– गुरु दर्शन के लिए आ रहे भक्त
नागपुर :- परमात्मा का प्रिय पात्र वह है जो उत्तेजित, उद्विग्न नहीं होता है तथा प्रतिकूल परिस्थितियों में खुद को शीघ्र ही संतुलित कर लेता है। अपने व्यवहार से दूसरों को उत्तेजित नहीं करता। ईर्ष्या और द्वेष रहित ,भय तथा क्रोध के वातावरण में भी शांत रहता है। जो दूसरों के हाथ की कठपुतली नहीं है बल्कि आत्मानुशासित होकर जीता है। दुःखी रहना, व्याकुल रहना, खिन्न रहना, अशांत रहना और बेचैन रहना ऐसे आदत वाला व्यक्ति भक्ति से दूर हो जाता है। उक्त उद्गार विश्व जागृति मिशन नागपुर मंडल की ओर से रेशिमबाग मैदान के रामधाम पंडाल में पांच दिवसीय विराट भक्ति सत्संग के दौरान सदगुरुदेव आचार्य सुधांशु महाराज ने भक्तों से कहे। कथा के मुख्य यजमान गौरीशंकर अग्रवाल परिवार हैं। गुरु के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या भक्त समूह दूर दूर से सत्संग पंडाल में आ रहेहैं।
भक्तों संदेश देते हुए सुधांशु महाराज ने कहा कि हर क्षण जीवन में कुछ नया सीखने का अवसर ढूंढे। अच्छी आदतें और सद्गुण सीखने के लिए हमेशा तत्पर रहें। संसार के चक्रव्यूह में फंस कर व्यक्ति रह जाता है, जिस उद्देश्य के लिए जीवन मिला उससे अनजान रह जाता है। इसलिए वह विद्या भी सीखें जिससे संसार में सफल हो सकें। सामाजिक, पारिवारिक और आर्थिक उन्नति करें लेकिन इसके साथ पारलौकिक उन्नति की विधि भी सीखें। गीता में भगवान श्रीकृष्ण अ नासक्त होकर कर्म करने पर बल देते हैं।
सुधांशु महाराज ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण गीता में अपने प्रिय भक्तों की पहचान बताते हुए कहते हैं वह व्यक्ति मेरा प्यारा है जिससे कोई उद्वेग को प्राप्त नहीं होता तथा दूसरों के अशांत करने पर भी जो उद्वेग को प्राप्त नहीं हो। खुशी, ईर्ष्या और द्वेष से जो रहित है। ईर्ष्या वाला व्यक्ति हर समय अपने शत्रु का अहित चिन्तन करता हुआ क्रोध की अग्नि में जलता रहता है। बाह्य रूप से वह शुभ चिन्तक दिखना चाहता है ऐसा व्यक्ति भगवान का प्रिय नहीं होता है। जो हर प्रकार के भय और उद्वेग से रहित है वह भगवान का प्रिय है।
शनिवार को प्रातःकालीन सत्र में होगी गुरु मंत्र दीक्षा
20 जनवरी को विशेष कार्यक्रम के तहत सुबह 11.30 बजे से गुरूवर द्वारा विशेष आशीर्वचन तथा गुरुमंत्र दीक्षा दी जायेगी। इस कार्यक्रम में विशेष आकर्षण 20 तारीख को संध्या कार्यक्रम में गुरु जी के आगमन के पूर्व नंदनवन चौक से रामधाम पंडाल के मध्य विशेष राम राज्य सेवा की सजीव झांकी प्रस्तुत की जाएगी । इसका निर्माण अशोक जैन बाहुबली द्वारा किया जा रहा है। 21 जनवरी को सुबह के सत्र में ध्यान साधना करायी जायेगी। सत्संग की सफलतार्थ विश्व जागृति मिशन के सभी पदाधिकारी, कार्यकर्ता, महिला सदस्य प्रयासरत हैं।