नई दिल्ली :- ग्रहक भारती नामक उपभोक्ता अधिकार संगठन ने आईआरसीटीसी (भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम लिमिटेड) के खिलाफ जांच की मांग की है। संगठन का आरोप है कि आईआरसीटीसी यात्रियों से “सुविधा शुल्क” के नाम पर अत्यधिक राशि वसूल रहा है और वेबसाइट रखरखाव के नाम पर बड़े पैमाने पर खर्च कर रहा है।उक्त मांग सह आरोप अधिवक्ता विनोद तिवारी ने लगाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सह रेल मंत्री से सख्त कदम उठाने की मांग की।
आरोप और मांग
संगठन का कहना है कि आईआरसीटीसी की आय का एक बड़ा हिस्सा ऑनलाइन टिकट बुकिंग से आता है, लेकिन वेबसाइट रखरखाव के नाम पर किया जाने वाला खर्च अत्यधिक है। संगठन ने आईआरसीटीसी के खिलाफ सीबीआई, ईडी, सेबी और सीएजी से जांच की मांग की है।
संगठन की मांग है कि:
1. आईआरसीटीसी के खिलाफ सीबीआई, ईडी और सेबी से जांच कराई जाए।
2. सीएजी द्वारा आईआरसीटीसी के खातों की विशेष ऑडिट कराई जाए।
3. “सुविधा शुल्क” में कटौती की जाए और इसे एक रुपये प्रति लेनदेन तक सीमित किया जाए।
4. आईआरसीटीसी को ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए दिए गए अधिकारों की समीक्षा की जाए और इसे रद्द करने पर विचार किया जाए।
*क्या है मामला?*
आईआरसीटीसी की आय का एक बड़ा हिस्सा ऑनलाइन टिकट बुकिंग से आता है। संगठन का आरोप है कि आईआरसीटीसी वेबसाइट रखरखाव के नाम पर बड़े पैमाने पर खर्च कर रहा है, जो कि निजी कंपनियों के खर्च की तुलना में अत्यधिक है।
संगठन का कहना है कि आईआरसीटीसी के इस तरह के खर्च यात्रियों के अधिकारों की अनदेखी करते हैं और डिजिटल भारत की पहल के उद्देश्य को भी कमजोर करते हैं।
अब देखना यह है कि आईआरसीटीसी के खिलाफ जांच की मांग पर क्या कार्रवाई होती है और यात्रियों के अधिकारों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।