– कोदामेंढी ग्रामपंचायत के सत्ताधारी छुटभैय्या नेता की मनमानी से सभी त्रस्त
नागपुर/ कोदामेंढी :- ग्रामीण इलाकों में किसानों के रोजमर्रा उत्पादों को बिक्री कर खुद की जीविकोपार्जन के लिए बाजार की अहमियत को मद्देनज़र रखते हुए जिला परिषद्/जिलाधिकारी प्रशासन ने व्यवस्था की ताकि ग्रामीण इलाके के गोर-गरीब नागरिकों को उनकी जरुरत की चीजे/सब्जी आदि सस्ती व तरोताजी आसपास में मिल सके.लेकिन प्रशासन के सकारात्मक मनसूबे पर सफेदपोश छुटभैय्या नेता अड़ंगा डाल कर खरीददार आम नागरिकों,उत्पादक व बिक्री करने वाले किसानों और प्रशासन की ओर से अधिकृत साप्तहिक बाजार का संचालन करने वालों को अपने पद का दुरूपयोग कर तकलीफें दी जा रही हैं.ऐसा ही कुछ हाल कोदामेंढी ग्रामपंचायत परिसर में प्रत्येक गुरुवार को लगने वाली साप्ताहिक बाजार का हैं.
याद रहे कि कोदामेंढी ग्रामपंचायत क्षेत्र में प्रत्येक गुरुवार को अधिकृत रूप से साप्ताहिक बाजार लगता हैं.इस बाजार के आयोजन के लिए जिला परिषद्/जिलाधिकारी प्रशासन बाकायदा टेंडर निकालती हैं.टेंडर के प्राप्तकर्ता नियमानुसार सम्बंधित प्रशासन को वर्षभर का मांग अनुरूप शुल्क आदि एडवांस में जमा करते हैं.और फिर प्रत्येक गुरुवार को टेंडर शर्त के हिसाब से तय शुल्क प्रत्येक माल/भाजी आदि के थोक व चिल्लर विक्रेता से वसूलते है,जिसके एवज में उन्हें रसीद देते है,जिसमें प्रशासन द्वारा तय रकम/शुल्क अंकित और मोहर लगा होता हैं.
ऐसे बाज़ारों से कोदामेंढी ग्रामपंचायत के आसपास के गांवों के छोटे-मोटे सब्जी/फल के उत्पादक किसानों के तरोताजा माल/सब्जी/फलों की बिक्री से उनका उदर पोषण,क्षेत्र के छोटे-बड़े अन्य सामग्री आदि के व्यापारियों की सामग्री बिक्री के लिए उक्त प्रकार के साप्ताहिक बाजार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा हैं.इससे बेरोजगारी भी दूर हो रही और गांव के आसपास के छोटे बड़े किसानों/व्यापारियों का आर्थिक स्थिति भी पटरी पर हैं.इन्हें व्यापार करने के लिए दूर-दराज भटकना नहीं पड़ता हैं.
दूसरी ओर कोदामेंढी ग्रामपंचायत के आसपास के छोटे बड़े गांवों में रहने वाले गोर-गरीब नागरिकों को प्रत्येक सप्ताह गुरुवार बाजार से उनके रोजमर्रा की वस्तु/सब्जी/किराणा/कपड़े/विभिन्न त्याहारों से जुड़ी वस्तुए आदि आसानी से जेब पर भार न पड़ने वाले दामों में मिल जाया करती हैं.
इन बाज़ारों की अहमियत देख स्थानीय बेरोजगारों ने नए नए छोटे बड़े व्यवसाय कर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने का निर्णय लेकर बाज़ारों में दुकानों की संख्या प्रत्येक सप्ताह बढ़ाते गए ,जो आज के समय में सकारात्मक पहल हैं.
उल्लेखनीय यह है कि गुरुवार को कोदामेंढी ग्रामपंचायत अंतर्गत मार्ग पर गुरुवार बाजार लगा ही था कि सफेदपोश के रूप में असामाजिक तत्वों ने ग्राम पंचायत की आड़ में पुलिस प्रशासन की मदद से लगी बाजार को तबाह कर दिया,व्यापारी सह खरीददारों का बड़ा नुकसान कर दिया,इसके पीछे स्थानीय ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों का हाथ होने की चर्चा हैं,उनका तर्क यही निकला कि बाजार का संचालन कर्ता भाजपा का है और ग्राम पंचायत में सत्ता याने प्रमुख कांग्रेस की है इसलिए जो कांग्रेस के पदाधिकारी के जी में आएगा वो ही होगा।
ग्राम पंचायत प्रमुख पदाधिकारी और कुछ विपक्षी पदाधिकारियों की मिलीभगत का नतीजा गुरुवार बाजार को तहस नहस किया गया.बाजार के भरोसे रोजी-रोटी कमाने वाले छोटे मोठे किसान रूपी व्यापारियों में दहशत का निर्माण हो गया क्यूंकि गुरुवार बाजार में उनके माल सह सब्जी-भाजी फेंक दिए गए,इसलिए उन्होंने अब मनसर में लगने वाली या अन्य जगह माल-सब्जी-भाजी बेचने का मानस बना रहे हैं.
इसी बीच गुरुवार बाजार में हुए नुकसानग्रस्त कुछ व्यापारी-किसान-ग्राहक-ठेकेदार सोमवार को उपमुख्यमंत्री कार्यालय में निवेदन सौंप न्याय की गुहार और दोषियों पर नियमानुसार कड़क कार्रवाई की मांग करेंगे।