– सेवा के सिद्धांत से पत्रकारिता निभाई – पुरोहित
नागपुर :- पंजाब के पूर्व राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि नवभारत-नवराष्ट्र के प्रधान संपादक विनोद माहेश्वरी की पत्रकारिता सेवा के सिद्धांत से ओतप्रोत थी. पत्रकारिता और प्रबंधन एक साथ संभालने वाले विलक्षण प्रतीभा के धनी थे. प्रेस क्लब आफ नागपुर, पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी आफ इंडिया (पीआरएसआई) की ओर से प्रेस क्लब में आयोजित आदरांजलि कार्यक्रम में शहर की कई सामाजिक, राजनीतिक और साहित्यिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे. इस अवसर पर बैद्यनाथ के प्रमुख व विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष सुरेश शर्मा, नवभारत के एडिटर इन चीफ निमिष माहेश्वरी, प्रदीप मैत्र, विधायक कृपाल तुमाने, कृष्णा खोपड़े, एस. पी. सिंह, यशवंत मोहिते मंच पर उपस्थित थे. सभी ने श्री माहेश्वरी की पत्रकारिता, सामाजिक सरोकार, साहित्यिक योगदान को याद किया.
इस अवसर पर राज्य सूचना आयुक्त राहुल पांडे, वरिष्ठ पत्रकार एस. एन. विनोद, जोसफ राव, अतुल कोटेचा, उमाकांत अग्रिनहोत्री, गोविंद प्रसाद उपाध्याय, श्रीकृष्णा चांडक, विजय केवलरामानी ने भी अपने शब्द सुमन अर्पित किए. संचालन मनीष सोनी ने किया. इस अवसर पर राजेंद्र पुरोहित, एस. क्यू, जमा, अमित वाजपेयी, राजा उपाध्याय, कमला मोहता, रामप्रताप शुक्ला, विनय जैन, संजय पुगलिया, मनीष छल्लानी, कमला मोहता,मणिकांत सोनी, कृष्णा नागपाल, सागर खादीवाला उपस्थित थे.
– मुझे नगरसेवक से विधायक बनाया – खोपड़े
मैं 17-18 वर्ष की उम्र से ही नवभारत से जुड़ा. कॉटन मार्केट के आफिस में सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों की खबरें देने जाता था. सच कहूं तो मुझे नगरसेवक से विधायक उन्होंने ही बनाया है. : विधायक कृष्णा खोपड़े
– ग्रामीण भाग की प्रगति के लिए चिंतित थे – तुमाने
शहर के साथ वे ग्रामीण भागों में विकास के लिए भी चिंतित रहते थे. अक्सर मुझे जिले और राज्य के ग्रामीण भागों मे विकास कार्यों को सुझाव देते थे और संसद में मुद्दा उठाने को कहते थे.
हमने कई बार ऐसा किया भी : पूर्व सांसद कृपाल तुमाने
हर नागरिक का भला सोचते थे : राहुल पांडे
उनका नागपुर शहर पर विशेष प्रेम था. उनका निधन सिर्फ नवभारत ही नहीं, पूरे शहर का नुकसान है. वे शहरी के भले का विचार करते थे.
– छोटे से छोटे शहरी की जरूरत को समझते थे. : राहुल पांडे, RTI आयुक्त
नहीं भुल सकता उनके वे शब्द मैं नवभारत के साथ जीता हूं और नवभारत के साथ ही मरना चाहूंगा. इसमें कोई समझौता नहीं होगा. आपको हिंदी पत्रकारिता को आगे बढ़ाना होगा. उनके ये शब्द में कभी नहीं भुल सकता
– एसएन विनोद, वरिष्ठ पत्रकार
48 घंटों में समाधान तय
ये उनकी पत्रकारिता को ही असर था कि एक बार यदि नवभारत में कोई जनसमस्या छप जाये तो 48 घंटों के भीतर उसका समाधान कर दिया जाता था. शहरवासियों ने अपना हितैषी खो दिया
-जयप्रकाश गुप्ता