काटोल :-बेमौसम बरसात उसके साथ ओलों की बारिश ने खेतों में रबी कीखड़ी फसलों के साथ साथ संतरा मोसंबी पर कहर बरपा दिया है। शनिवार सुबह 11 बजे के दरमीयान नागपुर जिले के काटोल तहसील में बे मौसम बरसात के चलते गेहूं, चना, कि फसलों, साग सब्जीयों तथा फूलों की फसलें नष्ट होने के साथ सबसे अधिक मार संतरा के मृग तथा अंकीय बहार के फलों पर पडने के कारण किसानों को करोड़ों का नुकसान हो चुका है। जानकारी मिलते ही स्थानिक नेतागण जि प सदस्य सलील देशमुख तथा कृषि महकमा पिडीत किसानों के खेतों में पहूंच कर अभी तक के ओलावृष्टि के खराबे का अनुमान लगाने में जुटा है,जब की राष्ट्र वादीकांग्रेस ने अब खराबे के कारण हुए नुकसान के लिए मुआवजा देने की मांग की है।
काटोल तहसील के सोनोली,मेंडकी,गोंधनी, गोंडी दिग्रस, झिलपा डोंगरगाव, पठार,चनकापूर माळेगाव, ईसापूर, खामली, चीखली,मोह खेडी येणवा,कलंभा जटामझरी,वाढोणा कारला, खामली तथा अन्य गांव में कड़कड़ाती बिजली, बादलों की भारी गर्जना के साथ हुई बरसात ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। जिले भर में बेमौसम बरसात के कारण भारी खराबा हुआ है। फसलें चौपट हुई तो किसानों के मुंह से रौनक भी गायब हो गई है। ओलावृष्टी के चलते किसानों के खेतों में फसलें चौपट हो गई हैं।खेतों में गेंडा की फसल पूरी तरह आड़ी हो गई हैं।
मृगफसल के संतरा-मोसंबी फल धराशाई हो गये वहीं अंबीया के फल पर ओले के मार से पुरी फल फसल ही किसनों के हांथो में नही आयेगी.फिलहाल खराबे का सही अनुमान तो नहीं लगा कृषि, राजस्व, ग्राम विकास, विभाग ने किसानों के खेतों में हुए नुकसान का आकलन करना शुरू कर दिया है।
ओलावृष्टी से पीडित किसनों ने काटोल के विधायक अनिल देशमुख से मांग कि है की काटोल, नरखेड तहसीलों समेत अन्य क्षेत्र में बरसात ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलों में भारी नुकसान हुआ है। खराबे का जल्दी से जल्दी आकलन कर मुआवजा दिलवाने के लिए सोमवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री से मांग करें। आशा है कि जल्दी ही इस संबंध में निर्णय लें।