मुंबई :-शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने मुंबई के पत्राचॉल घोटाला मामले में जमानत पर रिहा होने के बाद एक बार फिर ‘सामना’ के संपादकीय में बीजेपी पर हमला बोला है. कल सामना के ऑफिस में कार्यकारी संपादक का पदभार एक बार फिर संभालने के बाद आज (11 नवंबर, शुक्रवार) उन्होंने संपादकीय में लिखा है, ‘मुंबई-महाराष्ट्र के बीजेपी के कम से कम 7 मंत्री और 15 सांसद-विधायक, बीजेपी को फायदा पहुंचाने वाले बिल्डर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल जाएंगे. उन पर ऐसे आरोप हैं.’ इसके बाद संजय राउत कहते हैं , ‘लेकिन ईडी खुद आरोपी को चुनती है.’
संजय राउत ने यहां वही बात कही है जो मुंबई सेशंस कोर्ट के स्पेशल पीएमएलए कोर्ट के न्यायाधीश एम.जी.देशपांडे ने उनकी जमानत मंजूर करते हुए कहा था कि ईडी ने अवैध तरीके से और अपनी मर्जी से संजय राउत और प्रवीण राउत को आरोपी बनाया जबकि कई गवाहों का इशारा राकेश वाधवन और सारंग वाधवन की ओर था.
जो शिंदे-फडणवीस के आगे नहीं झुकता, ED- CBI के चंगुल में फंसता
आगे संजय राउत लिखते हैं, ‘महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी सरकार को गिराने के लिए शिवसेना को तोड़ने के लिए ईडी का इस्तेमाल हुआ. ईडी जिन्हें पहले अरेस्ट करने वाली थी, उनके शिवसेना छोड़ते ही क्लीन चिट दे दी गई. जिन्होंने शिंदे-फडणवीस के सामने झुकने से इनकार किया वे ईडी और सीबीआई के चंगुल में फंसाए गए.देश में कानून का राज नहीं है. न्यायपालिका पर दबाव डाला जा रहा है. केंद्रीय एजेंसियां गुलाम बन गई हैं. स्पेशल कोर्ट ने यह बात साफ तौर पर सामने रखी है.’
विपक्ष ना उठाए सवाल, इसलिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल
सांसद ने संपादकीय में लिखा है, ‘ किसी भी एजेंसी का नोटिस विपक्षी दल के नेताओं को ही क्यों थमाया जाता है? उन्हें ही गिरफ्तार क्यों किया जाता है? यह सवाल झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी पूछ रहे हैं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पूछ रही हैं. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव भी पूछ रहे हैं. यह भी खुलासा हुआ है कि रांची में छापेमारी के लिए ईडी ने बीजेपी से जुड़े लोगों की गाड़ियों की इस्तेमाल किया.’