाये जा रहे हैं।
*किसानों के लिए बुआई का दोहरा संकट
जून के दूसरे हफ्ते में मॉन्सून पुर्व की बारिश हुई थी. तब किसानों ने बुआई कर ली है। बारिश की कमी से बुआई कर चुके किसानों पर दोहरा संकट मंडराने लगा है.