‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ में १५ सेंध ,सफेदपोश की शह पर जिम्मेदार प्रशासकीय अधिकारी की कार्यप्रणाली से कम होती जा रही जमीन
नागपुर – पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्य विधानसभा में विपक्ष नेता के विधानसभा क्षेत्र में नागपुर महानगरपालिका ने ‘ऑरेंज सिटी स्ट्रीट की घोषणा काफी गाजे-बाजे के साथ की, लेकिन हक़ीक़त में प्रकल्प कागजों तक सिमित रह गई.इसके कारण स्थानीय सफेदपोश के दबाव में मनपा की नगर रचना विभाग,स्थावर विभाग,लक्ष्मी नगर ज़ोन सहित मनपा के दिग्गज अधिकारियों द्वारा लगातार सरकारी संपत्ति व राजस्व को नुकसान पहुँचाया जा रहा हैं.स्ट्रीट हेतु आरक्षित जमीन में १५ सेंध लगाकर कच्चे-पक्के सड़कों का निर्माण अवैध रूप से किया गया,इससे प्रस्तावित ‘ऑरेंज सिटी स्ट्रीट’ की जमीन न सिर्फ कई टुकड़ों में विभक्त हो गई बल्कि अवैध कृत से कम भी हो गई हैं.पिछले डेढ़ साल में कोरोना महामारी के कारण उक्त प्रकल्प जस के तस प्रकल्प विभाग में और दब गया.
ज्ञात हो कि नरेंद्र नगर फ्लाई ओवर टी पॉइंट ( रिंग रोड ) से हिंगणा टी पॉइंट तक जगह थी,यह जगहराज्य सरकार ने रक्षा विभाग को दी थी.जिस पर रेलवे लाइन थी,जिस पर नागपुर से एमआईडीसी तक मालगाड़ी आदि चला करती थी.तब सम्पूर्ण जगह से पटरी के उस पार आवाजाही के लिए एक ही मार्ग हुआ करता था.रेलवे प्रशासन इसके लिए रक्षा विभाग को नियमित तय किराया दिया करता था.फिर काफी समय बाद राज्य सरकार ने ‘एक्सचेंज ऑफ लैंड’ नियम के तहत रक्षा विभाग को ‘देकर पुणे’ में इतनी ही जमीन देकर नागपुर की जमीन सरकार ने ले ली.बाद में रेलवे की रैक की आवाजाही भी बंद हो गई,इसके बाद यह जमीन जिला प्रशासन के अधीन में आ गया.तत्पश्चात उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि उक्त जगह ‘डेवेलप’ कर उपयोग करने के लिए नागपुर महानगरपालिका को दे दिया जाये। इस निर्देश के बाद उक्त सम्पूर्ण जमीन मनपा ने जिलाप्रशासन से तब २ करोड़ में ख़रीदा था,फिर मनपा ने २ से ढाई करोड़ खर्च कर सम्पूर्ण जमीन पर सुरक्षा दीवार का निर्माण किया था.कुछ वर्ष बाद उक्त जमीन में से नरेंद्र नगर फ्लाई ओवर टी पॉइंट ( रिंग रोड ) से वर्धा रोड स्थित रेडिसन ब्लू चौक तक की जमीन मनपा ने फ्लाई ओवर निर्माण के लिए ‘एमएसआरडीसी’ को दे दिया था.
काफी समय बाद सफेदपोशों के दूरदृष्टि को साकार करने के लिए मनपा प्रशासन ने शेष जमीन वर्धा मार्ग से हिंगणा टी पॉइंट तक एक प्रकल्प तैयार करवाया था,जिसे ‘लंदन स्ट्रीट’ का नाम दिया गया था.जब यह हक़ीक़त में साकार नहीं हुआ तो इस जगह का ‘लैंड यूज चेंज’ मनपा ने की और उसे ‘कमर्शियल’ कर इस प्रकल्प को नया नाम दिया गया ‘ऑरेंज सिटी स्ट्रीट’. उल्लेखनीय यह है कि उक्त कार्यालयीन प्रक्रिया के दौरान स्थानीय सफेदपोशों की शह पर जयताला मार्ग से वर्धा मार्ग तक ‘ऑरेंज सिटी स्ट्रीट’ में १५ वैध-अवैध कच्चे-पक्के सड़क मार्ग का निर्माण स्थानीय सफेदपोश के दबाव में मनपा की नगर रचना विभाग,स्थावर विभाग,लक्ष्मी नगर ज़ोन सहित मनपा के दिग्गज अधिकारियों की शह पर हो चूका हैं.इसमें से अधिकतर सड़क की पक्कीकरण के लिए मनपा प्रशासन ने निधि भी कई दफे खर्च कर चुकी हैं.जबकि सड़क या अन्य किसी मामले के लिए जगह देने का अधिकार मनपा सभाग्रह को हैं.स्थानीय नागरिकों के अनुसार सर्वपक्षीय खादीधारियों ने कुछ बिल्डर के स्कीम तक पहुंचने के सुलभ मार्ग तैयार करवाने के लिए मनपा प्रशासन के अधिकारियों पर दबाव बनाकर ‘ऑरेंज सिटी स्ट्रीट’ के बीच से जगह दी हैं.सम्पूर्ण ‘ऑरेंज सिटी स्ट्रीट’ की सुरक्षा दीवार लगभग ध्वस्त हो चुकी हैं,३० से ४० % हिस्से में अतिक्रमण हैं.कुल मिलाकर मनपा की अभिनव योजना ‘ऑरेंज सिटी स्ट्रीट’ की जगह दिनोदिन सिकुड़ती जा रही हैं.समय रहते मनपायुक्त आश्विन मुद्गल ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो सम्पूर्ण जगह का अधिकांश हिस्सा सफेदपोशों द्वारा अतिक्रमण करवा लिया जाएगा और अंत में मनपा को उक्त प्रकल्प रद्द करने के अलावा को चारा नहीं रह जाएगा।
साथ ही मनपा की संपत्ति व राजस्व को नुकसान पहुँचाने वाले सम्बंधित अधिकारियों पर नियमानुसार कड़क कार्रवाई की जाये अन्यथा स्थानीय अधिकारी-सफेदपोशों की मिली भगत से मनपा की जमीन अतिक्रमणकारियों के कब्जे में जाने का क्रम सतत जारी रहेंगा।