युवाओं के चरित्र निर्माण में सहायक है हनुमान कथा: डॉ. प्रज्ञा भारती
नागपुर :- उत्तम चरित्र मानव को मानव बनाता है। चरित्र निर्माण में हनुमानजी ने उच्च मापदंड स्थापित किये हैं। रामकाज करना हनुमानजी का ध्येय था। उसी ध्येय पर अडिग रहते हुए उन्होंने जीवन को सफल बनाया। अपने संपर्क में आये हुए व्यक्तियों जैसे – सुग्रीव, विभीषण को भी श्रीराम से मिलाया और सफल बनाया। अपने शिक्षा अध्ययन के कार्य को ध्येयपूर्वक करने से विद्यार्थी हनुमानजी की तरह सफल एवं उत्तम चरित्रवाले युवा बन सकते हैं। उक्त आशय के उद्गार डॉ. प्रज्ञा भारती ने हनुमान कथा के दौरान कहे।
हनुमान जयंती के अवसर पर प्रातः शोभायात्रा एवं प्रभातफेरी का कीर्तन, ढोल ताशे के साथ निकाली गई। पश्चात् हवन एवं सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। इस अवसर पर कथा प्रेमियों के लिए महाप्रसाद रखा गया था। कथा के प्रारंभ में व्यासपीठ का पूजन डॉ. लालचंद जैस्वाल ने किया। महाआरती में सक्करदरा पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक धनंजय पाटिल प्रमुख रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. गायत्री व्यास एवं आभार प्रदर्शन डॉ. रामकृष्ण छांगाणी ने किया। महाप्रसाद का आयोजन किया गया।
हनुमान कथा की सफलतार्थ चोखानी, चंद्रशेखर शर्मा, संजय जोशी, डॉ. संतोष शर्मा, नथमल अग्रवाल, डॉ. अर्चना दाचेवार, डॉ. मृत्युंजय शर्मा, डॉ. बृजेश मिश्रा, डॉ. हरीष पुरोहित, डॉ. शिल्पा वराडे, हरीओम दुबे, डॉ. विनोद चौधरी, डॉ. देवयानी ठोकळ, डॉ. अश्विन निकम, डॉ. उदय पावडे, डॉ. अर्चना बेलगे, डॉ. सुरेखा लांडगे,अंजनकर, डॉ. सुरेश खंडेलवाल, डॉ. जगमोहन राठी, डॉ. रचना रामटेके, डॉ. स्नेहविभा मिश्रा, प्रचार प्रसार समिति के डॉ. जयकृष्ण छांगाणी एवं डॉ. कल्पेश उपाध्याय, महाविद्यालय प्रतिनिधि डॉ. आदित्य हटवार, फड ने सहयोग दिया।