– आई.जी.एफ.(इस्कॉन गर्ल्स फोरम) द्वारा वैष्णवी पदयात्रा
नागपूर :-अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के नागपुर केंद्र श्री श्री राधा गोपीनाथ मंदिर, गेट नम्बर 2 एंप्रेस मॉल के पीछे, नागपुर द्वारा विश्व हरिनाम सप्ताह का आयोजन इस्कॉन संस्थापकाचार्य ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद के प्रिय शिष्य श्रील लोकनाथ स्वामी महाराज की प्रेरणा से, इस्कॉन अध्यक्ष सचिदानंद प्रभु के निर्देशन में एवं उपाध्यक्ष व्रजेंद्र तनय प्रभु के मार्गदर्शन में किया गया।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत इस्कॉन गर्ल्स फोरम (IGF) द्वारा द्वितीय “एक दिवसीय वैष्णवी पदयात्रा” का आयोजन आदिशक्ति माताजी के नेतृत्व में किया गया जिसमें दो सौ से अधिक युवतियाँ एवं महिलाओंने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सर्वप्रथम मनुप्रिया माताजी ने गौर निताई की आरती की उस समय प्रणय किशोरी माताजी ने हरे कृष्ण महामंत्र हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।। का सुमधुर कीर्तन किया। उसके बाद शुभांगी माताजी द्वारा उत्साहवर्धक आशीर्वचनों के साथ पदयात्रा का शुभारम्भ हुआ।
इस्कॉन नागपुर के प्रवक्ता डॉ. श्यामसुंदर शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह पदयात्रा इस्कॉन मंदिर से प्रारंभ होकर फुले मार्केट, लोहापुल, शनि मंदिर रोड, महाराष्ट्र बैंक चौक, झांसी रानी चौक, व्हेरायटी चौक, ग्लोकल मॉल, महाराष्ट्र बैंक चौक, कॉटन मार्केट चौक होते हुए पुनः इस्कॉन मंदिर में समाप्त हुई। पदयात्रा के मार्ग मे जोशी परिवार ने सभी को नींबू शरबत का वितरण किया और वनमालीगोविंद प्रभुजी ने पानी और नाश्ते की व्यवस्था की।
पदयात्रा के मार्ग में IGF की कन्याओं ने सुमधुर हरे कृष्ण महामंत्र का कीर्तन किया। कार्यक्रम के समापन पर इस्कॉन की वरिष्ठ भक्त एच.जी. शुभांगी माताजी ने बताया कि यह हरिनाम सप्ताह पूरे विश्व में मनाया जाता है। पहले सिर्फ एक दिवसीय विश्वहरिनाम दिवस के रूप में मनाया जाता था जिसका प्रारंभ लोकनाथ स्वामी महाराज ने प्रभुपाद सेंटेनियल के समय किया। यह वो दिन है जिस दिन प्रभुपाद ने पहली बार अमेरिका की धरती पर पांव रखा। इसके अलावा माताजी ने ‘कलियुग में हरिनाम के महत्व’ पर प्रवचन देते हुए बताया कि कैसे कलियुग में भक्ति और साधना के लिए हरिनाम एक सरल और प्रभावी माध्यम है, जो लोगों को मानसिक और आत्मिक शांति प्रदान करता है। उनके प्रभावशाली प्रवचन के बाद सभी ने प्रसाद का आनंद लिया।
इस पदयात्रा में विग्रह सेवा में दामोदर प्रिया माता, मनु प्रिया माता, कृष्ण कांता माता, जपारुचि माता, जानकी प्रियसी माता , मंजीरी माता, लीलामयी राधा माता का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कीर्तन सेवा में सुनंदा माता जी, प्रणय किशोरी माता, उन्नति, मृण्मयी, श्रुति पांडे, मयूरी, धनश्री, श्रुति, तान्वी, जान्वी, वैष्णवी। शामिल थे । वृंदा प्रिया माता, केशवतोषिणी माता, भक्तिनिधि माता, प्रिया, आसावरी, ऋषिका ने नृत्य प्रस्तुतियों का संचालन किया। पुस्तक वितरण की जिम्मेदारी गौरांगिशक्ति माताजी, गायत्री, तन्वी, पल्लवी और खुशी ने ने संभाली । तथा अन्य कई सेवाओं में स्नेहा माताजी, प्रीति माताजी, मोहिनीश्यामा माता आदि ने सहयोग दिया। इस अद्भुत कार्यक्रम को सफल बनाने में अन्य भक्तों का भी योगदान रहा। प्रसाद सेवा एवं भीड़ नियंत्रण में युगलनाम निष्ठा प्रभू, पुरुषोत्तम प्रभू, एकनाथ प्रभू, नित्य कृष्ण किशोर प्रभू, किशन प्रभुजी, निलेश प्रभुजी, मनीष चौरसिया और विशाल प्रभुजी ने सहायता की। इस प्रकार, इस्कॉन गर्ल्स फोरम के समर्पण और सेवाभाव से यह पदयात्रा भव्य और सफल रही। मीडिया के लिए अक्षदा, पूर्वा और ऋषिका ने तथा कीर्तन सेवा मे रघुपति शरण प्रभु, नारायण शर्मा, कृष्णा जायसवाल, वेदांत जीवनापुरकर, ऋषि शर्मा ने सहयोग दिया ।
आदिशक्ति माता ने समस्त सेवार्थियों एवं इस्कॉन प्रबंधन समिति का विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम की सफलता सभी सेवकों के अथक परिश्रम, समर्पण और सामूहिक प्रयास का परिणाम है। उन्होंने सभी भक्तों के सहयोग, निष्ठा और सेवाभाव की सराहना की, जिनके बिना इस पदयात्रा का आयोजन संभव नहीं हो पाता। साथ ही, उन्होंने इस्कॉन प्रबंधन समिति का भी विशेष धन्यवाद दिया, जिनके मार्गदर्शन और समर्थन से यह कार्यक्रम इतनी भव्यता से सम्पन्न हो सका।
डॉ. श्यामसुंदर शर्मा,प्रवक्ता इस्कॉन नागपुर