– टेकचंद सनोडिया शास्त्री,
विशेष औधोगिक प्रतिनिधि.
विशेष औधोगिक प्रतिनिधि.
– 50 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार का स्वर्ण अवसर
नागपूर – महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश सीमावर्ती जिलों जिसमे नागपूर,चंद्रपुर,यवतमाळ, छिन्दवाडा, बैतूल,अमरावती खंडवा व नरसिंगपुर जिले के भूगर्भ मे अरबों-खरबों मिलियन टन काला हीरा बनाम कोयला के भंडार का पता चला है. तत्संबंध मे कोयला मंत्रालय को भी भलिभांति अवगत है. बताते है विगत वर्षों मे भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग की ओर से भूगर्भ का परीक्षण किया जा चुका है ? परंतु सरकारी यंत्रणा इस कोल बेल्ट एरिया मे कोयला खदानें खोलने मे उदासीनता दर्शा रहा है.अधिकारिक सूत्रों की माने तो विदर्भ के लोग काम कम और अकारण आंदोलन अधिक करते है ? विशेषज्ञों की माने तो छिन्दवाडा बैतूल जिला तथा नागपूर चंद्रपुर यवतमाल जिले के भूगर्भ मे करीबन 50 हजार मिलियन अरब टन कोयला दबा पडा है ? जिसकी भूगर्भ मे दबा कोयला की परत कहीं पर तीन मीटर से लेकर नौ मीटर आंकी गयी है. भूगर्भ मे यह परत 300 सौ मीटर से 700 मीटर की गहरायी पर पायी गयी है. इतना ही नही अनेक स्थानों पर 20 से 30 -35 मीटर गहरायी पर कोयला प्रचुर मात्रा मे होने के कारण वहां ओपन कास्ट खदानों से विदेशी तकनीकों के जरिये कोयला उत्खनन किया जा सकता है ?
प्राप्त जानकारी के मुताबिक नागपूर जिले के कुही,उमरेड,सावनेर,पारसिवनी,टेकाडी,कन्हान,गोडेगांव, भरतवाडा,नरखेड,काटोल,परमेश्वर,कामठी तहसील, चंद्रपुर जिले के बल्लारपुर.महाकाली,घुग्गुस, बावूपेठ,लालपेठ,सास्ती एरिया,तडाली,भद्रावती,बरोरा एरिया, यवतमाल के वनी एरिया व वनीनार्थ क्षेत्र सहित अनेक इलाकों के भूगर्भ मे कोयला दबा पडा है ? उसी तरह छिन्दवाडा जिले के पांडुरना,चांद चोरई,अमरवाडा,रामगड, बिलेहरा, सालीवाडा, कन्हान एरिया की घोरावाडी, दमुआ, नन्दनवन,राखीकोल,डुंगरिया, ह्रदयगड, जामई-जुन्नारदेव,सुकरी जाटरछापा,चिकलमऊ पनारा, पेंच एरिया मे गुढी-अंबाडा,न्यूटन चाखली, परासिया,रामनवाडा, इकलेहरा,बडकूही, चांदामेटा, हरनभटा,शिवपुरी,खिरसाडोह, तथा बैतूल जिले मे सारणी.तबा, घोडाडोंगरी,पाथाखेडा मुलताई, पांडुरना के आदि के भूगर्भ मे प्रचुर मात्रा मे कोयला उपलब्ध होने की खबर है.
कोयला मंत्रालय के सूत्रों की माने तो वेकोलि अंतर्गत आध्रप्रदेश और तेलांगणा के भूगर्भ मे 20 अरब मिलियन टन कोयला है,पं वंगाल मे 30 अरब मिलियन टन,मेघालय मे 100 मिलियन टन.ऊडीसा मे700 अरब मिलियन टन.नागालैन्ड मे 5 अरब मिलियन टन कोयला,उत्तरप्रदेश मे120 अरब मिलियन अरब मिलियन टन कोयला,बिहार मे 70 अरब मिलियन टन कोयला,अरुणा प्रदेश मे 18 अरब मिलियन टन कोयला का भंडार दबा होने की खबर है ? भारत मे गोंडवाना कोयला की मात्रा 200 अरब मिलियन टन है तथा टर्शियरी कोयला की मात्रा 90 अरब मिलियन टन हैl कुकिंग कोयला की मात्रा 35 अरब मिलियन टन है, तथा नान कुकिंग कोयला की मात्रा 24,500 अरब मिलियन टन है.
कोयला की गुणवत्ता और राख धूल प्रदूषण
केंद्रीय ऊर्जा अनुसंधान की प्रयोगशाला की रिपोर्ट के मुताबिक भारत मे कोयले मे राख की मात्रा 24-से 25 प्रतिशत रेती-मुरुम-मिट्टी की मात्रा 6 प्रतिशत तक पाई जाती हैl नतीजतन भारत के पावर प्लांटों मे राख व धूल प्रदूषण की समस्या निर्माण हो रही है ? भारतीय कोयले मे गंधक की मात्रा अधिक तथा सल्फर की मात्रा कम होती है. परिणामतः राख और धूल कोयले मे मिल जाती हैl भूमिगत कोयला खदानों मे जहरीली गैस का खतरा बना रहता है ? जबकि यूरोप और अन्य देशों की तरह कोयले से अलग करने मे काफी परेशानियों का समना करना पडता है ?
उक्त कोल बेल्ट परिक्षेत्रों मे यदि कोयला खदानें शुरु की जाती है तो विदर्भ के पावर प्लांटों के लिए बाहरी राज्यों से घटिया दर्जे का कोयला आपूर्ती नही करना पडेगा ? तथा प्रत्यक्ष मे स्थानीय 50 हजार सुशिक्षित बेरोजगारों तथा अप्रत्यक्ष मे 1 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा |