नागपूर :- नागपुर मेट्रो, माझी मेट्रो के माध्यम से हम सीमित उपयोगिता को समझते हुए, यह समझ रहे हैं कि यह व्यवस्था हमारे नागरिकों को एक जगह से दूसरी जगह लाने ले जाने के लिए बनाई गई है। हमें इससे आगे की सोच रखते हुए, यह देखना होगा कि क्या महामेट्रो से हमारी सामाजिक, आर्थिक, व्यापार करने में सरलता, पर्यावरण को स्वच्छ बनाना, शहर की यातायात व्यवस्था को सुगामी करना, रोजगार उत्पन्न करना, बाजार की भीड़भाड़ को कम करना, सड़कों पर वाहनों को कम करना आदि सब विषय का हल हमें महामेट्रो में दिखता है।
शहर में यातायात का बहुत बड़ा हिस्सा नागरिकों के आने-जाने के अलावा वस्तुओं को शहर के एक छोर से दूसरे छोर तक ले जाना का कार्य करने हेतु भी रहता है। अगर महामेट्रो में हम ऐसी कोई योजना निर्मित करें कि नागरिकों के साथ-साथ माल की ढूलाई की भी व्यवस्था हो जाए तो बहुत सा माल कम पैसे में यहां से वहां आदान-प्रदान होने लग जाएगा। इसके बारे में सोचना बहुत जरूरी है।
जगह जगह ई-रिक्शा की सुविधा उपलब्ध है। अगर विक्रेता अपने माल को सही तरीके से पैकिंग करता है। वह माल ई रिक्शा द्वारा मेट्रो के नजदीकी स्टेशन तक पहुंच जाता है। वहां से वह दूसरी जगह मेट्रो से चला जाता है। वहां उसे उतारकर उसके अपने गंतव्य तक पहुंचा दिया जाता है, तो सड़क का बहुत सारा वाहन का बोझा कम होने की संभावना है।
माल ढुलाई की मेट्रो द्वारा व्यवस्था हो जाने से कई युवा शहर में माल एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाने की व्यवस्था का व्यवसाय शुरू कर देंगे। वह अपने साथ लड़के रखेंगे जो दुकानों में माल की पैकिंग करें। अपनी मजदूरी लेवे। फिर ई रिक्शा से माल को मेट्रो स्टेशन तक पहुंचाएं। वही रिक्शावाला अपनी मेहनत की कीमत लेवे। जो युवा यह व्यवस्था चलाएंगे वह अपना उचित सेवा शुल्क लेवें। इस प्रकार से व्यापार करने में सरलता के साथ साथ नए रोजगार भी निर्मित होंगे।
बाजारों में माल ढुलाई करने हेतु गाड़ियां लगी रहती है। इससे भी बाजारों में भीड़ भाड़ ज्यादा होने लगती है। यह सुविधा रहने से बाजारों की भीड़ भी कम हो जाएगी और व्यापार आगे बढ़ेगा।
आज हमारे बाजारों में हमारे कर्मचारी अपनी अपनी दोपहया गाड़ी से आते हैं। यह गाड़ियां दुकानों के बाहर दिनभर खड़ी रहती है। इससे भी बाजारों में खाली जगह भर जाती है। हमारे कर्मचारी अपने घर से दुकान तक आते हैं। गर्मी में, बारिश में और थक भी जाते हैं। अगर इन कर्मचारियों को हम मेट्रो से आने के लिए प्रोत्साहित करते हैं तो यह कर्मचारी जब आएंगे तो अपनी पूरी ऊर्जा से काम कर सकेंगे। इससे बाजारों में ग्राहकों के लिए पार्किंग की व्यवस्था भी अच्छी हो जाएगी। हम लोगों को इसके बारे में सोचना बहुत जरूरी है।
मेट्रो का जितना उपयोग होगा सड़कों पर भीड़ कम होगी, प्रदूषण रहित शहर हो जाएगा और सभी नागरिक एयर कंडीशन व्यवस्था में आना-जाना कर सकेंगे।
जब मेट्रो में ज्यादा लोग आने लगेंगे, माल की ढूलाई भी होने लगेगी तो निश्चित रूप से मेट्रो के किराए में भी कमी आएगी। भीड़ को देखते हुए मेट्रो प्रबंधक गाड़ी के डब्बे भी ज्यादा करेंगे। विश्व के बड़े शहरों में वहां के लोग निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक यातायात प्रणाली का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करते हैं हमें यह पद्धति अपने शहर में लाने की जरूरत है मेट्रो रेल के लाभ को समझना जरूरी है और इसके अलग-अलग उपयोग कौन-कौन से हो सकते हैं उसकी भी जानकारी रखना बहुत जरूरी है सभी लोग इस बात पर गौर करें।
मेट्रो के सही उपयोग से हम लोग बाजार में भीड़भाड़ कम कर सकते हैं। बहुत सी जगह हमारी या हमारे कर्मचारियों की गाड़ियों की पार्किंग में दिन भर रुकी रहती है। उसे कम कर सकते हैं। रोजगार को बढ़ावा दे सकते हैं और इज ऑफ डूइंग बिजनेस का भी लाभ ले सकते हैं।