नागपूर – संत रामपालजी महाराज के अनुयायियों ने उमरेड तहसील जिल्हा नागपुर में एक दिवसीय सत्संग का आयोजन किया जिसमे क्षेत्र के श्रद्धालु सत्संग में शामिल हुए। सत्याग में मत रामपाल महाराज ने बताया कि हम क्यों जन्म लेते है ? और क्यों मरते हैं ? क्या हमारा जन्म मरण का चक्र समाप्त हो सकता है ? संत रामपालजी ने कहा कि कबीर भगवान की भक्ति पूरे गुरु से अगर हमें प्राप्त हो तो जन्म मरण का चक्र समाप्त हो सकता है एवं गीता अध्याय 18 लोक 62 में कृष्ण भगवान द्वारा बताया गया है कि अर्जुन तू उस परमात्मा की शरण में जा जिसकी शरण में जाने के बाद तुझे परम शांति परमसुख परमधाम प्राप्त हो सकता है । जिसकी जानकारी किसी तत्वदर्शी संत द्वारा बताई जाएगी इसका प्रमाण गीता अध्याय 4 श्लोक 14 में है । इस विशाल सत्संग में पवित्र धर्म के पवित्र सद ग्रंथ गीता बाइबल कुरान, गुरु ग्रंथ साहिब, चार वेद 18 पुराण, शास्त्री के आधार पर अनुयाधिको शास्त्रोक्त मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी । जिल्हा सेवादार चेतनदासजी शेंडे लहसील सेवादार श्रावणदासजी सयाम इनकी उपस्तिथि में संभागीय सेवादार मोहनदासजी सुतार ने बताया है कि संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से एक ऐसे समाज का निर्माण करना है । जिसमे नशा जुआ, सट्टे, कुरीतिया, दहेज जैसी बुराइयों से दूर रहते हुए प्रभु चिंतन करना है । इस अवसर पर संत रामपालजी महाराज के सत्संग से प्रभावित होकर कई श्रद्धालुओं ने नाम दीक्षा ली और मर्यादा में रहकर भक्ति करने का संकल्प लिया ।
भक्ति से मनुष्य का जन्म मरण का चक्र हो जाता है समाप्त… संत रामपालजी महाराज
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